LUCKNOW : कमजोर बनने की जगह अगर किसी का सहारा बन जाएं तो हिम्मत खुद ब खुद साथ आ जाती है। महज 16 साल की उम्र में ऐसा ही एक किशोरी ने कर दिखाया। 8 साल की उम्र में एक वहशी बुजुर्ग का शिकार हुई, इस किशोरी को आज भी मलाल है कि वह अपने ऊपर अत्याचार करने वाले को सजा नहीं दिला सकी, लेकिन शहर की बेटियों के साथ हरकत करने वालों के खिलाफ अब हर कीमत पर वह मोर्चा ले रही है। उसका साथ दे रही एक समाजसेवी संस्था जिसने उसे ऐसा करने की हिम्मत दी है।

बस में बुजुर्ग ने की थी गंदी बात

अंजना (बदला हुआ नाम) की उम्र जब 8 वर्ष थी तो वह अपनी बड़ी बहन के साथ स्कूल जाने के लिए बस में सफर कर रही थी। अंजना का कहना है कि सीट में एक बुजुर्ग व्यक्ति बैठा था और सफर के दौरान उसने अंजना को गोद में बैठा लिया। बड़ी बहन और लोगों ने समझा कि बुजुर्ग ने बच्ची की मदद के लिए उसे गोद में बैठा लिया। अंजना का कहना है कि कुछ देर बाद उसे बुजुर्ग की गंदी हरकतों का अहसास हुआ, लेकिन वह उस हरकत को समझने की उम्र में नहीं थी, जो कुछ भी हुआ उसे गंदा लगा और वह उसकी गोद से उतर कर अपनी बहन के पास पहुंच गई।

पांच साल बाद हुई जानकारी

अंजना जब 13 साल की हुई तो उसके स्कूल में एक समाजसेवी संस्था ने गुड टच बैड टच वर्क शॉप आयोजित की। स्कूल में उसे विस्तार से गुड टच और बैड टच के बारे में जानकारी दी गई। बड़ी बहन और उसकी सहेलियां इस संदर्भ में अभी बात कर रही थी कि अंजना ने उनसे आकर इसके बारे में बताया कि वह ऐसी हरकतों से रूबरू हो चुकी हैं। यह सुनकर सब दंग रह गई और पहले तो सबने उसे डांटा की बड़ों को सुनकर उल्टी सीधी बात न करें। इस बार अंजना गंभीर थी और उसने समाजसेवी संस्था की महिला सदस्य से मिली। उन्हें अपने साथ हुई पांच साल पहले गंदी बात की पूरी जानकारी दी।

अब दूसरों को अवेयर कर रही

समाजसेवी संस्था की सदस्या ने उसकी पूरी बात सुनी और फिर उसकी काउंसलिंग की। उसे विस्तार से बताया कि कोई ऐसा करता है वह गलत है और उसके खिलाफ आवाज बुलंद करें। अंजना आज उस संस्था के साथ जुड़ गई और अपने हम उम्र और छोटी बच्चियों को गुड टच और बैड टच से अवेयर करा रही हैं। उसका कहना है कि जब उसकी उम्र 8 साल थी तब वह इन बातों को नहीं जानती थी। इसलिए उसके साथ गंदगी हरकत करने वाला बच गया, लेकिन अब कोई बेटियों के साथ ऐसी हरकत करता है उन्हें वह सलाखों के पीछे पहुंचाने में मदद करती हैं।

Posted By: Inextlive