नाम से तलाशने पर नहीं मिला विधायक का रिकार्ड, रिपोर्ट भेजी

Meerut। चौधरी चरण सिंह विवि ने असम के विधायक की डिग्री संदिग्ध माना है। विधायक करीमउद्दीन बरभुइया ने विधानसभा चुनाव लड़ने के दौरान नामांकन पत्र जमा करते हुए खुद को सीसीएसयू से स्नातक बताया था। तीन महीने पहले विश्वविद्यालय ने इसका सत्यापन किया, जिसमें इस नाम का कोई भी व्यक्ति नहीं मिला है। विश्वविद्यालय ने अपनी रिपोर्ट भेज दी थी। जिसे लेकर चार अगस्त को असम हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।

आया था मामला

आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के उम्मीदवार करीमउद्दीन विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार को हराकर सोनाई के विधायक बने थे। आरोप है कि नामांकन के दौरान करीमउद्दीन ने खुद को 2019 में चौधरी चरण सिंह विवि से स्नातक बताया था। भाजपा उम्मीदवार अमीनुल हक ने इसे फर्जी बताते हुए सीसीएसयू में आरटीआइ दाखिल कर करीमउद्दीन की डिग्री की जानकारी मांगी थी। विवि की जांच में वर्ष 2019 में इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं मिला। जिसकी डिग्री यहां से जारी हुई हो। सीसीएसयू के रजिस्ट्रार धीरेंद्र कुमार ने बताया कि तीन महीने पहले सत्यापन के लिए विधायक का मामला आया था। इसमें रोलनंबर या इनरोलमेंट नंबर नहीं भेजा गया था। उस वर्ष में केवल नाम के आधार पर सत्यापन कराया गया, जिसमें इस नाम का कोई नहीं मिला। विवि से यह डिग्री नहीं जारी की गई है। आरटीआइ का जवाब बहुत पहले भेज दिया गया था।

Posted By: Inextlive