Meerut : काफी समय से मेरठ सिटी में एयरपोर्ट की मांग उठ रही है. इसके लिए पूरा प्रोजेक्ट तैयार है. बकायदा सिटी के आउटर में पूरा रन वे तैयार है. प्रशासन और एमडीए जमीन भी देने को तैयार है. इसके बाद भी इस प्रोजेक्ट अटका हुआ है. केंद्र और राज्य सरकार के बीच झूल रहे इस प्रोजेक्ट से पब्लिक को कितना फायदा मिलेगा? साथ सिटी में एयरपोर्ट क्यों जरूरी है इस बारे में बात करना काफी जरूरी है. आइए आपको भी बताते हैं...


दिल्ली एयरपोर्ट से दूरी अभी अगर किसी को मेरठ से किसी दूसरे प्रदेश या फिर इलाहाबाद और लखनऊ प्लेन से जाना होता है तो यात्री को उसके लिए दिल्ली एयरपोर्ट जाना होता है। मेरठ से दिल्ली के एयरपोर्ट की दूरी वाया रोड 90 किलोमीटर के आसपास है। मेरठ से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने में करीब दो तीन घंटे का नॉर्मल टाइम लग जाता है। अमूमन दिल्ली रोड पर लगने वाले जाम और एक्सीडेंट की वजह से लोगों की या तो ट्रेन मिस हो जाती है। या फिर उन्हें एक दिन पहले होटल में रूम बुक कराकर रुकना पड़ता है। हाईकोर्ट से दूरी


भले ही मेरठ में हाईकोर्ट बेंच खोलने का मुद्दा गरमाया हुआ हो। फिर भी जब तक बेंच नहीं खुल जाती तब तक तो लोगों को केस के सिलसिले में इलाहाबाद हाईकोर्ट तो जाना ही पड़ेगा। मेरठ से इलाहाबाद की दूरी 650 किमी है। इसमें 9 से 10 घंटे लग जाते हैं। ट्रेन की लेटलतीफी के कारण कभी-कभी लोग कोर्ट में समय पर नहीं पहुंच पाते हैं, जिसकी वजह से केस भी कमजोर पड़ जाता है। कैपिटल से दूरी

सिटी में तमाम लोगों का लखनऊ में भी काम पड़ता है। मेरठ से लखनऊ की दूरी करीब 450 किलोमीटर है। नौचंदी एक्सप्रेस से जाने में करीब 9 घंटे लगते हैं, जिसमें लोगों को काफी परेशानी फेस करनी पड़ती है। अगर लोग प्लेन का सहारा भी लेते हैं तो पहले दिल्ली जाना पड़ता है.   गोल्ड फैक्टरएशिया में मेरठ को गोल्ड की सबसे बड़ी मंडी भी कहा जाता है। हर रोज करोड़ों रुपए का माल लाना ले जाना कोई छोटी बात नहीं है। ट्रेन, और बस से सामान ले जाने में खतरा भी रहता है। अगर वाया प्लेन भी सामान को भेजता हो तो दिल्ली तक भेजना और फिर तमाम फॉर्मेलिटी में काफी टाइम लग जाता है। साथ में रुपया भी काफी खर्च हो जाता है।स्पोट्र्स कैपिटलइंडिया में स्पोट्र्स गुड्स की मेरठ से बड़ी मंडी कोई और नहीं है। सिटी में छोटी बड़ी 500 मैन्यूफेक्चरिंग यूनिट्स मौजूद हैं। इसके अलावा मेरठ में हर साल रणजी मैच भी होते हैं। इन मैचों में पूरे देश से इंडियन टीम को रिप्रेंट करने वाले प्येयर्स भी आते हैं, जिन्हें पहले दिल्ली और उसके बाद ट्रैफिक जाम और बदइंतजामी को झेलते हुए मेरठ आना पड़ता है।

'हमारे व्यापार के लिए तो काफी जरूरी है एयरपोर्ट। मौजूदा समय में हमें अपना व्यापार फैलाने में काफी दिक्कतें हो रही हैं। एयरपोर्ट के लिए दिल्ली जाने पर बीच में कई बार व्यापारियों के साथ वारदातें हो चुकी हैं.'- दिनेश रस्तोगी, महामंत्री, न्यू सर्राफा व्यापार एसोसिएशन 'जब भी कोई क्रिकेट या किसी और स्पोट्र्स का प्लेयर मेरठ विजिट पर आता है तो उन्हें दिल्ली से मेरठ तक पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं स्पोट्र्स गुड्स की सप्लाई में भी काफी दिक्कतें होती हैं। अगर सिटी में एयरपोर्ट बन जाए तो काफी समस्याओं का हल हो जाएगा.' - उदय महाजन, डायरेक्टर, एसएम कंपनी 'मैं कुछ दिनों पहले पुणे गया था अपनी फैमिली के साथ। शाम की फ्लाइट थी। मेरठ के जाम से फ्लाइट मिस हो गई। अगली फ्लाइट के लिए दिल्ली एयरपोर्ट के पास ही होटल में ठहरना पड़ा। अगर मेरठ में ही एयरपोर्ट होता तो हमारे साथ ऐसा न होता.' - नरेंद्र शर्मा, राजेंद्र नगर 'मेरठ में एयरपोर्ट होने से लोगों को फायदा होगा। पब्लिक के बारे में सोचते हुए केंद्र और राज्य सरकार को इस पर हरी झंडी दिखा देनी चाहिए। ताकि मेरठ में बने हुए रन वे का सही इस्तेमाल हो सके.'- विजय नंदा, व्यापारी

Posted By: Inextlive