वार्ड 63 में सरदार पटेल नगर, रामापुरम, प्रवेश विहार आदि मोहल्ले आते हैं

शास्त्रीनगर एल ब्लॉक में सड़कों ही हालत से खफा स्थानीय लोग

पार्को की जगह पर डेयरियों की बांध दी गई भैंसें

Meerut सर्वेक्षण 2021 की तैयारी में जुटा नगर निगम हर साल शहर की साफ सफाई और बेसिक सुविधाओं का दावा करता है। इसके बाद भी शहर के वार्डो की हालत में सुधार नहीं होता है। इसी का नतीजा है कि सिर्फ साल बदलता है लेकिन शहर के वार्डो की सूरत नहीं बदलती है। हम बात कर रहें शास्त्रीनगर पुराना न्यू ब्लॉक की, जो शहर के वीआईपी इलाकों में गिना जाता है, लेकिन सुविधाओं का आज भी यहां टोटा है।

पार्क की जगह पल रहे पशु

न्यू के ब्लॉक निगम के वार्ड 63 में आता है। इसमें सरदार पटेल नगर, रामापुरम, प्रवेश विहार जैसे प्रमुख मोहल्ले शामिल हैं। अधिकतर विकसित हैं, लेकिन कुछ मोहल्लों में अभी बेसिक सुविधाओं का अभाव है। यहां रामापुरम, प्रवेश विहार मोहल्लों में पार्क को विकसित करने का काम सालों से फाइलों में सीमित है। पार्क की जगह तबेले बन गए हैं। यहां पार्क में भैंसे बंधी रहती है। नालियों में डेयरियों का गोबर जलभराव की समस्या को बढ़ा रहा है। निगम के प्रवर्तन दल के अभियान के बाद भी यहां इन अवैध डेयरियों पर लगाम नही है।

सीवर सुविधा अधूरी

पीवीएस मॉल रोड पर बने न्यू के ब्लॉक में नगर निगम द्वारा सभी बेसिक सुविधाएं दी हुई हैं, लेकिन रखरखाव के अभाव के चलते यह सुविधाएं अधूरी साबित हो रही हैं। न्यू के ब्लॉक क्षेत्र का सारा पानी सीवर के माध्यम से नाले में जाता है, लेकिन इन सीवरों की नियमित सफाई ना होने के कारण बरसात में जलभराव की समस्या बन जाती है। जगह जगह सीवर चोक हैं इस कारण से गलियों में बरसात का पानी भर जाता है।

साफ सफाई की खानापूर्ति

न्यू के ब्लॉक की बात करें तो यहां काफी हद तक निगम द्वारा नियमित साफ सफाई, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन होता है, लेकिन थोड़ा अंदर प्रवेश विहार, रामापुरम, पटेल नगर की तरफ जाते ही निगम का रोल गायब हो जाता है। ना नालियों में सफाई है और ना सड़क से कूड़ा उठता है। यहां तक की स्ट्रीट लाइट की सुविधा तक भी केवल के ब्लॉक तक की सीमित है।

सड़कों के लेवल बना परेशानी

वहीं स्थानीय लोगों के लिए के ब्लॉक में गलियों और सड़कों का अधूरा निर्माण भी परेशानी का सबब बना हुआ है। गलियों में सीसी टाइल्स कुछ जगह लगी हैं कुछ जगह नही हैं। इस कारण से गलियों का लेवल बिगड़ा हुआ है। बरसात में लोगों के घरों में गलियों का पानी भर जाता है।

सबसे बड़ी समस्या यहां की कच्ची गलियां हैं। घरों का लेवल सड़क से नीचे आ गया है। बरसात होते ही पानी घरों में भर जाता है।

- कुसुम

कई जगह सड़क कच्ची है। सीसी टाइल्स की कई साल से मांग कर रहे हैं लेकिन लगाई नही जा रही है। बरसात में पूरी गली में कीचड़ हो जाती है। सीवर लाइन गलियों से ऊंचे हैं।

- ऊषा

गलियों में साफ सफाई नही होती है। हमें खुद रोजाना अपने घर के आसपास झाडू लगानी पड़ती है। पार्को को अधूरा छोड़ा हूुआ है ना लाइट लगी है ना बाउंड्री बनी हुई हैं।

- मीनू

क्षेत्र में पार्को के लिए कई बार निगम ने बजट बना दिया, लेकिन आज तक पार्क बनाए नही गए हैं। पार्को की जगह पर डेयरियों की भैंस बांध दी गई हैं। अब हम क्या करें, उनके गोबर के कारण नालियों में पानी भरा रहता है।

- प्रिंस बंसल

हमारे क्षेत्र में पार्क की समस्या सबसे अधिक है। पार्क की जगह पर पार्क नहीं बनाए जा रहे हैं इसलिए पार्क अतिक्रमण का शिकार हो रहे हैं। कहीं भैंस बंधी है। कहीं कार पार्किंग बन गई है तो कहीं पार्क में ही घर बना दिए गए हैं।

- खुशी राम

वर्जन-

हमारे वार्ड में नियमित रूप से कूड़ा उठाया जा रहा है सीवर लाइन चोक नहीं है। डेयरियों के खिलाफ नोटिस भी दिलाया जा चुका है प्रवर्तन दल को भी सूचना दी जा चुकी है, लेकिन विभाग इसमें सख्ती नही दिखा रहा है। इस कारण से कुछ समस्याएं बनी हुई हैं। मेन रोड पर सीवर लाइन डालने का काम पूरा हो चुका है, लेकिन तकनीकि कारण से अभी सड़क का काम अधूरा है। यह जल्द पूरा होगा।

- अनुज वशिष्ठ, पार्षद

Posted By: Inextlive