पहले घंटों एंबुलेंस का इंतजार फिर भर्ती होने में लगे 2 घंटे
12:40 दोपहर पत्नी शिव बहादुर को लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंची
01:30 पति को लेकर कोविड सेंटर के लिए रवाना 01:50 पति को लेकर कोविड सेंटर पहुंची पत्नी 02:35 वैन अस्पताल के अंदर स्ट्रेचर के पास आई - घंटों फोन मिलाते रहने के बाद भी कोरोना मरीज को नहीं मिली एंबुलेंस - सांस लेने में थी दिक्कत, फिर भी भर्ती होने में लग गया एक घंटा LUCKNOW: मेरे पति को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। हम लोगों को कल ही पता चला है कि उनको कोरोना हो गया है। कोरोना के मरीजों को कहां भर्ती किया जा रहा है। मेरी कोई मदद कर दे। ये कहते हुए एक महिला शनिवार को केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में इधर-उधर गुहार लगाते काफी देर घूमती रही। हालांकि काफी मशक्कत के बाद उसके पति को यहां के कोविड सेंटर में भर्ती कर लिया गया। नहीं आई एंबुलेंसजानकीपुरम निवासी 55 वर्षीय शिव बहादुर यादव को सांस लेने में तकलीफ हुई तो उन्होंने अपनी कोविड जांच कराई। जिसमें पता चला कि वे कोरोना संक्रमण का शिकार हैं। शनिवार सुबह जब उनकी तबियत बिगड़ी तो उनकी पत्नी ने एंबुलेंस को फोन लगाना शुरू किया, लेकिन घंटों बाद भी उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली।
स्कूल वैन बनी सहाराजब एंबुलेंस नहीं मिल तो शिव बहादुर की पत्नी ने पड़ोस में रहने वाले एक स्कूल वैन ड्राइवर से संपर्क किया और उसे अपनी समस्या बताई। स्कूल वैन चालक तुरंत अपनी वैन लेकर उनके घर पहुंचा और उनके साथ शिव बहादुर को लेकर केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर पहुंच गया।
कहां जाना है यहां पहुंचने के बाद शिव बहादुर की पत्नी लोगों से पूछती रही कि कोरोना के मरीजों को कहां देखा जा रहा है। घंटों की मशक्कत के बाद उन्हें पता चला कि उन्हें मरीज को लेकर केजीएमयू के कोविड सेंटर जाना होगा। इसकी जानकारी मिलते ही वे भाग कर वैन के पास आई और वैन ड्राइवर से बोलीं कि तुरंत कोविड सेंटर ले चलो। वे और वैन ड्राइवर लोगों से कोविड सेंटर का रास्ता पूछते हुए करीब 20 मिनट में कोविड सेंटर पहुंच गए। यहां भी उन्हें एडमिट होने के लिए काफी इंतजार करना पड़ा। बॉक्स सिर्फ एंबुलेंस अंदर जाएगी शिव बहादुर अपनी पत्नी संग जब केजीएमयू के कोरोना सेंटर पहुंचे तो सिक्योरिटी गार्र्डो ने सिर्फ एंबुलेंस ही अंदर जाएगी, वैन अंदर नहीं जा सकती है। स्कूल वैन को बाहर खड़ा कर ड्राइवर अंदर गया और करीब 45 मिनट बाद बाहर आया। इसके बाद स्कूल वैन को अस्पताल के अंदर जाने दिया गया।बॉक्स
दूर रहिए, मैं पॉजिटिव हूं
केजीएमयू में खड़ी स्कूली वैन के पास जाकर जब शिव बहादुर से बात की गई तो उन्होंने पहले कहा कि वे कोरोना पॉजिटिव हैं, उनसे थोड़ा दूर रहें। इसके बाद उन्होंने सभी सवालों का धीरे-धीरे जवाब दिया।