दिल्ली समेत पड़ोसी जिलों के मरीजों से भरा ब्लैक फंगस वार्ड
दवा न मिलने के कारण दिल्ली से मेरठ में भर्ती हो रहे लोग
मेडिकल में 98 में 50 बाहरी जिलों के, तीन दवाएं उपलब्ध Meerut। कोरोना महामारी के बीच ब्लैक फंगस मरीजों की बाढ़ से दिल्ली भी लड़खड़ा गई। दवा की कमी से दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर समेत पड़ोसी 14 जिलों से बड़ी संख्या में मरीज मेडिकल कॉलेज पहुंच रहे हैं। मेरठ में जहां मरीजों की संख्या 225 पार कर गई है, वहीं मेडिकल कॉलेज में 98 मरीज भर्ती हैं, जिनमें आधे बाहर से रेफर होकर आए हैं। एंफोटेरिसिन-बी के साथ अन्य दो दवाएं उपलब्ध होने से कई मरीजों की तबीयत में सुधार हो रहा है। सात मरीज दिल्ली केमेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ। वीपी सिंह ने बताया कि सात मरीज दिल्ली के हैं। वहीं पड़ोसी गाजियाबाद व नोएडा से भी लगातार मरीज पहुंच रहे हैं। ब्लैक फंगस के लिए दो वार्ड बनाए गए हैं। कोविड निगेटिव फंगस के मरीजों को अलग वार्ड में रखा गया है। अब तक 15 मरीजों का दूरबीन विधि से ऑपरेशन कर फंगस हटाया गया है। ज्यादातर मरीज गंभीर अवस्था में पहुंच रहे हैं। भर्ती मरीजों में से दस की हालत गंभीर है। उन्हें आइसीयू में रखा गया है। अब तक दर्जनभर मरीजों की मौत हो चुकी है। रोजाना करीब 10 नए मरीज वार्ड में भर्ती हो रहे हैं। एक मरीज में येलो फंगस के लक्षण मिले हैं। भर्ती सभी मरीज शुगर के रोगी हैं। कई मरीजों की किडनी फेल होने की वजह से उन्हें एंफोटेरिसिन-बी नहीं दिया जा रहा, बल्कि पोसाकोनाजोल पर रखा गया है।
इन लक्षणों पर ध्यान दें नाक, मुंह व जबड़े में सूजन, सुन्नपन, दर्द या लाल चकत्ते हों। बुखार, आंखों में लालिमा, सूजन, घाव, चेहरे में एक तरफ दर्द हो। ये एहतियात बरतें कोरोना से ठीक हो चुके लोग धूल-मिट्टी के बीच न जाएं। मास्क लगाने के बाद इसे बदलें। सड़े फल न छुएं, गमलों की मिट्टी से दूर रहें।