- पहली लिस्ट और दूसरी लिस्ट को लेकर परेशान रहे स्टूडेंट्स

- तपती धूप में दोपहर दो बजे तक लाइन में लगें रहे स्टूडेंट

- आधा दिन इंतजार करने के बाद मायूस लौटे स्टूडेंट्स

Meerut दूसरे दिन भी स्टूडेंट्स ने दाखिले की दौड़ में काफी पसीना बहाया। सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक लंबी कतारों में खड़े स्टूडेंट्स बस इसी आस में थे कि आज शायद उनका एडमिशन हो जाएगा। मगर दूसरे दिन भी स्टूडेंट्स दाखिले के लिए कटऑफ का प्रिंट और डाक्यूमेंट्स लेकर इधर से उधर भटकते नजर आए। कॉलेजों के पेड़ के नीचे अपने नंबर का इंतजार करते, तो कोई अपने डॉक्यूमेंट्स को बार बार चेक करते हुए नजर आया। कॉलेज भी आज पहली कटऑफ की लास्ट डेट बता रहे थे। इसलिए पहली कटऑफ के स्टूडेंट्स को बस यही चिंता थी कि किसी तरह से उनका एडमिशन हो जाए।

ये रहा कॉलेजों का सीन

कॉलेजों में एडमिशन को लेकर परेशान स्टूडेंट्स दोपहर बाद तक एडमिशन की बेट करते रहें। लेकिन वाबजूद इसके पहली लिस्ट में नाम आने वाले काफी स्टूडेंट्स को वापस लौटना पड़ा। वहीं प्रॉसपेक्टस लेने वालों की भी बहुत भीड़ दिखी। वहीं दूसरे दिन भी कॉलेजों में स्टूडेंट्स की यूनिवर्सिटी वेबसाइट का सर्वर भी ठप ही रहा। वहीं दूर दराज से अपने एडमिशन के लिए आए स्टूडेंट्स कॉलेजों में काफी दिक्कतों का सामना करते नजर आए।

आधी-अधूरी जानकारी

पहली लिस्ट के एडमिशन होने हैं या फिर दूसरी लिस्ट के एडमिशन। बिना जानकारी के ही स्टूडेंट कॉलेज पहुंच गए। यहीं नहीं सीबीएसई और यूपी बोर्ड की परसेंटेज और कटऑफ में भी स्टूडेंट्स में काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। ऐसे में जिनके कटऑफ लिस्ट में नाम भी नही थे, वे भी एडमिशन के लिए पहुंच गए। वहीं स्टूडेंट्स को यह तक भी नहीं पता था, कि आखिर उन्हें एडमिशन के लिए कौन कौन से डॉक्युमेंट की आवश्यकता है।

यूनिवर्सिटी के अनुसार जिन स्टूडेंट का पहली लिस्ट में नाम आया था, उन्हें क्क् जुलाई को दो बजे तक प्रवेश लेना था। दूसरी लिस्ट में क्ख् जुलाई को दोपहर तक वक्त मिलेगा। क्फ् जुलाई को रविवार है। ऐसे में तीसरी कटऑफ क्ब् जुलाई को आ सकती है। इसके वाबजूद लिस्ट में नाम वाले स्टूडेंट वंचित रह जाते है। तो कॉलेजों को ग्रीवेंस मॉड्यूल के जरिए सीसीएसयू को सूची भेजनी होगी, जिसमें स्टूडेंट का रजिस्ट्रेशन नम्बर, नाम, डिग्री व विषय समूह भी देना होगा।

स्टूडेंट्स की परेशानियां

- असली डॉक्यूमेंट न होने की वजह से स्टूडेंट्स को घर वापस लौटना पड़ा।

- इंटर और हाईस्कूल की मार्कशीट में स्टूडेंट, फादर्स एंड मदर्स के नाम में होने वाली गड़बड़ी डि़यों के कारण वैरीफीकेशन करने में परेशानी होना।

- कुछ स्टूडेंट्स के क्वालीफाइड लिस्ट में तो नाम दिखा, पर कॉलेजों की लिस्ट से नाम गायब रहें। जिसके सॉल्यूशन के लिए वह यूनिवर्सिटी में एडमिशन के कॉर्डिनेटर के पास पहुंचे।

- कुछ स्टूडेंट्स ऐसे भी थे जिनके नंबर 7ब् प्रतिशत से लेकर 80 के बीच थे, लेकिन स्टूडेंट्स को यही नहीं पता लग पा रहा था, वो क्वालीफाई है या डिसक्वालीफाई है।

- स्टूडेंट्स को उनकी परसेंटेज के हिसाब से उनके मन पसंदीदा सबजेक्ट नहीं मिल रहे थे। जैसे किसी को बीएससी मैथ्स लेनी थी, तो उसे कटऑफ के हिसाब से बीएससी मैथ्स में एडमिशन नहीं मिल रहा था।

Posted By: Inextlive