- अच्छे अंक के बावजूद ग्रेजुएशन में एडमिशन में होगी दिक्कत

- अच्छी तैयारी ही स्टूडेंट्स की सफलता में बनेगी सहायक

LUCKNOW: सभी बोर्डो के हाईस्कूल और इंटर के रिजल्ट करीब-करीब जारी हो चुके हैं। इस बार कोरोना के कारण बिना एग्जाम के ही स्टूडेंट्स को इंटरनल असेसमेंट और तय फार्मूले के आधार पर पास किया गया है और स्टूडेंट्स पर एक तरह से नंबरों की बरसात की गई है। मेधावी और सामान्य स्टूडेंट्स के बीच मा‌र्क्स का अंतर करीब-करीब खत्म हो गया है। अब स्टूडेंट्स की असली योग्यता के पहचान व्यावसायिक, तकनीकी और मेडिकल कोर्स में एडमिशन के लिए होने वाले एंट्रेंस एग्जाम करेंगे। वहीं जहां मेरिट के आधार पर एडमिशन होता है, वहां मेधावी स्टूडेंट्स को नुकसान उठाना पड़ेगा। आइए विशेषज्ञों से जानते हैं स्टूडेंट्स के सामने अब किस तरह की चुनौतियां आ सकती हैं। पेश है माकंण्डेय पांडेय की रिपोर्ट

रेग्युलर एग्जाम के लिए रहें तैयार

- इंटर में सीमित सीटें होने के कारण एडमिशन में दिक्कत

- मनचाहे सब्जेक्ट में सीट मिलना होगा मुश्किल

- स्टूडेंट्स की प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर तैयारी प्रभावित होगी

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क्या करें स्टूडेंट्स

- पुराने कोर्स का रिवीजन करते रहें

- सेल्फ असेसमेंट जारी रखें

- प्रतियोगी परीक्षाओं के अनसॉल्व पेपर करें

- अभी से इंटर या ग्रेजुएशन के कोर्स को पढ़ें

इस बार इंटर में बच्चों के काफी मा‌र्क्स आए हैं ऐसे में ग्रेजुएशन की सीटें बढ़ानी होंगी, ताकि अच्छे स्टूडेंट एडमिशन से वंचित न हों। आईआईटी में एडमिशन जैसे एग्जाम में सफलता उन्हीं को मिलेगी जो इसकी अच्छे से तैयारी करेंगे। अन्य प्रतियोगी एग्जाम में भी परसेंटेज का असर नहीं होगा, वहां भी काबिलियत से ही सफलता मिलेगी। इंटर में एडमिशन लेने वाले साइंस साइड के स्टूडेंट्स को दिक्कत आएगी। स्टूडेंट्स को यह बात अभी से समझनी होगी कि हालात सामान्य होने पर आगे उन्हें बिना एग्जाम के अगली क्लास नहीं मिलेगी, ऐसे में वे अपना पूरा ध्यान पढ़ाई पर ही दें और अपनी पिछली क्लास के कोर्स का वह हिस्सा भी रिवाइज करें, जिसमें वे खुद को कमजोर समझते हैं।

मनीष सिंह, यूपी बोर्ड

प्रतियोगी परीक्षा में दिखाएं दम

इस बार सभी बोर्ड के रिजल्ट से कहीं न कहीं मेधावियों को निराशा हुई है। मैं ऐसे स्टूडेंट्स से यही कहूंगा कि मेधावी मेधावी होता है। उनके पास पूरा मौका है कि वे आगे प्रतियोगी परीक्षाओं में अपनी काबिलियत साबित करें। इसके लिए उन्हें अभी से तैयारी में जुटना होगा। नई क्लास के कोर्स की पढ़ाई के साथ ही उन्हें पिछली क्लास के कोर्स का भी रिवीजन करना होगा। बिना एग्जाम प्रमोट होने से बहुत से स्टूडेंट्स की संघर्ष की क्षमता कम हो गई है। ऐसे स्टूडेंट्स को फिर से अपने आप को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करना होगा। यही बात एडमिशन की तो इस बार 12वीं हो या ग्रेजुएशन सभी जगह स्टूडेंट्स को इस समस्या का सामना करना पड़ेगा।

अनिल अग्रवाल, सीआईएससीई बोर्ड

काबिलियत साबित करने को करें मेहनत

इस बार कोरोना के कारण एग्जाम का न कराया जाना लगभग पहले से ही तय था। ऐसे में बहुत बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स ने पढ़ाई को गंभीरता से लिया ही नहीं है। वे इसी में खुश थे कि बिना एग्जाम दिए पास तो हो ही जाएंगे। एग्जाम न होने का खामियाजा अच्छे स्टूडेंट्स को कुछ न कुछ तो उठाना ही पड़ा है। हालांकि कमजोर बच्चे जिनके काफी अच्छे मा‌र्क्स आए हैं, उनकी कमियां भविष्य में उजागर हो सकती हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में वह मेधावियों से पीछे हो जाएंगे और इन नंबरों का उनके लिए कोई महत्व नहीं रहेगा। इन हालात से बचने के लिए सभी स्टूडेंट्स को अभी से मन लगाकर पढ़ाई करनी होगी और पिछली क्लास के कोर्स को भी नए कोर्स के साथ ठीक से तैयार करना होगा।

रिचा खन्ना, सीबीएसई बोर्ड

डालें मेहनत की आदत

कोरोना काल में घरों में रहने से बच्चों की पढ़ाई के साथ ही उनकी मेहनत करने की क्षमता भी कम हुई है। इस बार सभी बोर्ड में काफी अच्छे मा‌र्क्स दिए गए हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स को इस गुमान में नहीं रहना चाहिए कि उनके 95 प्रतिशत या उससे अधिक नंबर आए हैं और कंप्टीशन उनके लिए बेहद आसान हो गया है। प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता उन्हीं को मिलती है, जिनका कॉन्सेप्ट क्लीयर होता है और जो अपने सब्जेक्ट पर वे पूरी कमांड रखते हैं। ऐसे में अभी से स्टूडेंट्स प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दें। रही बात एडमिशन की तो उसमें तो मेरिट के आधार पर जहां एडमिशन होगा, वहां काफी दिक्कतों का सामना स्टूडेंट्स को करना होगा।

शर्मिला सिंह, सीबीएसई बोर्ड

सामने आएंगी कई चुनौतियां

12वीं क्लास ही बच्चों के भविष्य की पहली सीढ़ी होती है। इसमें आए मा‌र्क्स ही उनका भविष्य तय करते हैं लेकिन इस बार अधिकतर बच्चों के इंटर में शानदार मा‌र्क्स आए हैं, जिससे उनकी वास्तविक क्षमता का पूरी तरह आंकलन करना मुश्किल हो गया है। मैं सभी बच्चों से यही कहूंगी की प्रतियोगी परीक्षाओं में काबिलियत ही आगे बढ़ाएगी, ऐसे में अभी से अपनी तैयारी शुरू कर दें। कोरोना के कारण आप कोचिंग नहीं जा सकते हैं तो क्या हुआ प्रतियोगी परीक्षाओं की ऑनलाइन तैयारी शुरू कर दें। जो मेधावी इस रिजल्ट से निराश हैं वे ये समझें कि उनके पास खुद को साबित करने के एक नहीं अनेक मौके आने वाले हैं।

माला मेहरा

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इस तरह की दिक्कतें आएंगी सामने

Posted By: Inextlive