एटीएस ने बुलंदशहर के खुर्जा से शुक्रवार को चार रोहिंग्या नागरिकों को दबोचा

तीन मेरठ के खरखौदा निवासी, जबकि चौथे के स्थाई पते की ली जा रही जानकारी

Meerut। यूपी एटीएस ने बुलंदशहर के खुर्जा से शुक्रवार को चार रोहिंग्या नागरिकों को गिरफ्तार किया। यह चारों म्यांमार और बांग्लादेश के रिफ्यूजी कैंप में रहने वाले लोगों को अवैध तरीके से भारत में लाकर विभिन्न फैक्ट्रियों में काम दिलाने के बदले कमीशन वसूलते थे। यूपी एटीएस के अधिकारियों ने बताया, हाफिज शफीक, मुफीजुर्रहमान व मोहम्मद इस्लाइल मेरठ जिले के खरखौदा में रहते थे। जबकि चौथे रोहिंग्या अजीजुर्रहमान का स्थायी पते की जानकारी अभी की जा रही है। चारों म्यांमार के रहने वाले हैं और फिलहाल मेरठ में खरखौदा थाना क्षेत्र के ग्राम अलीपुर और ईरा गार्डन में रह रहे थे। फिलहाल एटीएस इनके नेटवर्क को खंगालने के लिए चारों से पूछताछ में जुटी है।

फैक्ट्रियों में नौकरी दिलाना

एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि प्रदेश में अब तक फर्जी दस्तावेजों के जरिए पहचान बदलकर रह रहे कई रोहिंग्या को गिरफ्तार किया जा चुका है। उनके संपर्क में रहे अन्य रोहिंग्या की भी तलाश कराई जा रही है। उन्होंने प्रदेश के सभी कप्तानों को निर्देश दिए है कि अपने यहां रोहिंग्या के खिलाफ अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई करें। वहीं इंटेलीजेंस भी अलर्ट हो गई है।

फर्जी दस्तावेज

पिछले कुछ दिनों से ऐसी खबरें मिल रही थीं कि म्यांमा के रहने वाले कुछ रोहिंग्या लोग बांग्लादेश होते हुए एजेंटों के माध्यम से अवैध रूप से भारत में दाखिल हो रहे हैं और कई गैर कानूनी गतिविधियों में भी लिप्त हैं। यह भी सूचना मिली थी कि भारत में पहले से ही रह रहे म्यांमा के कुछ नागरिक एक गिरोह की सहायता से विभिन्न फर्जी दस्तावेज तैयार करके खुद को भारत के नागरिक के रूप में स्थापित कर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में रह रहे हैं। आरोपियों के द्वारा अब तक तीन महिलाओं को मलेशिया भेजने का खुलासा हुआ है। अब तक यूपी में करीब 1800 रोहिंग्या आने की संभावना जताई जा रही है। फर्जी दस्तावेज बनाने में मदद करने वालों की भी तलाश की जा रही है। इनके द्वारा बड़े पैमाने पर अपना जाल बिछाया हुआ है, इनका जाल तोड़ने के लिए एटीएस ने भी वेस्ट यूपी में अपना पूरा जाल बिछा दिया है।

सत्यापन के आदेश

केंद्र सरकार ने मेरठ में रहने वाले रोहिंग्या मुस्लिमों के सत्यापन के निर्देश दिए 2019 में दिए थे। गृह मंत्रालय की हिदायत पर बायोमीट्रिक मशीन से सत्यापन कराया गया। दरअसल, गृह मंत्रालय को शक हुआ था कि फर्जी नाम-पते पर आईडी तैयार करके कई रोहिंग्या रह रहे हैं। ऐसे में बायोमैट्रिक मशीन से असलियत का पता लगाया जा सकता है। कुछ दिनों तक तो मेरठ में आशियाना कॉलोनी, हापुड़ अड्डा, बिजली बंबा बाइपास पर झुग्गी-झोंपडि़यों में जाकर जांच की और आईडी चेक की गई लेकिन बाद में फिर कोई सत्यापन नहीं हुआ। जिसके चलते घुसपैठियों ने अपनी जगह बना ली है।

एटीएस के मुताबिक गिरोह मानव तस्करी के साथ फर्जी वोटर कार्ड, आधार कार्ड और पासपोर्ट भी तैयार करता था। यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हवाला के जरिये पैसे का लेन-देन करते थे। इस गिरोह का मुख्य काम म्यांमार और बांग्लादेश में रहने वाले लोगों को भारत में घुसाना, अवैध दस्तावेज तैयार करना और स्थानीय फैक्ट्रियों में दिलाना था। इसके बदले यह उनसे कमीशन वसूलते थे। बता दें कि आठ जून को आमिर हुसैन और नूर आलम नाम के रोहिंग्या को एटीएस ने पकड़ा था। इन्हीं से मिले इनपुट के बाद शुक्रवार को बुलंदशहर के खुर्जा ने से एटीएस ने चार और रोहिंग्या को गिरफ्तार किया है। चारों से पूछताछ कई और लोगों के नाम भी सामने आए हैं, जिनकी तलाश में एटीएस जुट गई है।

