Meerut : आखिर 22 बी का अंत जल्द ही दिखाई देने लगा है. जिसकी शुरुआत कैंट बोर्ड गुरुवार को कर ही दी. कैंट बोर्ड ने विवादित ढांचे में से दो दीवारों को गिराकर डिमोलिशन का श्री गणेश कर ही दिया. डिमोलिशन करने के लिए कैंट बोर्ड के अधिकारियों ने लालकुर्ती पुलिस को भी बुलाया था. वैसे अपील खारीज होने के बाद इन्हीं दीवारों को बचाने के लिए कैंट बोर्ड के अधिकारियों के खिलाफ अवैध निर्माणकर्ता ने हाईकोर्ट में भी रिट दायर की हुई है जिसकी सुनवाई 24 जनवरी को होनी है.


दो दीवारों को ढहाया कैंट बोर्ड की टीम सुबह 10 बजे आज 22 बी में गई, जिसके साथ लालकुर्ती की पुलिस भी मौजूद थी। इसके बाद उन्होंने पीछे की ओर की दो दीवारों को तोड़ दिया। कैंट बोर्ड के अधिकारियों की मानें तो एक दीवार 200 फीट और एक 115 फीट की थी। पुलिस के होने से कोई भी तोडऩे का विरोध नहीें कर सका। अभी 6 और हैं मुकदमें वैसे कैंट बोर्ड और 22 बी के मामले में 6 और मुकदमें झेलने पड़ेंगे। 4 मुकदमें जीओसी इनसी के पास पेंडिंग हैं। इनकी सुनवाई फरवरी में होनी है। एक केस सिविल कोर्ट में संजय भटनागर वर्सेज कैंट बोर्ड है। इस केस की सुनवाई के लिए जिला जज को कहा गया है। एक केस हाईकोर्ट में चल रहा है। इसकी सुनवाई 24 को होनी है।
"कार्रवाई होना काफी जरूरी था। लोगों में ये मैसेज जाना काफी जरूरी था कि सिर्फ छोटे अवैध निर्माण पर ही कार्रवाई नहीं होती बड़े निर्माणों पर भी होती है." - एमए जफर, पीआरओ, कैंट बोर्ड  तोड़ दी मेरी भी दीवार


वहीं 22 ए में रहने वाले अनिल चौधरी ने आरोप लगाया है कि जब कैंट बोर्ड कार्रवाई कर रहा था उनका बुल्डोजर मेरे घर दीवार पर लगा। ये वो दीवार है जो दोनों बंगलों को एक दूसरे से अलग करती है। साथ ही दोनों ही इंजीनियर्स ने मेरी बात को अनसुना कर दिया और कह दिया कि बाद में बनवा देंगे।

Posted By: Inextlive