अब इसे कोरोना काल में बिगड़ी आर्थिक स्थिति का असर कहें या फिर ग्रेजुएशन से ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की चाहत कि स्टूडेंट्स अब पोस्ट ग्रेजुएशन यानि पीजी में कम एडमिशन ले रहे हैं। हालत यह है कि सीसीएसयू में दूसरी मेरिट के बाद भी पीजी में 28 हजार सीटों के सापेक्ष सिर्फ 10 हजार एडमिशन ही हो सके हैं।

मेरठ, (ब्यूरो)। सीसीएसयू व उससे संबद्ध कॉलेजों में पीजी में दाखिले की प्रक्रिया चल रही है। वहीं, दूसरी मेरिट से एडमिशन की प्रक्रिया शुक्रवार को समाप्त हो गई है। दूसरी मेरिट से 29 तक एडमिशन का मौका था।

सिर्फ 10 हजार एडमिशन
आंकड़ों के मुताबिक दोनों मेरिट से पीजी में सिर्फ 10 हजार एडमिशन हो सके हैं। वहीं, पीजी में 28 हजार से अधिक सीटें है, लिहाजा कॉलेजों में कई सब्जेेक्ट की सीटें अभी खाली हैं। अब सीटों को भरने के लिए ओपन मेरिट से दाखिले होंगे।

28 हजार से अधिक सीटें है खाली
प्रवेश समन्वयक प्रो। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि सीसीएसयू में पीजी की कुल 28 हजार 949 सीटें हैं। आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार शाम तक महज 10 हजार ही दाखिले हो पाए थे। शुक्रवार को दूसरी मेरिट के लास्ट दिन मेरठ के कॉलेजों में 1198 ही नए एडमिशन हो पाए थे। कॉलेजों में कई सीटें अभी खाली हैं।

आर्थिक स्थिति हो गई कमजोर
बताया जा रहा है कि कोरोना काल में छात्रों के परिवारों की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई है। इसका असर पीजी के दाखिले में दिख रहा है। कोरोना काल में किसी की नौकरी चली गई, तो किसी का व्यापार मंदा पड़ा है। इसका असर पर अब छात्रों की पढ़ाई में दिख रहा है। यही कारण है कि छात्र इन दिनों पीजी में कम संख्या में दाखिला ले रहे हैं।

पढ़ाई छोड़ी, नौकरी शुरू
बताया जा रहा है कि ऐसे में कुछ छात्रों ने पढ़ाई छोड़ दी है और छोटी मोटी नौकरी शुरू कर दी है ताकि परिवार का आर्थिक सहयोग कर सकें। इस कारण भी कई छात्र पीजी में दाखिला नहीं ले पाए हैं। वहीं, कुछ छात्र ग्रेजुएशन के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुट गए हैं।

पीजी एडमिशन की स्थिति
कॉलेज कोर्स सीट एडमिशन
डीएन एमए इको 60 13
डीएन एमए इंग्लिश 60 16
डीएन एमकॉम 60 15
डीएन एमएससी फिजिक्स 30 7
डीएन बायो 20 12
डीएन केमिस्ट्री 30 16
डीएन मैथ्स 60 29
डीएन जूलोजी 20 8
आइएन एमए ड्राइंग 20 5
आइएन एमए संस्कृत 60 6
आइएन एमए साइको 60 6
आइएन एमए इको 60 16
आइएन एमए हिंदी 60 24
आइएन एमए इंग्लिश 8 2
आइएन एमए पॉलिटिकल सांइस 60 15
आइएन एमए उर्दू 60 15
आइएन म्युजिक तबला 6 1
मेरठ कॉलेज एमए ड्राइंग 20 4
मेरठ कॉलेज एमए इको 180 34
मेरठ कॉलेज एम संस्कृत 60 12
मेरठ कॉलेज एम साइको 60 25
मेरठ कॉलेज एमए हिस्ट्री 60 40
मेरठ कॉलेज एमए मैथ्स 60 4
मेरठ कॉलेज एमए उर्दू 60 3
मेरठ कॉलेज एमए इंग्लिश 60 22
मेरठ कॉलेज एमए ज्योग्राफी 30 15
मेरठ कॉलेज एमए डिफेंस 60 18
मेरठ कॉलेज एम।कॉम 120 60
एनएएस एमए इको 60 6
एनएएस एमए हिंदी 60 6
एनएएस एमए हिस्ट्री 60 16
एनएएस एमएससी केमिस्ट्री 20 4
एनएएस एमए इंग्लिश 60 9
केके एमए होम साइंस 60 8
केके इंग्लिश 60 3
केके एमए इको 60 3
केके एमकॉम 60 10
आरजी एमए इंग्लिश 60 35
आरजी ज्योग्राफी 30 7
आरजी एमए हिस्ट्री 60 22
आरजी एमए इको 60 19
शहीद मंगल एमए हिस्ट्री 60 23
शहीद मंगल एमए इंग्लिश 60 15
शहीद मंगल एमए इको 60 2
शहीद मंगल एमए हिंदी 60 9
शहीद मंगल एमकॉम 60 18

काफी स्टूडेंटस ऐसे हैं जिन्होंने खराब आर्थिक स्थिति के चलते बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी है। वहीं, कई छात्र तो यूजी से ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे हैं और पीजी नहीं कर रहे हैं। यूनिवर्सिटी स्तर पर खुद भी ऐसे स्टूडेंटस की मदद की जा रही है जो आर्थिक स्थिति के चलते एडमिशन नहीं करा पा रहे हैं।
प्रो। वाई विमला, प्रोवीसी, सीसीएसयू

Posted By: Inextlive