- डॉक्टर्स ने थर्ड वेव को लेकर कसी कमर

- कोरोना वारियर्स मेंटली और फिजिकली तैयार

LUCKNOW: कोरोना की पहली वेव के मुकाबले सेकंड वेव में डॉक्टर्स को सबसे ज्यादा प्रॉब्लम हुई। इसके बावजूद उन्होंने न केवल कोरोना मरीजों की देखभाल की बल्कि परिवार को भी संभाला। आईएमए के अनुसार सेकंड वेव में करीब 1,372 डॉक्टर्स की डेथ हुई है, जिसमें करीब 68 लखनऊ में हुई है। ऐसे में थर्ड वेव की आशंका को देखते हुए कोरोना वॉरियर्स खुद को मेंटली, फिजिकली मजबूत करने में लगे हुए हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि हम लोग थर्ड वेव के लिए पहले से ही पूरी तरह से तैयार हैं। लोगों को परेशान या घबराने की जरूरत नहीं है। केवल कोविड गाइडलाइन का पालन करें तो थर्ड वेव को काफी हद तक रोका जा सकता है। पेश है नेशनल डॉक्टर्स डे पर अनुज टंडन की रिपोर्ट।

1. थर्ड वेव के लिए हम पूरी तरह से तैयार

थर्ड वेव को लेकर पूरी तैयारी है। सेकंड वेव में डॉक्टर्स को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। खुद इंफेक्टेड हुए, परिवार में किसी न किसी का निधन हुआ। इसके बावजूद उन्होंने मरीजों की देखभाल जारी रखी। हाल ही में सभी का एंटीबॉडी टेस्ट रिजल्ट भी अच्छा आया है, जिससे थर्ड वेव को झेलने में ताकत थोड़ी ज्यादा मिलेगी। इसके अलावा जो सिम्यूलेशन मॉडल्स बने हैं, उसके हिसाब से पीडियाट्रिक के लिए बताया जा रहा है। इसको लेकर संस्थान में 50 बेड का आईसीयू समेत 100 बेड का पीडियाट्रिक वार्ड बनाया जा रहा है। साथ ही वैक्सीनेशन ड्राइव में तेजी लानी होगी। वैक्सीन लगने के बाद भी मास्क, उचित दूरी आदि का पालन करना होगा।

ले.ज। डॉ। बिपिन पुरी, वीसी, केजीएमयू

तैयारी पूरी तो मानसिक तौर पर मजबूत

सेकंड वेव अचानक से आई, जिसके बारे हम लोग खुद अंदाजा नहीं लगा पाये। कोरोना वॉरियर्स ने जबरदस्त निस्वार्थ भाव से काम किया है। उनकी सराहना करता हूं। ऐसे में थर्ड वेव की तैयारी लगभग पहले से ही पूरी कर रहे हैं, जिससे की हमारा सिस्टम कहीं से कम न हो जाये। इसके लिए थ्री-लेवल वर्क आउट कर रहे हैं। पहला इंफ्रास्ट्रक्चर जिसमें बड़ों के बेड के साथ पीडियाट्रिक में 50-50 आईसीयू व एचडीयू का 100 वार्ड बना रहे हैं। दूसरा कैपसिटी बढ़ा रहे यानि डॉक्टर्स व नर्सेस की ट्रेनिंग शुरू कर दी है ताकि समय रहते हर कोई पुख्ता तौर पर तैयार रहे। तीसरा दवा की खरीदारी। सेकंड वेव में दवा की कमी को देखते हुए अभी से सभी जरूरी दवाओं की खरीदारी के लिए शासन को सुझाव देने के साथ खुद कर रहे हैं। ताकि अगर थर्ड वेव का असर होता है तो इलाज में दवा की कमी रूकावट न बने। ऐसे में जब आपकी तैयारी पहले से ही पूरी रहती है तो आप मानसिक तौर पर भी मजबूत रहते हो।

प्रो। आरके धीमन, निदेशक, पीजीआई

3. ट्रेनिंग बेहतर तो नो टेंशन

सबसे जरूरी है कि ट्रेनिंग बेहतर होनी चाहिए। थर्ड वेव में बच्चों को ध्यान में रखकर काम कर रहे हैं तो डॉक्टर्स व स्टाफ की ट्रेनिंग अलग से होनी चाहिए। बच्चों की देखभाल, वीगो लगाना, मास्क लगाना आदि एकदम अलग होता है क्योंकि बच्चे ज्यादा बता नहीं पाते हैं। इसके अलावा बच्चों के साथ पैरेंट्स के लिए भी व्यवस्था करनी है क्योंकि शासन स्तर से भी इसके लिए कहा गया है। सेकंड वेव में डॉक्टर्स ने प्रेशर तीन गुना तक झेला है। ऐसे में सभी को पहले के मुकाबले और अधिक सावधानी लेनी होगी।

डॉ। श्रीकेश सिंह, प्रवक्ता, लोहिया संस्थान ने बताया कि

4. मेंटली व फिजिकली कर रहे स्ट्रांग

थर्ड वेव को देखते हुए हम लोग वैक्सीनेशन पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं। इसके अलावा पैरेंट्स के कोविड वैक्सीनेशन पर जोर दे रहे हैं। अगर पैरेंट्स वैक्सीनेटेड रहेंगे तो बच्चे भी काफी हद तक बचे रहेंगे। इसके अलावा छोटे बच्चों के रूटीन वैक्सीनेशन पर जोर दे रहे हैं। ताकि उनकी इम्युनिटी को मजबूती मिले। वहीं डॉक्टर्स को ट्रेनिंग देने का काम किया जा रहा है, जहां तक खुद को मेंटली स्ट्रांग करने की बात है तो उसके लिए सभी को सुझाव दिया जा रहा है कि खुद के लिए भी समय निकालें। योग, ध्यान व प्राणायाम आदि करें ताकि आप मेंटली फिट बन सकें।

डॉ। इमरान, ट्रेनिंग नोडल इंचार्ज,पीडियाट्रिक

5. लोगों को किया जा रहा अवेयर

हम पहले से ही मेंटली तैयार हैं। सरकारी और निजी अस्पताल में पीडियाट्रिक वार्ड को लेकर तैयारी हो रही है क्योंकि बच्चों के डॉक्टर्स, नर्स, मशीन, ट्रेनिंग, आईसीयू, मास्क सबकुछ अलग होता है। ऐसे में उनकी अलग से ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके अलावा लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि बीमार होने के बाद होने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए मास्क, उचित दूरी और साफ-सफाई पर जोर देना जरूरी है क्योंकि कोरोना से लड़ाई डॉक्टर्स ने पूरी सेवा भाव व निडर होकर लड़ी है इसीलिए डॉक्टर्स डे पर उनको सम्मानित करने का भी काम कर रहे हैं।

डॉ। रमा श्रीवास्तव, अध्यक्ष, आईएमए लखनऊ

Posted By: Inextlive