कोरोना के कारण लिए गए लॉकडाउन की वजह से इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर सभी काम बंद हो गए थे और लोगों को घरों में कैद होना पड़ा था। शहर में बंदरों के सामने जब खाने का संकट आया तो वे जंगलों की तरफ चले गए थे। उसी दौरान कोरोना वैक्सीन की खोज का काम वैज्ञानिकों ने शुरू कर दिया था और जब वैक्सीन का ट्रायल बंदरों पर करने का समय आया तो तलाशने के बाद भी बंदर नहीं मिल रहे थे। यह जानकारी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने द इंसाइड स्टोरी- कोवैक्सीन को लेकर दी। वे शनिवार को केजीएमयू के रिसर्च शोकेश कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे।


लखनऊ (ब्यूरो)। डॉ बलराम भार्गव ने बताया कि वैक्सीन को बाजार में लाने से पहले खरगोश, चूहे और फिर बंदर पर वैक्सीन का ट्रायल किया जाता है। इसके बाद इसका ट्रायल इंसानों पर किया जाता है। को-वैक्सीन के ट्रायल के लिए जब बंदर नहीं मिले तो वन विभाग से मदद मांगी गई लेकिन कामयाबी नहीं मिली। काफी खोजबीन के बाद कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना के जंगलों से 20 बंदर पकड़कर लाए गए।बंदरों में वायरस भेजने में आई अड़चन


डॉ भार्गव ने बताया कि बंदर तो आ गए लेकिन ट्रायल की दिक्कतें खत्म नहीं हुईं। बंदरों को वैक्सीन लगाई गई लेकिन कोराना वायरस उनके गले तक कैसे पहुंचाया जाए, यह समस्या सामने खड़ी हो गई। ऐसे में सेना से मदद मांगी गई और तत्काल दो नियुक्तियां करके एक्सपर्ट को एयर लिफ्ट कराया गया। इसके बाद ट्रायल को अगले चरण में पहुंचाया गया। 14 दिन बाद जब बंदरों की जांच की गई तो बंदरों पर कोरोना का कोई असर नहीं दिखाई दिया। नतीजा जैसी उम्मीद थी, वैसा ही मिलने पर हम लोगों ने 68 दिनों तक बंदरों की निगरानी की। अंतिम परिणाम यही आया कि स्वदेशी को-वैक्सीन पूरी तरह कारगर है। इस दौरान वीसी डॉ। बिपिन पुरी, पूर्व वीसी प्रो। डीके गुप्ता और डीन एकेडमिक्स प्रो। उमा सिंह भी मौजूद रहे।


इनका किया गया सम्मान- प्रो धवेंद्र कुमार गोल्ड मेडल स्त्री रोग विभाग की प्रो। स्मृति अग्रवाल और नेत्र विज्ञान विभाग के डॉ। सिद्धार्थ अग्रवाल को दिया गया। - सर्वश्रेष्ठ पीएचडी थीसिस पुरस्कार डॉ। शिल्पा त्रिवेदी को मिला।- बेस्ट प्री-क्लिनिकल पेपर के लिए प्रो। शैलेंद्र सक्सेना सम्मानित।- सबसे उच्च पैरा-क्लिनिकल पेपर के लिए प्रो। गीता यादव का सम्मान।- बेस्ट क्लिनिकल-मेडिकल पेपर के लिए प्रो। हरदीप सिंह मल्होत्रा सम्मानित।- बेस्ट क्लिनिकल-सर्जिकल पेपर के लिए सम्मान प्रो। अभिजीत चंद्रा को।- बेस्ट डेंटल फैकल्टी पेपर के लिए डॉ भास्कर अग्रवाल सम्मानित।- पीजी छात्रों-पीएचडी और एमएससी नर्सिंग छात्रों की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ पेपर डॉ दीप चक्रवर्ती को।- यूजी छात्र श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ पेपर अहमद ओजैर एमबीबीएस 2016 बैच को सम्मानित किया गया। - सर्वश्रेष्ठ पेपर के लिए डॉ प्रज्ञा पांडे सम्मानित। 2021-22 के लिए उच्चतम युवा इंट्रा म्यूरल शोध अनुदान प्रस्ताव अवार्ड डॉ पारुल जैन, डॉ सुरुचि शुक्ला, डॉ अर्पिता भृगुवंशी, डॉ सुरेश चंद, डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह और डॉ आयुष शुक्ला को दिया गया।

Posted By: Inextlive