दशहरा से बिगड़ी शहर की आबोहवा, प्रतिबंधित वाहन भी फैला रहे प्रदूषण

सोमवार दिनभर शहर में दिखा स्मॉग का असर

331 पहुंची शहर की एक्यूआई

21 टीमों के 42 प्रशासनिक अधिकारी शहर में पॉल्युशन रोकने में जुटे

Meerut। ग्रैप लागू होने के बाद भी सíदयों की शुरुआत के साथ ही शहर की आबोहवा में प्रदूषण का असर दिखाई देना शुरु हो गया है। पॉल्यूशन विभाग की सख्ती के चलते भले ही 21 टीमों के 42 प्रशासनिक अधिकारियों को प्रदूषण पर रोक के लिए अलर्ट हैं, लेकिन उनकी सजगता के बाद भी सोमवार को शहर स्मॉग की चपेट में दिखा। दशहरा की शाम को शहर में जगह जगह आतिशबाजी और रावण दहन का कार्यक्रम छोटे बडे़ स्तरों पर किया गया। इसके चलते सोमवार को मेरठ का एक्यूआई बेहद खराब स्तर पर पहुंच गया। इसके चलते दशहरा के अगले ही दिन दिनभर शहर में हल्की धुंध छाई रही और लोगों को सांस लेने में परेशानी का भी अनुभव हुआ।

बेहद खराब स्तर पर एक्यूआई

सोमवार को मेरठ की एयर क्वालिटी इंडेक्स बहुत खराब स्तर पर पहुंच गई। सोमवार का मेरठ का एक्यूआई 331 यानि वैरी पुअर दर्ज किया गया। अचानक से मेरठ का एक्यूआई बिगड़ने का प्रमुख कारण रविवार शाम को हुई आतिशबाजी को भी माना जा रहा है। रविवार शाम को शहर में जमकर आतिशबाजी हुई जगह जगह रावण दहन हुआ इसके धुएं ने शहर की आबोहवा को प्रदूषित कर दिया। सोमवार सुबह यही धुआं स्मॉग के रूप में शहर के लोगों को दिनभर दिखाई दिया। वहीं सोमवार को हवा की गति भी काफी कम रही जिस कारण से स्मॉग दिनभर वातावरण में जमा रहा। इस कारण से दिन भर लोगों को शहर में धुंध दिखाई दी।

सोमवार को एक्यूआई

मेरठ 331

गाजियाबाद 365

ग्रेटर नोएडा 384

हापुड 272

दिल्ली 353

बुलंदशहर 379

निगम का एक्शन जीरो

ग्रैप लागू होने के बाद नगर निगम ने लगातार जलते हुए कूडे़ पर अभियान चलाते हुए कुछ लोगो के खिलाफ अज्ञात में चालान काटा था, लेकिन यह अभियान भी कुछ दिन चलकर रह गया। वहीं निगम के निर्माण विभाग की टीम लगातार शहर में निरीक्षण कर खुले में पड़ी निर्माण सामग्री को कवर करा तो दिया लेकिन शहर में जारी निर्माण कार्य अभी निगम के लिए परेशानी बने हुए हैं।

पॉल्यूशन के कारण शहर का एक्यूआई प्रभावित हो रहा है। इसका कुछ असर स्मॉग के रूप में दिखाई देने लगा है। सोमवार को एक्यूआई खराब स्तर पर रहा।

योगेंद्र कुमार, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी

15 साल से पुराने वाहन भी समस्या

15 साल पूरे कर चुके दो व चार पहिया वाहनों से निकलने वाला धुआं शहर की आबोहवा को बिगाड़ रहा है। परिवहन विभाग ने ऐसे वाहनों पर लगाम कसना शुरु कर दिया है। हालांकि, अपनी आयु पूरी कर चुके वाहन पहले से ही सड़कों पर चलने के लिए प्रतिबंधित हैं, लेकिन अब ग्रैप यानि ग्रेडेड रेस्पोंस एक्शन प्लान लागू होने से वाहनों का हर हाल में संचालन बंद करना परिवहन विभाग के लिए जरुरी हो गया है। ऐसे में परिवहन विभाग ने इन वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद करना शुरु कर दिया है।

जारी हो रहे नोटिस

गाडि़यों की समयावधि बीत जाने के बाद भी वाहन स्वामी बार-बार नोटिस देने के बावजूद समय पूरा कर चुकी गाडि़यों को पुन: रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कार्यालय नहीं आ रहे हैं। मेरठ में ऐसे वाहनों की संख्या करीब 50 हजार से अधिक है। ये वाहन 15 साल से अधिक की अवधि पूरी कर सड़कों पर दौड़ रहे हैं। जबकि बाकी को केवल एनसीआर से बाहर का परमिट देकर संचालन किया जा रहा है। ऐसे में ये वाहन शहर भर में प्रदूषण भी फैला रहे है। ऐसे वाहनों के खिलाफ परिवहन विभाग बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है ताकि शहर की आबोहवा में स्मॉग ना बने और सíदयों में भी लोगों को ताजी हवा ही मिले।

सीज होंगे वाहन

नोटिस के मुताबिक यूएससी, यूएसएल, यूएसटी, यूएसडी, यूआरजे, यूटीजी, यूएचडी, यूपी-15 ए, बी, सी, डी, एफ, टी, एटी, बीटी व सीटी सीरीज वाले वाहन जो दस साल की आयु सीमा पूरी कर चुके हैं, उन्हें 30 दिन के अंदर एनसीआर क्षेत्र व उत्तर प्रदेश के प्रतिबंधित जनपदों को छोड़कर अन्य जनपदों में एनओसी लेनी होगी। आरटीओ की तरफ से जारी नोटिस के बाद भी एनओसी नहीं लेने वाले वाहनों का रजिस्ट्रेशन अधिनियम की धारा 53 (1) के तहत स्वत: निलंबित हो जाएगा। निलंबन अवधि में यदि वाहन का संचालन सार्वजनिक स्थान पर पाया गया तो वाहन को जब्त कर लिया जाएगा।

आयु पूरी कर चुके वाहनों का रजिस्ट्रेशन रदद होने के बाद उनका सड़क पर संचालन प्रतिबंधित है। ऐसे वाहनों को चेक कर सीज किया जाएगा। इसके लिए प्रवर्तन दल रोजाना ऑन रोड चेकिंग कर रहा है।

दिनेश कुमार, एआरटीओ प्रवर्तन

Posted By: Inextlive