शासन ने जारी की गई गाइडलाइंस

सैंपलिंग के लिए बढ़ानी होगी संख्या

Meerut । को-मार्बिड मरीजों के एंटीजन सैंपल अब अगर निगेटिव आता है तो विभाग ऐसे मरीजों की दोबारा आरटी-पीसीआर जांच करवाएगा। जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या ने शासन के माथे पर एक बार फिर बल डाल दिए हैं। क्रिटिकल मरीजों को लेकर भी शासन की चिंता बढ़ने लगी है। इसको लेकर ही शासन की ओर से नई गाइडलाइन जारी की गई है।

ये है गाइडलाइन

शासन की ओर से आए निर्देशों के तहत अभी तक सिर्फ लक्षण वाले मरीजों के एंटीजन में निगेटिव आने पर ही आरटी-पीसीएआर टेस्ट करवाया जाता था। जबकि अब को-मोर्बिड वाले मरीजों का आरटी-पीसीआर टेस्ट जरूरी होगा होगा। इसके अलावा जांच के लिए भेजे जा रहे सभी सैंपल्स की मॉनटिरिंग शासन स्तर पर की जाएगी। इसके लिए विभाग को शाम 6 बजे तक स्टेट सर्विलांस टीम को डेली का डाटा देने के निर्देश दिए गए हैं।

जुलाई में सैंपिलंग कम

शासन की ओर से जुलाई में हुई सैंपलिंग को लेकर भी नाराजगी जाहिर की गई है। निर्देशों के तहत जुलाई में टारगेट से कम सैंपल लिए गए हैं। वहीं आरटीपीसीआर से जांच के लिए भेजे जा रहे सैंपल भी कम हैं। जबकि एंटीजन का टारगेट भी कम रखा गया था। ऐसे में अब एंटीजन रैपिड टेस्ट किट से हर दिन 2500 सैंपल जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।

बनेगी टीम

सर्विलेंस और सैंपलिंग के लिए भी शासन ने विभाग को टीमें बनाने के निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत अर्बन एरिया में कम से कम 2 से 3 टीमें गठित की जाएंगी। 7 से 10 दिन में सर्विलेंस का पूरा काम पूरा करना होगा। इसके अलावा कंटेनमेंट जोन में सर्विलेंस को लेकर अधिक एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

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शासन की ओर गाइडलाइन आई हैं। इनका पूरी तरह से पालन करवाया जाएगा। को-मोबिर्ड मरीजों के साथ संक्रमण का खतरा अधिक होता है।

डॉ। राजकुमार, सीएमओ

Posted By: Inextlive