एडीएम सिटी ने आधा दर्जन से अधिक विभागों से तलब की अग्निकांड पर रिपोर्ट

अनियमितताओं पर तय होगी जबावदेही, एक सप्ताह में देना होगा नोटिस का जबाव

Meerut। ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी बड़े अग्निकांड के बाद जिम्मेदार विभागों से जबाव तलब किया गया हो। एमडीए सिटी अजय कुमार तिवारी ने सभी ऐसे विभाग जो इस हादसे के जिम्मेदार हैं, उनसे घटना के बाबत स्पष्टीकरण मांगा है। बुधवार को सभी विभागों को लेटर जारी करके एडीएम सिटी ने 7 दिन में जबाव दाखिल करने के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि सोमवार को मेरठ के मेजर ध्यानचंद्र नगर में भीषण अग्निकांड के बार जिला प्रशासन हरकत में है। केमिकल गोदाम में लगी आग की प्रथम जांच एडीएम सिटी ने की। मौका मुआयना के दौरान विभिन्न की लापरवाही एडीएम को नजर आई।

इन बिंदुओं पर मांगा स्पष्टीकरण

अवैध गोदाम में क्षमता से कई गुना अधिक केमिकल, थिनर/सॉल्वेंट के 100 से अधिक ड्रम कैसे भरे रखे थे? उद्योग विभाग बताए कि कैसे जमा हुए इतने ड्रम?

गोदाम में लगी आग से उठे धुएं ने आसपास के आवासीय इलाकों को आगोश में ले लिया। पॉल्यूशन विभाग बताए कि हादसे के बाद क्यो स्थिति थी।

आवासीय इलाके के आसपास आग लगने से लोगों की जानमाल को खतरा हुआ? एमडीए बताए कि किस स्थिति में आवासों के बीच फैक्ट्री संचालित हो रही थी।

फैक्ट्री मालिक सुपरटेक पामग्रीन बी-115 में रहने वाले सचिन गुप्ता मौके से भाग गया, पुलिस ने उसे क्यों नहीं पकड़ा? मालिक ने फायर बिग्रेड को सूचना भी नही दी।

गोदाम के एकदम सामने एक अन्य गोदाम भी है, ऐसी अवैध गोदामों को सील करने के लिए हादसे का ही इंतजार क्यों था? क्या कॉलोनी में एमडीए ने ऐसे मकानों का चिह्नित किया और कार्रवाई की जहां अवैध गतिविधियां चल रही हैं।

मकान का लैंडयूज या तो आवासीय होगा, या कॉमर्शियल। हाई इन्फ्लामेबल केमिकल का स्टाक किसकी अनुमति से जमा हो गया?

अग्निकांड के बाद सीएफओ अजय कुमार शर्मा ने इंस्पेक्टर ब्रह्मापुरी रघुराज सिंह को मौके पर पहुंचने के लिए फोन किया। इंस्पेक्टर के पहुंचने के देरी क्यों हुई? पुलिस ने आसपास के घरों और गोदामों में तलाशी अभियान चलाया?

केमिकल प्लांट्स में फायर ना‌र्म्स का पालन नहीं हो रहा था। गोदाम में मौके पर आग बुझाने का कोई साक्ष्य मौजूद नहीं था। सीएफओ बताएं कि गोदाम पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?

सचिन की गोदाम पूर्व में टीपी नगर में थी, घनी आबादी में आग लगने के बाद लोगों ने गोदाम संचालक को खदेड़ दिया था। जिसके बाद वो मेजर ध्यानचंद्र नगर में जाकर बस गया। क्या इसकी जानकारी पुलिस को नहीं थी?

गोदाम से सटकर बिजली की लाइन ला रही है, क्या बिजली विभाग ने कभी मौका मुआयना नहीं किया?

इन अधिकारियों को नोटिस जारी

एडीएम सिटी ने एसपी सिटी डॉ। एएन सिंह, एमडीए सचिव प्रवीना अग्रवाल, अपर नगरायुक्त बृजपाल सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी/एआरओ, आरके त्यागी क्षेत्रीय अधिकारी यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र वीके कौशल को नोटिस जारी कर विभिन्न बिंदुओं पर स्पष्टीकरण तलब किया है। जबकि जिलाधिकारी अनिल ढींगरा, एसएसपी अजय साहनी, नगरायुक्त अरविंद चौरसिया, एमडीए उपाध्यक्ष राजेश कुमार पाण्डेय को स्पष्टीकरण नोटिस की कॉपी भेजी है। प्रकरण पर एडीएम सिटी ने सभी विभागीय अधिकारियों स्पष्टीकरण के लिए 7 दिन का अल्टीमेटम दिया है।

भीषण अग्निकांड में कई जिम्मेदार विभागों की लापरवाही प्रकाश में आ रही है। सभी विभागों से स्पष्टीकरण तलब किया है। स्पष्टीकरण की जांच के बाद यदि किसी अधिकारी की लापरवाही पुष्ट होती है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।

अजय कुमार तिवारी, एडीएम सिटी, मेरठ

Posted By: Inextlive