राजधानी के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में मरीजों की लंबी लाइन को कम करने के लिए ई-हॉस्पिटल सेवा शुरू की गई थी। समय के साथ एक अच्छी योजना ठंडे बस्ते में चली गई है और फिर से मरीजों को रजिस्ट्रेशन डॉक्टरी परामर्श जांच रिपोर्ट तक के लिए अस्पतालों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। जबकि इस सुविधा के तहत यह सब ऑनलाइन ही होना था। वहीं इस बारे में अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अब सब अनलॉक हो जाने के कारण मरीज खुद ओपीडी में आकर ही दिखाना चाहते हैं जिससे इस सुविधा का ज्यादा यूज नहीं किया जा रहा है।

लखनऊ (ब्यूरो)। अस्पतालों में मरीजों की भीड़ कम करने और पेपरलेस बनाने के लिए शासन स्तर से 2019 में लोहिया संस्थान, सिविल अस्पताल और बलरामपुर अस्पताल को ई-हॉस्पिटल योजना के तहत जोड़ा गया था। इसके तहत मरीजों का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन होने के बाद इलाज, दवाओं और जांच से जुड़ी सभी जानकारी ऑनलाइन ही होना था। कोरोना के समय तो यह सुविधा काफी चली लेकिन, जनरल ओपीडी सेवा शुरू होने के बाद यह सुविधा मंद होती चली गई। अस्पताल प्रशासन भी इसे अधिक महत्व नहीं दे रहे हैं। जिसके चलते अब इस योजना का कुछ अता पता नहीं है। जिसकी वजह से अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन काउंटर से लेकर पैथोलॉजी विभाग तक में मरीजों व तीमारदारों की लंबी लाइन लगी रहती है।

मरीज ओपीडी में ही आ रहे
सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ। एसके नंदा के मुताबिक ई-अस्पताल सुविधा फिलहाल नहीं चल रही है। वो व्यवस्था कोरोना काल के दौरान ही थी। अब ओपीडी खुल चुकी है, ऐसे में मरीज भी ओपीडी में आकर ही दिखाना पसंद कर रहे हैं। अगर कोई रिपेार्ट मांगता है, तो उसको वैसे ही प्रोवाइड कराया जाता है।
अभी सुविधा चल रही है
बलरामपुर सीएमएस डॉ। आरके गुप्ता के मुताबिक सुविधा चल रही है लेकिन अब अस्पताल खुलने के कारण ई-हॉस्पिटल ज्यादा नहीं चल रहा है। डॉक्टर्स की ड्यूटी आज भी लग रही है। जबकि, लोहिया संस्थान के डॉ विक्रम सिंह के मुताबिक मर्जर के बाद संस्थान का हॉस्पिटल इंफार्मेशन सिस्टम के अंतर्गत सारे काम किए जा रहे हैं।
क्यों मंद हो गई योजना
- अब मरीज ओपीडी में आकर ही दिखाना चाहते हैं
- अस्पताल प्रशासन की ओर से भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहा
- इस योजना के बारे में प्रचार-प्रसार भी नहीं किया जा रहा


योजना में क्या-क्या था
- यह योजना शासन स्तर से 2019 में शुरू की गई थी
- अधिकतर विभागों के डॉक्टर मरीजों को ऑनलाइन परामर्श देते थे
- डॉक्टर ऑनलाइन ही मरीज को दवाओं के बारे में बताते थे
- जांच रिपोर्ट भी मरीज को ऑनलाइन भेजी जाती थी


ई-अस्पताल सुविधा फिलहाल नहीं चल रही है। अब मरीज ओपीडी में ही आकर डॉक्टर्स को दिखा रहे हैं।डॉ। एसके नंदा, सीएमएस, सिविल अस्पताल

अब अस्पताल खुल जाने के कारण ई-अस्पताल सुविधा ज्यादा नहीं चल रही है। डॉक्टर्स की ड्यूटी आज भी लग रही है।

डॉ आरके गुप्ता, सीएमएस, बलरामपुर अस्पताल

Posted By: Inextlive