'भाषा हमारी पहचान है, इसे संभाल कर रखिए'

- सीसीएसयू के ¨हदी विभाग व भारतीय भाषा संस्कृति की ओर से विश्व की ¨हदी पर हुई चर्चा

Meerut : किसी भी देश की पहचान उसकी भाषा से होती है। भारत की भाषा ¨हदी ही है। विदेशी भाषा से हमारी पहचान नहंी हो सकती है। विश्व ¨हदी दिवस 10 जनवरी को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग और भारतीय भाषा व संस्कृति केन्द्र नई दिल्ली की ओर से आयोजित कार्यक्रम में यह बात वक्ताओं ने कही। कार्यक्रम आफलाइन और आनलाइन दोनों माध्यमों में हुआ।

भाषा है पहचान

विशेष कार्याधिकारी ¨हदी डा। राकेश बी दुबे ने कहा कि भाषा से हमारी पहचान है, उसे संभाल कर रखने की जरूरत है। सीसीएसयू के कुलपति प्रो। एनके तनेजा ने कहा कि कुछ समय पूर्व अंग्रेजी भाषा को ही ज्ञान का सर्वोच्च माध्यम माना जा रहा था। बल्कि यह एक गलत धारणा है। प्राथमिक विद्यालयों का ज्यादा समय अंग्रेजी ज्ञान प्राप्त करने में ही खर्च हो रहा है। स्कूली शिक्षा मातृभाषा में ही होनी चाहिए। भारतीय भाषा व संस्कृति केंद्र के सचिव डा। महिपाल सिंह ने बताया कि भाषा और संस्कृति विभाग पिछले 20 वर्षो से हिंदी के प्रचार-प्रसार में लगा हुआ है। पूर्व राजनयिक डा। नारायण कुमार ने कहा कि विश्व में हमारी भाषाएं अपनी अस्मिता और पहचान के कारण फैली हुई हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र संघ की बैठक में पहली बार हिंदी में भाषण दिया तब से विश्व हिंदी दिवस मनाया जाने लगा। 2003 से प्रवासी हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। 1975 में पहला विश्व हिंदी सम्मेलन हुआ था.संसार में सूर्य की सबसे पहली किरण हिंदी के क्षेत्र फीजी की धरती पर पड़ती है। फिजी में हिंदी एक अनिवार्य भाषा के रूप में पढ़ाई जाती है। देश की मिट्टी सिंदूर है, तो हिंदी भाषा चंदन की तरह है। प्रति कुलपति प्रो। वाई विमला ने कहा कि 43 प्रतिशत जनता हिंदी भाषा को बोलती है। संयुक्त राष्ट्र की 16 भाषाओं मे से एक हिंदी भाषा है। संचालन डा। अंजू ने किया। विभागाध्यक्ष प्रो। नवीन चंद्र लोहनी ने सभी का स्वागत किया। डा। प्रवीण कटारिया, डा। यज्ञेश कुमार, डा। विद्यासागर सिंह, डा। आरती राणा उपस्थित रहे। विश्व ¨हदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित निबंध प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। इसमें योगेंद्र सिंह, सुरभि, सुविज्ञा, दीपिका पुरस्कृत किए गए।

Posted By: Inextlive