ये हुआ बरामद

यूएनएचसीआर कार्ड

मोबाइल

बर्मा का पहचान पत्र

आधार कार्ड

पासपोर्ट

लैपटॉप

पेन ड्राइव

विदेशी मुद्रा

यूपी से मलेशिया तक हो रही रो¨हग्या महिलाओं की तस्करी

प्रदेश में रो¨हग्या को अवैध ढंग से बसाने के साथ-साथ रो¨हग्या महिलाओं की तस्करी भी की जा रही है। कई रो¨हग्या महिलाओं का भारतीय पासपोर्ट बनवाकर उन्हें हवाई जहाज से मलेशिया तक भेजा गया है। आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने मेरठ से इस नेटवर्क का संचालन कर रहे सरगना हाफिज शफीक समेत चार रो¨हग्या को गिरफ्तार किया है, जिससे पूछताछ में कई और चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

मलेशिया भेजे जाने की पुष्टि

एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि अब तक की छानबीन में तीन रो¨हग्या महिलाओं को मलेशिया भेजे जाने की पुष्टि हुई है। रो¨हग्या को यहां फर्जी दस्तावेजों के जरिये भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र व अन्य सरकारी दस्तावेज उपलब्ध कराने वालों की छानबीन भी तेज कर दी गई है।

1800 की आशंका

एडीजी ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता में बताया कि बांग्लादेश सीमा के जरिये रो¨हग्या को लगातार प्रदेश में लाकर यहां फर्जी दस्तावेजों की मदद से पहचान बदलकर बसाया जा रहा है। आशंका है कि सूबे में 1800 से अधिक रो¨हग्या को अवैध ढंग से लाया गया है। बांग्लादेश के शरणार्थी कैंप से भी रो¨हग्या को ठेके पर प्रदेश के विभिन्न शहरों में लाया जा रहा है।

हवाला से कर रहे लेनदेन

एडीजी का कहना है कि रो¨हग्या के गिरोह मानव तस्करी के साथ-साथ सोने की तस्करी भी कर रहे हैं। गिरोह के सदस्य हवाला के जरिये मोटी रकम का लेनदेन भी कर रहे हैं। इसके साक्ष्य भी मिले हैं। हाफिज के पास से कई रो¨हग्या के भारतीय पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र व जन्म प्रमाणपत्र भी मिले हैं। इस दिशा में भी छानबीन तेज की गई है। हाफिज करीब दो साल से प्रदेश में अपना ठिकाना बनाए था और मेरठ में करीब डेढ़ वर्ष से रह रहा था। इससे पूर्व वह हैदराबाद भी गया था। हाफिज ने अपना पासपोर्ट बनवाया है और विदेश यात्राएं भी की हैं।

मेरठ में हाफिज शफीक चला रहा था रोहिंग्याओं का गिरोह

मेरठ का रहने वाला हाफिज शफीक रोहिंग्याओं का पूरा गिरोह ऑपरेट कर रहा था। खास बात यह है कि एटीएस की जांच पड़ताल में यह भी सामने आया है कि यह गिरोह मानव तस्करी के साथ अवैध दस्तावेज बनवाता था। मेरठ में रोहिंग्याओ का गिरोह हाफिज शफीक चला रहा था। गलत दस्तावेजों के जरिये नौकरियां दिलाकर कमीशन लेते थे।

इंटेलीजेंस और लोकल पुलिस

दरअसल, मेरठ के खरखौदा में रहने रोहिंग्यों की बुलंदशहर के खुर्जा से गिरफ्तारी के बाद हाफिज शफीक इंटेलीजेंस के टारगेट पर है। दरअसल, एटीएस की पूछताछ में सामने आया है कि हाफिज शफीक मेरठ में रोहिंग्याओं का गिरोह चलाकर हवाला के जरिए पैसों का आदान-प्रदान करता था। वहीं स्थानीय पुलिस को भी अलर्ट कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक अब इंटेलीजेंस लोकल पुलिस की मदद से हाफिज शफीक के नेटवर्क को खंगालेगी। साथ ही देखेगी कि कौन-कौन इस नेटवर्क से जुड़ा है और क्या-क्या गोरखधंधा करता है।

निगरानी बढ़ाने के निर्देश

Posted By: Inextlive