शहर में हॉस्पिटल्स के बाहर खड़ी एंबुलेंसों की एलपीजी किट में लगे हैं घरेलू गैस सिलेंडर

एलपीजी किट रिपेयरिंग सेंटर के नाम पर घरेलू गैस सिलेंडर भरने का चल रहा धंधा

Meerut। बीमार होने पर भले ही शहर में सस्ती प्राइवेट एंबुलेंस सेवा का लाभ न मिले लेकिन प्राइवेट एंबुलेंस का कारोबार इस कदर पूरे शहर में फैल चुका है कि हर छोटे-बडे़ हॉस्पिटल के बाहर दर्जनों एंबुलेंस मंडराती हुई दिख जाती है। इनमें से अधिकतर एंबुलेंस परिवहन विभाग द्वारा एंबुलेंस के मानकों पर पास ही नहीं हैं। इन एंबुलेंस में मरीज की सीट के नीचे घटिया क्वालिटी के पूरे-पूरे एलपीजी सिलेंडर लगाकर एंबुलेंस को संचालित किया जा रहा है। ये एंबुलेंस किसी भी दिन किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। ये सिलेंडर न तो आरटीओ से स्वीकृत है और न ही सुरक्षित है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने स्िटग ऑपरेशन में कुछ ऐसी ही अवैध एलपीजी किट पर दौड़ती एंबुलेंस को कैमरे में कैद किया। साथ ही टीम ने इन एंबुलेंस में लगे सिलेंडर्स को घरेलू गैस सिलेंडर के जरिए अवैध रूप से भरने के कारोबार का भी खुलासा किया।

गैस भरने की फीस 50 रूपये

टीम ने रविवार को वेस्टर्न रोड शिव चौक के पास एक एलपीजी किट रिपेयरिंग सेंटर पर जाकर गाड़ी में गैस भरने की बात की तो सेंटर संचालक ने अपने सिलेंडर से गैस भरने के लिए 1000 रुपये रेट बताया। संचालक ने ये भी बताया कि अगर सिलेंडर खुद से लाते हैं तो गैस केवल 50 रुपये भर जाएगी। किट रिपेयरिंग की आड़ में सेंटर पर खुलेआम घरेलू गैस सिलेंडर से वाहनों में गैस भरी जा रही थी। इतने में एक प्राइवेट हॉस्पिटल की एंबुलेंस सेंटर पर आई और चालक ने किट में लगे सिलेंडर को भरने के लिए अपना घरेलू गैस सिलेंडर दे दिया। एलपीजी किट रिपेयर सेंटर संचालक ने तुरंत गैस भरने का मोटर निकालकर सिलेंडर से गाड़ी वाले सिलेंडर में गैस भरनी शुरू कर दी। करीब 15 मिनट में गैस भरने के बाद एंबुलेंस चालक ने पेमेंट की और वो चलता बना।

एलपीजी गैस सिलेंडर अवैध

परिवहन विभाग के मानकों के अनुसार एंबुलेंस और स्कूली वाहनों में एलपीजी गैस सिलेंडर मान्य नहीं है। इन वाहनों को फिटनेस नहीं दी जा सकती है। दूसरे नियमानुसार यदि वाहन में अप्रूवड एलपीजी किट लगी भी हुई है तो उसमें गैस केवल अधिकृत पंप से ही डाली जा सकती है। दरअसल, आए दिन होने वाले हादसों को देखते हुए सरकार ने घरेलू गैस सिलेंडर से गैस डालने पर बैन लगा हुआ है। बावजूद इसके अवैध रूप से शहर में जगह-जगह एंबुलेंस की एलपीजी किट में लगे सिलेंडर्स को घरेलू गैस सिलेंडर से भरने का काम बदस्तूर जारी है।

एलपीजी किट मान्य नहीं

एआरटीओ प्रवर्तन दिनेश कुमार का कहना है कि एंबुलेंस के मानकों में एलपीजी किट मान्य नहीं है। कंपनी फिटेड एलपीजी किट मॉडल वाली कुछ गाडि़यों को सालभर पहले अनुमति दी जा रही थी लेकिन अब वह भी बंद है। एंबुलेंस सीएनजी किट से संचालित हो सकती हैं, लेकिन सिर्फ कंपनी फिटेड या विभाग से अप्रूव्ड किट पर। एलपीजी किट पर एंबुलेंस चलाना और घरेलू सिलेंडर से गैस भरवाना दोनों गलत है।

Posted By: Inextlive