- इस बार परीक्षा में छह हजार कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी बड़ा चैलेंज

- बेसिक विभाग से नहीं मिलेगी मदद, माध्यमिक में बस 1500 टीचर

Meerut- यूपी बोर्ड परीक्षा में नकलमाफिया पर लगाम कसने के सरकारी दावे पहले से ही फेल होते नजर आ रहे हैं। 18 फरवरी से शुरु होने वाली बोर्ड परीक्षा के लिए छह हजार कक्ष निरीक्षकों की आवश्यकता और 1500 टीचर्स की उपलब्धि विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। ऐसे में स्कूल भी मजबूरन बाबू व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने की तैयारी कर रहे हैं।

कैसे होगी पूर्ति

हाईस्कूल व इंटर लेवल की यूपी बोर्ड की परीक्षा लगभग डेढ़ महीने चलनी है। परीक्षा में पिछले साल भी चार हजार कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी की कमी को पूरा करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग से शिक्षकों को बुलाना पड़ा था। क्योंकि माध्यमिक में केवल 1500 ही शिक्षक है। इस साल तो शासन ने लिखित रूप से बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों की ड्यूटी लगाने के लिए मना कर दिया है। ऊपर से ड्यूटी के लिए परीक्षा में शिक्षकों की आवश्यकता भी इसबार ज्यादा है। ऐसे में 1500 शिक्षकों में छह हजार की कमी को कैसे पूरा किया जा सकता है यह चिंता का विषय बन गया है।

लगाना पड़ेगा बाबू या कर्मचारी

स्कूल तो पहले से ही ड्यूटी को पूरा करने के लिए जुगाड़ लगाने में लगे हुए है। कुछ स्कूलों में तो यह विचार किया जा रहा है कि वह कक्ष निरीक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए प्राइवेट स्कूलों की मदद लेंगे और कुछ स्कूल ऐसा विचार कर रहे हैं वह कक्ष निरीक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए अपने स्कूल में काम करने वाले बाबू और कर्मचारियों व चपरासियों को लगाने का विचार कर रहे हैं। माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट के जिलामंत्री महेश शर्मा का कहना है कि शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए मजबूरन बाबुओं और कर्मचारियों को लगाना पड़ेगा। सनातन धर्म ब्वॉयज इंटर कालेज के प्रिंसिपल बीबी बंसल का कहना है कि इसबार कक्ष निरीक्षकों की कमी बेसिक विभाग से भी पूरी नहीं हो सकती। ऐसे में बाबुओं को ही लगाना पड़ेगा।

कक्ष निरीक्षक को लेकर वास्तव में बहुत ही गंभीरता दिखाई जा रही है। लेकिन इतने सोच विचार के बाद भी कक्ष निरीक्षकों की कमी को पूरा करना मुश्किल पड़ रहा है।

श्रवण कुमार यादव, डीआईओएस

Posted By: Inextlive