पुलिस ऐसे शस्त्र लाइसेंस धारकों की बना रही लिस्ट, जिन पर दर्ज हैं अपराधिक मुकदमे

शहर से लेकर देहात तक 24 हजार शस्त्र लाइसेंस धारकों की थानेवार मंगाई जा रही है जानकारी

Meerut। कानपुर कांड के बाद शासन के आदेश पर यूपी में ऑपरेशन क्लीन शुरू किया गया। जिसके तहत पुलिस बदमाशों को सलाखों के पीछे भेजने के साथ ही पुलिस ऐसे शस्त्र लाइसेंस धारकों को चिन्हित करने में जुट गई है, जिन पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इसी के चलते गत दिनों पुलिस ने सवा साल पहले मुकुट महल होटल से फरार हुए अपराध माफिया बदन सिंह बद्दो के चार साथियों के शस्त्र लाइसेंस कैंसिल किए थे।

पुलिस जांच में जुटी

दरअसल, पुलिस अब शस्त्र लाइसेंस रखने वालो की भी जांच-पड़ताल में जुट गई है, जिन पर शस्त्र लाइसेंस बनवाने के बाद आपराधिक मुकदमे दर्ज हुए हैं। पुलिस की मानें तो ऐसे सभी लोगों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे। पुलिस ने शस्त्र अनुभाग के द्वारा सभी शस्त्र लाइसेंस धारकों से संबंधित थानों से भी रिपोर्ट भी मांगी है। जिसमें शस्त्र धारक के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज है या नहीं, इसकी जानकारी मांगी गई है। वहीं डीसीआरबी से भी पूरा ब्योरा मांगा जा रहा है। यह देखा जा रहा है कि ऐसा तो कोई नहीं है, जिसने शस्त्र लाइसेंस बनवाने के बाद क्राइम किया हो और उसके लाइसेंस निरस्तीकरण की रिपोर्ट तैयार न हुई हो।

24 हजार शस्त्र लाइसेंस

मेरठ जिले में 24 हजार शस्त्र लाइसेंस हैं। जिनमें शहर में 15 हजार और देहात क्षेत्र में नौ हजार के लाइसेंस है। शहर से लेकर देहात तक के थानों से सभी रिपोर्ट मंगाई गई है। जिसके बाद लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। वहीं इनमें ऐसे शस्त्र लाइसेंस धारक भी हैं, जिन्होंने मेरठ जिले से लाइसेंस बनवाया है लेकिन रह दूसरे जिलों में कर रहे हैं।

शस्त्र लाइसेंस बनने के बाद जिनके खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए हैं, ऐसे शस्त्र लाइसेंस धारकों के लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। क्रिमिनल को शस्त्र लाइसेंस रखने का अधिकार नहीं है।

सत्येंद्र कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट

Posted By: Inextlive