केंद्रीय पर्यटन व संस्कृति मंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी, सांसद ने ट्वीट कर जताया आभार

अब महाभारतकालीन इतिहास और क्रांति की अंतर्राष्‌र्ट्रीय पटल पर बनेगी पहचान

Meerut। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने मेरठ में नए सर्किल के गठन का फैसला लिया है। इसकी जानकारी खुद केंद्रीय पर्यटन व संस्कृति मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद पटेल ने ट्वीट कर दी। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि यूपी में लखनऊ और आगरा के बाद मेरठ व झांसी में भी एएसआई नया सर्किल गठित कर रहा है। मेरठ में नए सर्किल के गठन से यहां के इतिहास को संजोने के साथ ही यहां पर्यटन की संभावनाएं भी प्रबल होंगी।

वित्त मंत्री ने की थी घोषणा

एएसआई का सर्किल मेरठ में गठित होने से यहां के ऐतिहासिक, पौराणिक स्थलों व विरासत के संरक्षण और उनकी महत्ता को विश्वभर में प्रचारित करने में काफी मदद मिलेगी। अभी तक मेरठ की कई महत्वपूर्ण साइट्स, स्थल उपेक्षित पड़े हैं। सर्किल गठन को इसी वर्ष केंद्रीय बजट में हस्तिनापुर में राष्ट्रीय संग्रहालय बनाए जाने की घोषणा से भी जोड़कर देखा जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणा के मुताबिक राष्ट्रीय संग्रहालय के साथ ही हस्तिनापुर में भारतीय धरोहर और संरक्षण संस्थान की स्थापना भी की जानी है। हस्तिनापुर के पुरातात्विक विकास की घोषणा भी वित्त मंत्री ने की थी।

1857 क्रांति निशान

1857 की क्रांति की चिंगारी मेरठ से ही उठी थी। मेरठ छावनी में अब भी क्रांति के कई निशान आज भी मौजूद हैं। 200 तक वर्ष पुराने भवन छावनी में अब भी हैं। प्रथम स्वाधीनता संग्राम में मारे गए अफसरों की कब्रों पर हर वर्ष अंग्रेज आते हैं।

हस्तिनापुर का इतिहास

मेरठ में महाभारतकालीन हस्तिनापुर, का इतिहास जगजाहिर है। हस्तिनापुर को श्रीकृष्ण सर्किट से भी जोड़े जाने की मांग लगातार उठती रही है। वहीं सरधना का चर्च, शुक्रतीर्थ जैसे स्थलों के बारे में दुनियाभर के लोग जान सकेंगे।

सांसद ने जताया आभार

दरअसल, मेरठ में एएसआई का सर्किल बनाए जाने पर सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने 12 अगस्त को पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल से मुलाकात कर मेरठ को पुरातात्विक विभाग का स्वतंत्र सर्किल बनाए जाने एवं हस्तिनापुर को कृष्ण सर्किट में सम्मिलित करने के अनुरोध के साथ अन्य विभिन्न विषयों पर चर्चा की थी। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री के ट्वीट के बाद बुधवार को सांसद ने भी ट्वीट करते हुए मेरठ को उसका हक दिए जाने पर मंत्री का आभार जताया। साथ ही कहा कि अब पुरातत्विक स्मारकों के संरक्षण, पंजीयन, पुराशेषों को स्वघोषणा के साथ पंजीकृत करने के अभियान को बल मिलेगा।

Posted By: Inextlive