फैसला आया, फासला नहीं
अयोध्या मुद्दे पर दिखी आपसी सौहार्द की तस्वीर
शहर के मुस्लिम वर्ग ने किया फैसले का समर्थन Meerut। 1987 में दंगों का बदनुमा चेहरा देख चुका मेरठ अब इतिहास नहीं दोहराना चाहता। कभी नहीं। किसी रूप में नहीं। इसकी बानगी शनिवार को अयोध्या में विवादित जमीन केस में आए फैसले के बाद दिखी, जब शहर में सौहार्द का नजारा दिखाई दिया। इस बीच धारा 144 और पुलिस की मुस्तैदी में जिंदगी चलती नजर आई तो पुलिसकर्मी भी राहत की सांस ले रहे थे। होती रहीं बैठकें सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी धर्मो के लोगों ने खुलेदिल से स्वागत किया। शहर के विभिन्न संस्थानों और संगठनों ने बैठक कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताया। चंडी मंदिर में खिलाई मिठाईफैसले का स्वागत करते हुए मेरठ के ऐतिहासिक और हिंदू मुस्लिम एकता के प्रतीक नवचंडी मंदिर में मुस्लिम समाज के लोगों ने मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा को मिठाई खिलाई।
एकत्र हुए हिंदू-मुस्लिम कर्मचारी फैसला आने के बाद भैंसाली बस डिपो पर कर्मचारी यूनियन के हिंदू और मुस्लिम दोनो पक्षों के कर्मचारियों ने एकत्र होकर एक दूसरे को बधाई दी और इसे ऐतिहासिक फैसला बताते हुए स्वागत किया। एकजुट होकर किया स्वागतअयोध्या मुददे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंजूर नगर सोसाइटी के मुस्लिम समाज के लोगों ने बैठक की। सभी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने आस्था का सम्मान किया है।