सपा-रालोद प्रत्याशी के अनुमोदक ने अंतिम समय में दिया शपथ पत्र

सपा ने लगाए मनमानी के आरोप, काफी देर रही हंगामे की स्थिति

Meerut। जिला पंचायत अध्यक्ष पद चुनाव के लिए हुए नामांकन के दौरान ही पासा पलट गया। सपा-रालोद प्रत्याशी का नामांकन फार्म जिला प्रशासन ने जांच के बाद निरस्त कर दिया। प्रत्याशी के अनुमोदक ने ही अपने हस्ताक्षर को फर्जी बताकर विरोध में शपथ पत्र दे दिया। फार्म निरस्त होने के बाद काफी देर सपा नेताओं ने आरोप लगाकर हंगामा भी किया। अब विपक्षी प्रत्याशी का नामांकन फार्म निरस्त होने के बाद निर्विरोध रूप से जिपं अध्यक्ष पद भाजपा के खाते में आ गया है।

फर्जी हस्ताक्षर

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सपा-रालोद ने संयुक्त रूप से वार्ड-6 से जिपं सदस्य सलोनी गुर्जर को मैदान में उतारा था। सलोनी सुबह 11 बजे अपना नामांकन फार्म जमा कराने के लिए कलक्ट्रेट पहुंचीं। इसके बाद भाजपा से वार्ड-18 से जिपं सदस्य गौरव चौधरी भी भाजपा के तमाम प्रतिनिधियों के साथ नामांकन फार्म जमा कराने के लिए पहुंचे। दो प्रत्याशियों ने ही दोपहर तीन बजे तक नामांकन फार्म जमा कराया। इसके बाद अधिकारियों ने नामांकन फार्मो की जांच की। जांच के दौरान भाजपा प्रत्याशी ने विपक्षी प्रत्याशी के अनुमोदक के हस्ताक्षर फर्जी होने का आरोप लगाकर आपत्ति दर्ज करा दी। साथ ही अनुमोदक बने वार्ड नंबर-10 से जिपं अश्वनी शर्मा को भी प्रस्तुत कर दिया। आरओ डीएम के। बालाजी ने अनुमोदक से पूछताछ की तो उन्होंने शपथ पत्र देते हुए नामांकन पत्र पर अपने हस्ताक्षर को फर्जी बता दिया। इस संबंध में सूचना देकर सलोनी को कलक्ट्रेट बुलाया गया, लेकिन वह तय समय के बाद पहुंचीं। साथ ही वह अनुमोदक को भी आरओ के समक्ष प्रस्तुत नहीं कर सकीं। बाद में मंथन के बाद सपा-रालोद प्रत्याशी का नामांकन फार्म रद कर सूचना कोर्ट के बाहर चस्पा कर दी। विपक्षी प्रत्याशी का नामांकन फार्म रद होने के बाद अब मेरठ जिला पंचायत अध्यक्ष पद निर्विरोध रूप से भाजपा के खाते में आ गया है। जिसकी घोषणा आधिकारिक रूप से तीन जुलाई को की जाएगी।

सपा ने किया विरोध

नामांकन फार्म रद होने की सूचना पर सपा नेता अतुल प्रधान के नेतृत्व में कलक्ट्रेट पहुंचे और कई तरह के आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया। बाद में डीएम ने सभी को वार्ता के लिए बुलाया और नियम और जांच बिंदुओं का हवाला देकर नामांकन फार्म रद करने की बात कही। हालांकि सपा नेता इससे असहमत रहे और मनमानी का आरोप लगाते रहे।

टूटते रहे कोरोना के नियम

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए हुए नामांकन के दौरान कोरोना से बचाव के नियम टूटते रहे। भाजपा प्रत्याशी गौरव चौधरी के पास पहुंची समर्थकों की भीड़ में अधिकांश बिना मास्क के नजर आए। साथ ही नामांकन के दौरान डीएम कोर्ट में पहुंचे भाजपा के कई जनप्रतिनिधि ने भी शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया। उधर, सपा-रालोद समर्थकों ने भी ऐसे ही नियमों को अनदेखा किया। उधर, समर्थकों की भीड़ को परिसर में आने से रोकने के लिए पुलिस को काफी मेहनत भी करनी पड़ी। इस दौरान कई बार समर्थकों से बहस भी हुई।

नामांकन के दौरान ये रहे शामिल

भाजपा प्रत्याशी गौरव चौधरी के साथ नामांकन कराने के लिए साथ पहुंचने वालों जिलाध्यक्ष अनुज राठी, सांसद राजेंद्र अग्रवाल, बागपत सांसद सत्यपाल सिंह, श्रम बोर्ड के अध्यक्ष सुनील भराला, विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, संगीत सोम, जितेंद्र सतवाई, सत्यवीर त्यागी, सोमेंद्र तौमर, एमएलसी डॉ। सरोजिनी अग्रवाल, महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल मुख्य रूप से मौजूद रहे।

सर्किट हाउस में हुआ सम्मान

सपा-रालोद प्रत्याशी का नामांकन फार्म रद होने के बाद भाजपा नेता सर्किट हाउस पहुंचे और यहां जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचित होने का रास्ता साफ होने पर गांव कुसैड़ी निवासी गौरव चौधरी का स्वागत किया। इस दौरान नेताओं ने उन्हें फूलों की माला पहनाकर बधाई दी।

जिला प्रशासन ने मनमानी से नामांकन फार्म का रद किया है। भाजपा को अपनी जीत पर भरोसा था तो उसे चुनाव में प्रत्याशी का सामना करना चाहिए था। सत्ता की हनक में लोकतंत्र की एक तरह से हत्या की गई है।

अतुल प्रधान, सपा नेता

हमारे प्रत्याशी के अनुमोदक को डराया-धमकाया गया है। पहले ही सत्ताधारी दल विपक्ष को दबाने में जुटा है। अगर भाजपा के पास बहुमत था तो उन्हें चुनाव हो जाने देना था। इस तरह की हरकत नहीं करनी चाहिए थी। इनके पास पर्याप्त संख्या में समर्थन नहीं था। यहीं कारण रहा कि नामांकन फार्म रद करा दिया गया।

अधिवक्ता राजपाल सिंह, सपा जिलाध्यक्ष

सपा-रालोद प्रत्याशी का पर्चा निरस्त कर सरकार ने लोकतंत्र की हत्या कर दी है। प्रशासन ने सरकार के एजेंट के रूप में काम किया जो दुर्भाग्यपूर्ण हैं। धनबल का प्रयोग कर भाजपा ने साबित किया है कि अब भाजपा से जनता का मोह भंग हो चुका है।

सोहराब ग्यास, क्षेत्रीय महामंत्री रालोद

Posted By: Inextlive