अभियान में 181 नए टीबी के मरीज मिले
4,31,803 लोगों के सर्वे में 181 टीबी के मरीज मिले इस चरण में
181 में 150 केस पॉजिटिव स्पुटम के मिले 31 केस एक्सरे पर आधारित टीबी के मिले 11 नोडल अफसर अभियान में शामिल रहे 2270 स्पुटम के सैंपल टीबी के लक्षण के संदेह के चलते जमा किए 33 सुपरवाइजर शामिल हुए 156 टीमें इस अभियान में जुटी 88 मोहल्लों में सर्वे किया गया। 82, 349 घरों का सर्वे हुआ। 40 डीएमसी जनपद में हैं, जहां बलगम की जांच होती है। एक लाख आबादी पर एक डीएमसी है। 18 ट्रीटमेंट यूनिट हैं। 900 डॉट सेंटर हैं। पहला चरण अगस्त 2017 4 लाख लोगों की जांच में 80 टीबी के मरीज मिले थे दूसरा चरण 26 दिसंबर 2017 से 9 जनवरी 2018 तक 5,26,044 लोगों में 96 मरीज टीबी के मिले। अभियान से बढ़ मरीज2017 - 6898
2016- 6698 2015- 6536 2014- 6302 2013- 6349 तीसरे चरण का अभियान का शनिवार को हो गया खत्म डोर टू डोर जाकर मरीजों की हुई थी पहचानMeerut। सक्रिय क्षय रोगी अभियान के तहत तीसरे चरण का अभियान शनिवार को खत्म हो गया। इस दौरान टीमों ने 181 नए मरीज खोजे हैं। सरकार के 2025 तक टीबी मुक्त भारत के सपने को पूरा करने के लिए 24 फरवरी से 10 मार्च तक चले इस अभियान का उद्देश्य घर-घर जाकर टीबी रोगियों की पहचान करना रहा। पोलियो की तर्ज पर टीबी का नामोनिशान मिटाने के लिए विभाग की टीमों ने डोर-टू-डोर जाकर सर्वे किया .अभियान के दौरान मिले मरीजों की जांच से लेकर दवाई देने का काम भी विभाग की ओर से ही किया जाएगा।
ये हैं लक्षण दो सप्ताह से अधिक खांसी बुखार रात को पसीना आना बलगम आना व बलगम के साथ खून भी आना वजन कम होना भूख कम लगना टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है। जिले में कार्यक्रम का तीसरा चरण पूरा कर लिया गया है। कोशिश है कि टीबी के एक-एक मरीज तक इलाज पहुंचाया जाए। डॉ। राजकुमार चौधरी, सीएमओ, मेरठ