- बालिका के पिता से बात कर बोले योगी, दोषियों को मिलेगी सख्त सजा

- हरसंभव मदद का वादा, सूडा योजना से शहर में एक घर देने की भी घोषणा

रुष्टयहृह्रङ्ख : हाथरस की हृदय विदारक घटना के बाद सरकार भी तेजी से हरकत में आ गई है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की जांच के साथ ही पीडि़त परिवार को न्याय और मदद की जिम्मेदारी हाथ में ली है। उन्होंने पीडि़त परिवार से बात कर हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। उसके तुरंत बाद ही परिवार को 25 लाख रुपये, एक सरकारी नौकरी और शहर में घर देने की घोषणा कर दी।

सीएम ने की पीडि़त के परिवार से बात

हाथरस में बालिका के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी मौत हो गई। इससे हर तरफ जबर्दस्त आक्रोश है। पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए बुधवार को मुख्यमंत्री ने जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी गठित करने के बाद बालिका के पिता से वीडियो कॉन्फ्रें¨सग के जरिए बात की। पिता ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। योगी ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया। साथ ही कहा कि सरकार परिवार के साथ है। प्रशासन को परिवार की हरसंभव मदद के निर्देश दिए। इसके बाद सरकार की ओर से पीडि़त परिवार को 25 लाख रुपये आर्थिक मदद, एक सदस्य को कनिष्ठ सहायक के पद पर सरकारी नौकरी और सूडा योजना के अंतर्गत हाथरस शहर में एक घर देने की घोषणा कर दी गई।

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एसआईटी करेगी पूरे मामले की जांच

- पीएम ने सीएम से वार्ता कर दोषियों पर कठोर कार्रवाई के दिए निर्देश

- एसआईटी में शामिल की गईं महिला अफसर भी, सात दिन में रिपोर्ट तलब

LUCKNOW (30 Sept): हाथरस सामूहिक दुष्कर्म कांड को लेकर एक बार फिर पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में है और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष का हमला बढ़ता जा रहा है। इस बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाथरस सामूहिक दुष्कर्म कांड की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी (विशेष जांच दल) गठित कर पूरे प्रकरण के हर पहलू की पड़ताल कराने का निर्देश दिया है। सचिव गृह भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की गई है, जिसमें डीआईजी चंद्र प्रकाश व एसपी पूनम बतौर सदस्य शामिल हैं। एसआइटी सात दिनों में अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।

कठोरतम कार्रवाई की बात

पीएम नरेंद्र मोदी ने हाथरस की घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की है और पूरे प्रकरण में दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई किए जाने की बात कही है। सीएम का कहना है कि मामले में किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी। सरकार ने अनुसूचति जाति की युवती के साथ हुई घटना की जांच के लिए गठित एसआईटी में इसी जाति के दो अधकारियों को भी शामिल किया है। 2004 बैच के आईपीएस अधिकारी चंद्र प्रकाश- द्वितीय तथा 2018 बैच की आईपीएस अधिकारी पूनम अनुसूचित जाति की हैं। सरकार ने सामूहिक दुष्कर्म कांड की जांच के लिए गठित एसआईटी में महिला अधिकारी को शामिल कर सीधा संदेश देने का प्रयास भी किया है। पूनम वर्तमान में पीएसी आगरा में कमांडेंट के पद पर तैनात हैं। एसआईटी अध्यक्ष आईजी भगवान स्वरूप साफ-सुथरी छवि के पुलिस अधिकारी हैं और वह लंबे समय से सचिव गृह के पद पर कार्यरत हैं।

Posted By: Inextlive