1 से 5 करोड़ से खरीदी जाएंगी हाईटेक मशीनें

- 1 इलाके के 5 लोगों को दी जाएगी ट्रेनिंग

- महाराष्ट्र के बोरीबली वाइल्ड लाइफ यूनिट से किया जाएगा संपर्क

- ऑनलाइन भी मांगे जाएंगे ट्रेनिंग को आवेदन

- वन विभाग ने तैयार किया विशेष प्रोजेक्ट

- लोगों को ऐसे हालात से निपटने की देंगे ट्रेनिंग

sanjeev.pandey@inext.co.in

LUCKNOW: जंगल से रिहायशी इलाकों में पहुंच रहे जानवरों को रोक पाने में नाकाम वन विभाग मैन-एनिमल कॉनफिलिक्ट की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए नया कदम उठाने जा रहा है। वन विभाग की नई स्कीम में रिहायशी इलाकों में जंगली जानवर के आने से निपटने के गुर लोगों को सिखाए जाएंगे। यह स्कीम प्रदेश भर में लागू की जाएगी। इस योजना में वन विभाग आमजन को वाइल्ड लाइफ से जुड़ी जानकारियां और ट्रेनिंग देगा। साथ ही वह ऑनलाइन ऐसे लोगों से आवेदन मांगेगा जो ऐसी ट्रेनिंग चाहते हैं।

एक के बाद एक कई बैठकें

ठाकुरगंज, आशियाना-औरंगाबाद और गोसाईगंज में तेंदुआ आने के बाद वन विभाग की चिंता बढ़ गई। ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए उसने ताबड़तोड़ कई बैठकें की और लोगों से सुझाव मांगे। ऐसे में एक ही नतीजा निकल कर सामने आया कि आमजन को जंगली जानवरों के प्रति जागरुक किया जाए। जिससे जनता और जंगली जानवरों के बीच होने वाले टकराव रोके जा सकें। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार जंगली जानवरों को शहर आने से रोका नहीं जा सकता।

बोरीबली वाइल्ड लाइफ की यूनिट से संपर्क

वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार इन घटनाओं से निपटने के लिए महाराष्ट्र के बोरीबली में मौजूद वाइल्ड लाइफ की यूनिट से सम्पर्क किया गया। वहां तेंदुआ और अन्य वन्यजीवों का सामने आना आम बात है। इन वन्यजीवों के सामने आने पर लोग सुरक्षा उपायों को अपना कर उनसे किनारा कर लेते हैं और बाद में उन्हें रेस्क्यू टीम लेकर वापस आ जाती है।

एक क्षेत्र के पांच लोग

राजधानी में इस योजना तक तहत विभिन्न क्षेत्रों से कुछ लोगों को चिन्हित किया जाएगा। इसमें कम से कम पांच लोग एक क्षेत्र के होने चाहिए। इन लोगों को जंगली जानवरों से जुड़ी जानकारी और उनसे निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। ये रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान भी भी मदद करेंगे।

ऑनलाइन भी कर सकेंगे अप्लाई

राजधानी में इसकी शुरुआत शहरी सीमा से जुटे क्षेत्रों से होगी। इसमें बीकेटी, गोसाईगंज, मॉल, मलिहाबाद, पारा और औरंगाबाद क्षेत्र में लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही जो लोग प्रशिक्षण लेना चाहते हैं उनसे ऑनलाइन आवेदन मांगे जाएंगे। यह पूरी तरह फ्री होगा।

कोट

जंगली जानवरों से निपटने के लिए आमजन को ट्रेंड किया जाएगा। महाराष्ट्र के बोरीबली में यह योजना पहले ही चल रही है। उसी तर्ज पर यहां काम होगा।

एसके उपाध्याय, वाइल्ड लाइफ चीफ

यूपी वन विभाग

हाइटेक मशीनें और गन की भेजी डिमांड

फारेस्ट डिपार्टमेंट रेस्कयू टीम राजधानी के चिडि़याघर में तैयार करने जा रहा है। रेस्क्यू टीम के चीफ डॉ। उत्कर्ष शुक्ला को यह जिम्मेदारी मिली है। उन्होंने एडवांस रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए वन विभाग से कई इक्यूपमेंट की डिमांड की है। वाइल्ड लाइफ चीफ एसके उपाध्याय ने बताया है कि रेस्क्यू ऑपरेशन के जरूरी सामान की लिस्ट बनाने के लिए चिडि़याघर को दी गई थी जो कि आ गई है। इसमें एक हाइड्रोलिक ट्रक, रेस्क्यू पिस्टल, प्लास्टिक की रस्सी से तैयार किया गया नेट, अंधेरे में नाइट विजन कैमरे समेत कई इक्यूपमेंट की डिमांड की गई है। इसके लिए बजट मांगा गया है। एक करोड़ पांच लाख की धनराशि में यह सभी आइटम खरीदे जाने हैं।

Posted By: Inextlive