- किसी वार्ड में 50 तो कहीं 40 साल पुरानी पेयजल लाइन बिछी हुई

- आए दिन पेयजल लाइनों में होता लीकेज, जनता होती परेशान

LUCKNOW स्मार्ट शहर लखनऊ के कई ऐसे वार्ड हैं, जहां अभी तक सालों पुरानी पेयजल लाइनों के माध्यम से जनता तक पानी पहुंचाया जा रहा है। आलम यह है कि किसी वार्ड में 50 साल तो किसी वार्ड में 40 साल पुरानी पेयजल लाइन बिछी हुई है। समयावधि समाप्त होने के कारण आए दिन पेयजल लाइनों में लीकेज की समस्या सामने आती है। जिसके कारण लोगों को दूषित जलापूर्ति संबंधी समस्या का सामना करना पड़ता है। वार्ड पार्षदों की ओर से कई बार पेयजल लाइनों को बदले जाने की मांग भी उठाई लेकिन अभी तक स्थिति जस की तस बनी हुई है। गुजरते वक्त के साथ लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।

पुराने वार्डो में बूढ़ी पेयजल लाइनें

राजधानी के नए वार्डो में तो स्थिति ठीक है लेकिन जैसे ही बात राजधानी के पुराने वार्डो की सामने आती है, स्थिति बिल्कुल बदल जाती है। करीब 10 फीसदी वार्डो में सालों साल पुरानी पेयजल लाइन बिछी हुई हैं, जिसकी वजह से जनता की मुश्किलें बढ़ रही हैं।

इन वार्डो में सालों पुरानी लाइनें

घनी आबादी वाले लालकुआं वार्ड, महात्मा गांधी वार्ड, सरदार पटेल नगर वार्ड और बाबू बनारसी दास वार्ड की बात की जाए तो उक्त सभी वार्ड पुराने हैं। इन सभी वार्डो में 30 से 50 साल पुरानी पेयजल लाइन पड़ी हुई हैं। जिसमें आए दिन लीकेज की समस्या सामने आती है।

दूषित जलापूर्ति मुख्य समस्या

सालों पुरानी पेयजल लाइनों के साइड इफेक्ट की बात की जाए तो सबसे बड़ी समस्या दूषित जलापूर्ति की सामने आती है। आए दिन पाइपलाइन टूटने या उसमें लीकेज होने के कारण लोगों के घरों में गंदा पानी पहुंच जाता है। परिणामस्वरूप लोग बीमारियों की चपेट में आते हैं।

सड़क को तोड़ना पड़ता

वार्ड पार्षदों की माने तो आए दिन पेयजल लाइनों में लीकेज होने के कारण उसे तत्काल सुधरवाया जाता है। जिसकी वजह से नए सिरे से सड़क को तोड़ना पड़ता है। ऐसे में कई बार नवनिर्मित सड़क भी उखाड़नी पड़ती है। जिसके कारण जनता की मुश्किलें और बढ़ जाती हैं।

नंबर गेम

110 वार्ड हैं राजधानी में

8 जोन में बंटा है नगर निगम

10 फीसद वार्डो में वर्षो पुरानी पेयजल लाइन

ये समस्याएं आती सामने

1-आए दिन लीकेज की समस्या

2-लाइनों में जंग लग चुकी है

3-मेंटीनेंस के लिए सड़क तोड़नी पड़ती

4-दूषित पानी से फैलती हैं बीमारियां

वर्जन

मेरे वार्ड में तो 40 साल से अधिक पुरानी पेयजल लाइन बिछी हुई है। जिसकी वजह से आए दिन दूषित जलापूर्ति की समस्या सामने आती है। लाइन बदलने को लेकर कई बार मांग की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

सुशील तिवारी पम्मी, पार्षद, लालकुआं वार्ड

सालों पुरानी पेयजल लाइन होने के कारण आए दिन लीकेज की समस्या सामने आती है। जिसकी वजह से लोगों को दूषित जलापूर्ति का सामना करना पड़ता है। लाइन बदलने की मांग किए जाने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है।

अमित चौधरी, पार्षद, महात्मा गांधी वार्ड

घनी आबादी वाले वार्ड में करीब 30 साल पुरानी पेयजल लाइन पड़ी हुई है। उक्त लाइन के सहारे ही जलापूर्ति की जाती है। आए दिन लोगों की ओर से दूषित जलापूर्ति की कंपलेन की जाती है। वार्ड में नई पेयजल लाइन बिछाई जानी चाहिए।

गिरीश मिश्रा, पार्षद, सरदार पटेल नगर वार्ड

करीब 40 से 50 साल पुरानी पेयजल लाइन के सहारे वार्ड की जनता को पानी मिलता है। सालों पुरानी पेयजल लाइन में जंग लग चुकी है साथ ही आए दिन लीकेज की समस्या सामने आती है। नई लाइन के लिए मांग की गई लेकिन अभी तक कोई प्रयास होता नजर नहीं आ रहा है।

हर्षित दीक्षित, बाबू बनारसी दास

Posted By: Inextlive