बीते दो महीने से आरिफ अपने अपहरण की बना रहा था प्लानिंग

बहनों को साथ ले जाने और जीवनयापन के लिए फिरौती में मांगे थे 50 लाख

Meerut। आरिफ के साथ-साथ उसकी दोनो बहनें भी मां के व्यवहार और पिता की उपेक्षा से परेशान थी। पुलिस पूछताछ में आरिफ ने बताया कि वह अपनी दोनों बहनों आयशा और इना को भी अपने साथ गोपनीय तरीके से अपहरण का ड्रामा करके ले जाना चाहता था। एसएसपी ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि आरिफ ने अपनी बहनों को भी किराए के मकान में ले जाने का प्लान बनाया था। आरिफ की प्लानिंग थी कि दिल्ली या गुड़गांव में किराए का मकान लेने के बाद वह मेरठ आकर अपनी दोनो बहनों को ले जाता। इतना ही नहीं, नौकरी करके अपना और अपनी बहनों का गुजारा करनी की भी आरिफ ने प्लानिंग बनाई थी।

पचास लाख का इंतजाम

आरिफ के पिता आसिफ की आर्थिक हालत भी ठीक-ठाक है। घर पर लाखों रूपये कैश हमेशा रखा रहता है। केवल परिवार में तालमेल की दिक्कत आ रही थी। आयशा, इना और आरिफ पिछले छह महीने से सौतेला व्यवहार और उत्पीड़न झेल रहे थे, जिसके चलते आरिफ ने यह कदम उठाया। आरिफ का प्लान था कि पचास लाख रूपये अपहरण के बहाने उसके पास आ जाते तो उसके जीवनयापन में कोई दिक्कत नहीं होती और वह कोई नौकरी करके अपना गुजारा कर लेता। उसने अपने मन में ठान ली थी कि घर में मां-बाप को अकेला छोड़ना है और बहनों को भी बाहर निकालकर अपने साथ रखना है। यह पूरी प्लानिंग एक दिन की नहीं थी बल्कि दो महीने से आरिफ ये योजना बनाने में जुटा था और सोमवार को उसने फाइनल स्टेप उठा ही लिया।

मां-बाप के व्यवहार से परेशान होकर आरिफ ने अपने अपहरण का कदम उठाया। आरिफ अपनी बहनों को भी अपने साथ ले जाना चाहता था, ऐसी प्लानिंग उसने कर रखी थी। अभी इस मामले में बहनों से भी पूछताछ की जाएगी।

डॉ। अखिलेश नारायण सिंह, एसपी सिटी, मेरठ

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सर्विलांस से ट्रेस कर आरिफ

आरिफ के अपहरण की जानकारी होने के बाद पुलिस दो बिंदु पर अपना फोकस करके चल रही थी। पहला फिरौती की चिट्टी की हैंड राइटिंग और दूसरा जिस नंबर से फिरौती के लिए मैसेज भेजा गया था उसकी लोकेशन। सर्विलांस के जरिए सोमवार देर रात पुलिस को नंबर की लोकेशन पहले गाजियाबाद और फिर नोएडा की मिली। पुलिस की एक टीम लोकेशन का पीछा कर रही थी। दिल्ली की लोकेशन मिलने के बाद पुलिस सर्विलांस सिस्टम के संपर्क में थी। जिसके बाद आरिफ को दिल्ली से दबोचा जा सका। तकनीकी रूप से आरिफ को जानकारी कम थी, जिसके चलते उसको आसानी से पकड़ लिया गया। वहीं ये भी अच्छा यह रहा कि जो फोन आरिफ के पास था, वो ऑन था, वरना पुलिस के लिए लोकेशन सर्च करना मुश्किल हो जाता।

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कस्टडी से इनकार

एसपी सिटी डॉ। अखिलेश नारायण सिंह ने इस मामले को चाइल्ड केयर कमेटी की निदेशिका अनिता राणा को सुपुर्द करने के लिए बात कही। अनिता राणा को एसपी सिटी ने बताया कि नौचंदी थाने में 363 आईपीसी की धारा में अपहरण का मुकदमा दर्ज है। एक नाबालिग ने अपने अपहरण का ड्रामा किया था, जिसको सकुशल बरामद कर लिया गया है। अब 363 धारा को आईपीसी की धारा 364 ए में तरमीम किया जा रहा है। ऐसे में इस केस में चाइल्ड लाइन अपनी तरफ से कार्रवाई करे। मगर अनिता राणा ने कहा कि नाबालिग पर मुकदमा दर्ज है, ऐसे में वह उसको अपनी कस्टडी में नहीं रख सकती हैं। अब बुधवार को आरिफ को जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया जाएगा, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर ही आगे की कार्रवाई हो सकेगी।

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माता-पिता पर कार्रवाई

चाइल्ड लाइन की निदेशिका अनिता राणा ने कहा कि अभी तक आरिफ ने जो पुलिस को बताया कि उससे स्पष्ट हुआ है कि उसके साथ सही व्यवहार नहीं हो रहा था। इस उत्पीड़न से तंग आकर उसने अपहरण का ड्रामा किया। ऐसे में कोर्ट में सुनवाई होने के बाद आरिफ से पूछताछ की जाएगी। यदि मां-बाप पर उत्पीड़न का आरोप सही पाया गया तो हम अपनी तरफ से कार्रवाई कराएंगे।

Posted By: Inextlive