स्कूलों में तय हो जिम्मेदारी
अनलॉक-5 के तहत वेबिनार के जरिए स्कूलों ने की प्रशासन के साथ मीटिंग
कोविड-19 के लिए गाइडलाइंस का पालन करना होगा जरूरीMeerut। अनलॉक-5 के तहत 19 अक्टूबर से स्कूल खुलने की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। इसको लेकर कंफेडरेशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूलों ने शनिवार को जिला प्रशासन के साथ एक वेबिनार मीटिंग की। इसके साथ ही फेसबुक लाइव पर भी स्कूल जुड़े। इस दौरान स्कूलों के संशय को दूर करते हुए एडीएम सिटी अजय तिवारी ने कहा कि गाइडलाइंस का पालन करना जरूरी है। इसके लिए हर स्तर पर जिम्मेदारी तय होनी जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्कूल सोसायटीज के तहत ओपन हो रहे हैं। सोसाइटीज को लेकर निर्देश स्पष्ट हैं। पहले चरण में स्कूल 10वी और 12वी के स्टूडेंट्स को ही बुलाएंगे। अगर स्टूडेंट्स ज्यादा है तो एक दिन के अंतर पर ही बच्चों को बुलाया जा सकेगा। मीटिंग में राहुल केसरवानी, डॉ। विशाल जैन, डॉ। कर्मेंद्र, अनुपमा सक्सेना, कंवलजीत सिंह और गोपाल दीक्षित समेत कई स्कूलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
सीएमओ हेल्पलाइन की लें मददकोरोना काल में जहां प्रशासन ने स्कूलों को पूरे एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। वहीं इमरजेंसी में तत्काल सीएमओ हेल्पलाइन पर संपर्क करने के लिए भी कहा है। उन्होंने कहा कि अगर किसी बच्चे में कोरोना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं तुरंत सीएमओ को सूचित करें। हेल्थ विभाग की टीम खुद स्कूल के पास पहुंचेगी और जरूरी स्टेप्स लेगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि स्कूलों को किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है.उन्होंने ये भी कहा की स्टूडेंट्स कहीं से भी आए स्कूलों को उनकी पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी। कहा कि जो व्यवस्था अपने बच्चों के लिए की जाती है वहीं स्कूल के बच्चों के लिए की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से बनाई गई हेल्पलाइन नंबर जल्द ही स्कूलों के साथ शेयर की जाएगी। जिससे किसी भी परिस्थिति में स्कूल सीधे हेल्पलाइन पर सूचना देकर मदद ले सकें।
लापरवाही पर सख्त कार्रवाई जूम एप पर आयोजित वेबिनार में शामिल हुए करीब 750 स्कूल संचालक, प्रिंसिपल और टीचर्स को प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया कि शासन की ओर से जारी एसओपी का शत-प्रतिशत पालन होना जरूरी है। इसके लिए हर स्तर पर कम्युनिकेशन स्पष्ट हो और जिम्मेदारी का पालन इंश्योर करवाया जाए। अगर कहीं भी लापरवाही मिलती है तो सख्त कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही संस्था ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सबसे अहम है। सभी को एसओपी टिप्स याद रखने के लिए कहा गया है।पेरेंट्स का रेस्पांस नहीं
स्कूल में जब भी क्लास चलेगी, उसे ऑनलाइन भी चलाया जाएगा। हम लोग एक साथ दोनों क्लासेज चलाने की तैयारी कर रहे हैं। मुख्य रूप से कोशिश रहेगी कि दोनों तरह से बच्चों पर पूरा फोकस किया जा सके। अजय गुप्ता, टीचर, पुलिस मार्डन स्कूल एक दिन में केवल तीन घंटे पढ़ाई होगी। घर और स्कूल दोनों बच्चों की साथ क्लास चलेगी। ऑनलाइन क्लास की अब टीचर्स को प्रैक्टिस हो चुकी है। हालांकि कोशिश यही है कि बच्चों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। डा। वाग्मिता त्यागी, वाइस प्रिंसिपल, गार्गी गर्ल्स स्कूलकोरोना काल में करीब सात महीने बंद रहने के बाद स्कूल सोमवार से स्टूडेंट्स की पढ़ाई के लिए खुल रहे हैं। इसके बावजूद बहुत कम पेरेंट्स ने ही बच्चों को भेजने की सहमति प्रदान की है। स्कूलों का कहना है कि शुरू में कुछ स्टूडेंट्स आएंगे। माहौल सही होगा तो धीरे- धीरे और भी पेरेंट्स बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सहमत होंगे।
न घबराएं स्कूल स्कूलों के साथ हुई वेबिनार में डीएम के.बालाजी ने कहा कि स्कूलों को घबराने की जरूरत नहीं हैं। जिला प्रशासन स्कूलों के साथ है। किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए जिले का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है। हर स्तर पर अनुभवी डॉक्टर्स और लोग किसी भी समय मदद के लिए तैयार रहेंगे। ऑफलाइन और ऑनलाइन चलेंगे स्कूललॉकडाउन के तहत सात महीने से बंद पड़े स्कूल नए नियमों के साथ 19 अक्टूबर से आंशिक तौर पर खुलने जा रहे हैं। शासन की गाइडलाइन के तहत स्कूलों में अभी भी ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में पढ़ाई जारी रहेगी। ऐसे में जहां दोनों मोड्स को एक साथ जारी रखना स्कूल्स के लिए बड़ा चैलैंज होगा वहीं टीचर्स के लिए भी डबल चुनौती साबित होगी। हालांकि बच्चों की पढ़ाई को देखते हुए स्कूल अपने-अपने स्तर से तैयारी में हैं।
कहीं अलग, कहीं साथ चलेंगी क्लास दोनों मोड में क्लासेज चलाने के लिए स्कूलों ने अलग-अलग व्यवस्था की है। इसको लेकर जहां कुछ स्कूलों ने पहले ऑनलाइन फिर ऑफलाइन क्लास का शेड्यूल तैयार किया है वहीं कुछ स्कूलों ने ऑफलाइन क्लासेज के साथ ही लाइव क्लासेज चलाने की तैयारी की है। हालांकि दोनों ही विकल्पों को लेकर टीचर्स को डबल मेहनत करनी पड़ रही है। टीचर्स का कहना है कि दोनों क्लासेज में एक साथ पढ़ाने और समझाने में समस्या आ सकती है जबकि एक टीचर को एक ही क्लास के बच्चे को दो बार पढ़ाना बहुत ही मुश्किल है। इस हाल में एक ही क्लास के लिए कई टीचर लगाने पड़ेंगे। स्कूलों का शेड्यूल काफी सोच समझकर ड्राफ्ट किया गया है। ऑनलाइन क्लासेज लाइव फिजिकल क्लासेज के साथ चलेंगी। इससे टीचर्स और स्टूडेंट्स दोनों फ्रेश और फोकस्ड रहेंगे। वहीं स्कूल में हाई स्पीड ब्रॉडब्रैंड लगवाया जा रहा है ताकि किसी भी प्रकार की दिक्क्त न हो। एके दूबे, प्रिंसिपल, दीवान पब्लिक स्कूल