इकोमॉमिक्स सब्जेक्ट की बोर्ड ऑफ स्टडीज की ऑनलाइन मीटिंग का हुआ आयोजन

बीए इकोमॉमिक्स के पाठ्यक्रम को कुछ संशोधन के साथ स्वीकार किया गया

पाठ्यक्रम में भारतीयता को जोड़ते हुए एक प्रश्न पत्र आर्थिक विचारों के इतिहास को रखा गया है

Meerut। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को बीए अर्थशास्त्र के पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया है। इससे पहले राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम में उन्हें जोड़ा गया था। अर्थशास्त्र में चौधरी चरण सिंह ने कृषि क्षेत्र में जो सुधार किए थे, उसे छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जाएगा। बुधवार को चौधरी चरण सिंह विवि में बोर्ड ऑफ स्टडीज की ऑनलाइन बैठक में पाठ्यक्रम तय किया गया।

प्रयासों की प्रशंसा

दरअसल, इक्नोमिक्स सब्जेक्ट की बोर्ड ऑफ स्टडीज की ऑनलाइन मीटिंग की अध्यक्षता प्रोवीसी प्रो। वाई विमला ने की। बैठक मे डीन फैक्लटी ऑफ आ‌र्ट्स प्रो। एनसी लोहानी ने नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के संबंध मे विस्तार से बताया तथा विवि की नीतियों से पाठ्यक्रम मे किए जाने वाले संशोधनों की सीमा को रेखांकित किया। बैठक की कार्यवाही का सचांलन बोर्ड ऑफ स्टडीज के कंवीनर प्रो। दिनेश कुमार, अध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग यूनिवर्सिटी परिसर ने किया। राज्य सरकार के स्तर पर बीए पास कोर्स के पाठ्यक्रम को बनाने हेतु भी राज्य सरकार ने प्रो। दिनेश कुमार को नामित किया था। बीए पास कोर्स के इस उन्नत पाठ्यक्रम को बनाने हेतु सभी सदस्यों ने प्रो। दिनेश कुमार के प्रयासों की प्रशंसा की।

संशोधनों के साथ पारित

राज्य सरकार से प्राप्त बीए पास कोर्स के पाठ्यक्रम पर बैठक मे सभी सदस्यों ने विस्तार से चर्चा की तथा अपने सुझाव प्रस्तुत किए। लगभग दो घंटो तक चली इस बैठक मे राज्य सरकार से प्राप्त बीए पास कोर्स के पाठ्यक्रम को सर्वसम्मति से कुछ संशोधनों के साथ पारित करते हुए। अर्थशास्त्र सीसीएसयू में भी बीए पास कोर्स को आगामी सत्र 2021-22 से आरंभ किए जाने की भी संस्तुति कर दी। अर्थशास्त्र विषय के माइनर विषयों को भी बोर्ड ऑफ स्टडीज ने अपनी सहमति प्रदान कर दी। माइनर कोर्स में बेसिक इकोनोमिक्स, भारतीय अर्थव्यवस्था के मूल तत्व को भी लिया गया है। इस विषय को अन्य छात्र भी ले सकेंगे। इसके साथ साथ ही यूनवर्सिटी में बीए आनर्स अर्थशास्त्र पाठ्यक्रम को भी कैंपस की अनुमति के आधार पर ही आगे संचालित करने की संस्तुति प्रदान की गई।

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बीए इकोनॉमिक्स भी

राज्य सरकार से प्राप्त बीए अर्थशास्त्र के पाठ्यक्रम को कुछ संशोधन के साथ स्वीकार किया गया। पाठ्यक्रम में भारतीयता को जोड़ते हुए एक प्रश्न पत्र आर्थिक विचारों के इतिहास को रखा गया है। इसमें चौधरी चरण सिंह के अलावा, डॉ। भीमराव अंबेडकर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय, प्रो। अम‌र्त्य सेन, प्रो। जगदीश भगवती के आर्थिक विचारों को शामिल किया गया है। अभी तक पाश्चात्य अर्थशास्त्रियों का ही इस विषय में अध्ययन किया जाता था। प्रश्नपत्र में भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ पहली बार उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी लिया गया है। इसमें मेरठ के खेल उदो, फिरोजाबाद, अलीगढ़ के उद्योग आदि के विषय में छात्र जानेंगे। कृषि और उद्योग को अलग अलग विस्तार से दिया गया है। वेस्ट यूपी में कृषि उद्योग को भी वरीयता दी गई है।

Posted By: Inextlive