चार दिन में 163 सैंपल भेजे गए

रिपोर्ट के इंतजार में विभाग

Meerut । पिछले दिनों मुजफ्फरनगर में बर्ड फ्लू का मामला मिलने के बाद मेरठ भी अलर्ट मोड में हैं। पिछले चार दिनों में पशु चिकित्सा विभाग की ओर से 163 सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं। इनकी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। सीवीओ डॉ। अनिल कंसल ने बताया कि जिले में बर्ड फ्लू का कोई मामला नहीं मिला है। सुरक्षा को देखते हुए सभी जगह सर्विलांस किया जा रहा है।

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रोज भेजे जा रहे सैंपल

बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए पशु चिकित्सा विभाग की ओर से हर दिन सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। टीमें अलग-अलग फॉर्म से रैंडम सैंपल लेकर बरेली भेज रही हैं। सोमवार को भी कुल 35 सैंपल जांच के लिए भेजे गए। इनमें में 24 स्वैब सैंपल हैं जबकि 11 सीरम सैंपल हैं। वहीं 15 जनवरी से कुल 117 स्वैब सैंपल भेजे गए हैं। जबकि 11 सीरम सैंपल हैं। जिले में कुल 51 पोल्ट्री फार्म हैं, जहां लगातार निगरानी रखी जा रही है।

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ये है बर्ड फ्लू

बर्ड फ्लू या एवियन इनफ्लुएन्जा एक किस्म की जूनोटिक बीमारी है। ये अक्सर जानवरों व पक्षियों में होती है। हवा के जरिए एक से दूसरे जीव में वायरस फैलता है और इंफेक्शन होने लगता है। इंफेक्शन की वजह से पक्षियों की नाक, गले और सांस नली में सूजन आ जाती है और सांस लेने में कठिनाई होने लगती है और उनकी मौत हो जाती है।

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ऐसे हो सकता है खतरा

एवियन इनफ्लुएंजा वायरस की चपेट में आने ने पक्षियों में फ्लू फैल जाता है। संक्रमित पक्षी के संपर्क में आने वाले इंसानों में भी वायरस पहुंचने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में एहितयात बरतना जरूरी हो जाता है। सीवीओ डॉ। अनिल बताते हैं कि जिले में बर्ड फ्लू को फैलने से रोकने के लिए तमाम बचाव किए जा रहे हैं।

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ये रखी जा रही सावधानी

डॉ। अनिल कंसल ने बताया कि जिले में सभी तरह के पशु पालन केंद्रों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। वहीं प्रवासी पक्षियों को पोल्ट्री फार्म या आसपास बैठने से रोकने के लिए पेड़ों को छंटवाया गया है। वहीं पोल्ट्री फार्म संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि अगर कोई पक्षी मृत मिलता है तो इसकी सूचना तुरंत विभाग के अधिकारियों या कंट्रोल रूम को दें।

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रहें सावधान

- पक्षियों के संपर्क में आने पर यदि सर्दी, खांसी, बुखार, गले में दर्द और सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

- अगर कहीं पक्षी मरे हुए मिले तो सेनिटाइजेशन करवाएं।

- पक्षियों के मरने पर तुरंत कंट्रोल रूम को सूचित करें ।

- हाथों को बार-बार साबुन से धोएं

- चिकन व अंडे पूरी तरह से पका होने पर ही खाएं। कोशिश करें की बाहर का चिकन न खाएं ।

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इनका है कहना

जिले में अभी तक कोई केस नहीं आया है। अगर बर्ड फ्लू का वायरस आता है तो बड़ी संख्या में एक साथ पक्षियों की मौत होती है। हम पूरी नजर बनाएं हुए हैं।

डॉ। अनिल कंसल, सीवीओ, मेरठ।

Posted By: Inextlive