जुलूस के दौरान पूरे रूट पर पुलिस की पैनी नजर रही। जुलूस के संग पुलिसकर्मी साथ-साथ चलते रहे। साथ ही ड्रोन कैमरे से भी जुलूस पर नजर रखी गई। जुलूस मार्ग से लेकर ऊंची इमारतों पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया था ताकि शांतिपूर्ण माहौल में जुलूस निकाला जाये।


लखनऊ (ब्यूरो)। 'या हुसैन, या हुसैन' की सदाओं के बीच राजधानी में करीब दो साल बाद मंगलवार को दसवीं मोहर्रम को यौम-ए-आशूर का जुलूस गमगीन अजादारों द्वारा निकाला गया। यह जुलूस नाजिम साहेब इमामबाड़े से तालकटोरा कर्बला तक निकला। जुलूस में लोग सीनाजनी और खंजरजनी करते हुए कर्बला की ओर बढ़ते जा रहे थे। पूरे जुलूस के दौरान पुलिस का कड़ा सुरक्षा पहरा बना रहा। वहीं, शांतिपूर्ण माहौल में जुलूस निकलने के बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली।शहादत का मंजर पेश किया
जुलूस निकलने से पहले मजलिस को मौलाना हमीदुल हसन ने खिताब किया। मौलाना ने इमाम हुसैन की शहादत का मंजर पेश किया तो अजादार अश्कबाग हो उठे। इसके बाद यौम-ए-आशूर का जुलूस निकाला गया, जिसमें हर अजादार मातम-ए-हुसैनी का सोगवार था। जुलूस विक्टोरिया स्ट्रीट से अकबरी गेट, नक्खास व बिल्लौचपुरा होता हुआ शाम को कर्बला पहुंचा। जुलूस में लोग कमा और खंजर का मातम करके खुद को लहुलूहान करते हुए आगे चलते जा रहे थे। अजादार हरे-काले झंडे जिसपर या हुसैन व या अब्बास लिखा था, हवा में लहरा रहे थे। शहर के तमाम अंजुमनों ने हुसैन को नजराने अकीदत पेश किया। वहीं, यह मंजर देखकर काले लिबास पहने महिलाओं की आंखों से आंसू निकल पड़े और वे सदायें देनी लगीं। जुलूस में कई लोग हाथों में तिरंगा लेकर भी चल रहे थे। शाम को तालकटोरा कर्बला में ताजियों को दफ्न किया गया।पुलिस की रही पैनी नजरजुलूस के दौरान पूरे रूट पर पुलिस की पैनी नजर रही। जुलूस के संग पुलिसकर्मी साथ-साथ चलते रहे। साथ ही, ड्रोन कैमरे से भी जुलूस पर नजर रखी गई। जुलूस मार्ग से लेकर ऊंची इमारतों पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया था ताकि शांतिपूर्ण माहौल में जुलूस निकाला जाये।सुन्नी समुदाय ने भी निकाला जुलूससुन्नी समुदाय द्वारा भी जुलूस निकाला गया, जो महानगर से शुरू होकर निशातगंज स्थित कर्बला आकर समाप्त हुआ। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive