करीब आठ साल पहले यात्रियों की सुविधा के लिए शहर में जगह-जगह सिटी बस के स्टॉपेज बनाए गए थे। मगर इन स्टॉपेज को बनाने की प्लानिंग में विचारों की बड़ी कमी थी। जिसकेचलते इनकी लोकेशन का सलेक्शन ही गलत हो गई। इसी के चलते 1.70 करोड़ की लागत से बने सभी स्टॉपेज किसी काम के नहीं रहे।

मेरठ (ब्यूरो)। अपडेट यह है कि एक बार फिर एमसीटीएस और नगर निगम सिटी बसों के लिए स्टॉपेज बनाने की तैयारी में जुट गया है। दरअसल, जेएनएनयूआरएम योजना के तहत नगर निगम द्वारा करीब आठ साल पहले शहरभर में 17 विभिन्न जगहों पर सिटी बसों के लिए 1.70 करोड़ रुपये की लागत से स्टॉपेज बनाए गए थे। प्रति बस स्टॉप की लागत करीब 10 लाख रुपये आई थी।

स्टॉपेज की लोकेशन ही गलत
सिटी बसों के लिए चौराहों पर बनाए गए इन स्टॉपेज को लोगों की सुविधाओं के लिए ही नगर निगम द्वारा तैयार किया गया था। लेकिन निगम द्वारा रोडवेज से बसों को रोकने के लिए अनुबंध ही नहीं हो पाया। रोडवेज के अनुसार बस स्टॉपेज जिस जगह बनाए गए थे, वहां तक बस नहीं जा सकती थी। साथ ही यात्री भी उन जगह पर बसों का इंतजार नहीं करते थे। कई जगह स्टॉपेज मेन रोड से काफी अंदर बनाए गए तो कुछ चौराहों से काफी पहले बना दिए गए थे।

हो चुके हैैं जर्जर
आठ सालों में इन स्टॉपेज पर न तो कभी सिटी बस रुकी और न ही यात्री। मौसम की मार झेल कर ये स्टॉपेज अब जर्जर हो चुके हैैं। चमचमाते हुए डिजिटल बोर्ड से लैस इन स्टॉपेज पर अब डिजिटल बोर्ड तो छोडि़ए बैठने के लिए एक सीट तक नही बची है।

44 नए स्टॉपेज बनेंगे
अब दोबारा से एमसीटीएस और नगर निगम 49 अलग-अलग स्थानों पर बस स्टॉपेज बनाने की प्रक्रिया में जुट गए हैैं। प्लानिंग के तहत 44 स्थानों पर नए स्टॉपेज बनाए जाएंगे और पांच पुराने स्टॉपेज को अपडेट किया जाएगा। हालांकि सुविधाओं के मामले ये स्टॉपेज पुराने स्टॉपेज की तर्ज पर ही विकसित किए जाएंगे। इन बस स्टॉपेज पर आधुनिक तकनीक के डिजिटल बोर्ड लगाए जाएंगे। जिन पर बसों की डिटेल्स के साथ एडवरटाइजिंग भी की जाएगी।

इस बार हमने पूरे सर्वे के बाद यात्री की जरूरतों को देखते हुए जगह का चयन कर सूची निगम को भेजी है। जिन जगहों पर यात्री बसों का वेट करते हैं, उन्हीं स्थानों पर बस स्टॉपेज का लाभ यात्रियों को मिलेगा।
विपिन सक्सेना, एआरएम, एमसीटीएस

Posted By: Inextlive