डेंगू के बढ़ते मरीजों को देखते हुए विभाग ने दिए निर्देश

तय रेट्स पर ही उपलब्ध कराया जाएगा मरीजों को ब्लड और प्लेटलेट्स

Meerut। डेंगू के नाम पर ब्लड बैंक मरीजों से मनचाही वसूली नहीं कर सकेंगे। प्राइवेट हो या सरकारी सभी ब्लड बैंक तय दरों पर ही मरीजों को ब्लड और प्लेटलेट्स प्रोवाइड कराएंगे। हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से सभी ब्लड बैंक को ये निर्देश जारी कर दिए गए है। वहीं ये भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर किसी ब्लड बैंक के खिलाफ शिकायत मिलती है तो विभाग कड़ी कार्रवाई करेगा।

ये है सरकारी के तय रेट्स

ब्लड कॉम्पोनेंट- सरकारी में चार्ज-प्राइवेट में एडमिट

होल ब्लड- फ्री- 1050 प्रति यूनिट

पैक्ड रेड सेल्स- फ्री-1050 प्रति यूनिट

फ्रेश फ्रोजन प्लाज्मा- फ्री- 300 प्रति यूनिट

प्लेटलेट्स- फ्री- 300 प्रति यूनिट

ये बरतनी होगी सावधानी

ब्लड बैंक को डोनर की ट्रेवल हिस्ट्री के बारे में पूरी जानकारी लेनी होगी।

अगर डोनर किसी संक्रमित क्षेत्र से वापस आया है तो करीब 120 दिन या 4 महीने तक उसका ब्लड नहीं लिया जाएगा।

ब्लड डोनेट करने से पहले डोनर किसी भी बीमारी के लक्षणों से मुक्त होना चाहिए ।

एक्यूट वायरल इंफेक्शन से पीडि़त डोनर ठीक होने के बाद दो हफ्ते तक ब्लड डोनेट नहीं कर सकते हैं।

अगर किसी डोनर या व्यक्ति कोवायरल बीमारी के लक्षण खुद में महसूस होते हैं तो वह तुरंत ही ब्लड बैंक जाकर जांच करवाएंगे ।

बिना डोनर भी देना होगा ब्लड

गाइडलाइंस के मुताबिक इमरजेंसी की स्थिति में ब्लड बैंक को ब्लड देना होगा। अगर कोई मरीज बिना डोनर आता है तो ब्लड बैंक उसे ब्लड या दूसरा कोई भी कंपोनेंट देने से मना नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा ब्लड बैंक्स को वैक्टर बॉर्न डिजीज फैलने के बाद अपने यहां भी तरह के ब्लड का स्टॉक भी पूरा रखना होगा। वहीं सरकारी रक्तकोषों में स्टॉफ भी पूरा रहेगा।

अब तक मिल चुके है 41 केस

इस सीजन में जिले में अब तक डेंगू के 41 केस सामने आ चुके है। इनमें 35 मरीज मेरठ के हैं जबकि 6 मरीज आसपास के क्षेत्रों के हैं। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज और प्यारेलाल शर्मा जिला अस्पताल में की जांच लैब में हर दिन करीब 50 से 60 सैंपल जांच के लिए पहुंच रहे है।

कर सकते है शिकायत

वैक्टर बॉर्न सीजन में अगर बीमारियों के चलते ब्लड बैंक्स किसी मरीज या उसके तीमारदार से ज्यादा पैसे मांगते है या ब्लैक में ब्लड प्रोवाइड करवाते है तो इसकी शिकायत तुरंत की जा सकती है। इसके लिए सीएमओ कार्यालय में जाकर, ब्लड बैंक के नोडल अधिकारी या सीएमओ को भी सीधे शिकायत की जा सकती है।

अगर कोई भी ब्लड बैंक ज्यादा कीमत मांगता है तो उसकी शिकायत तुरंत की जा सकती है। अगर हमें शिकायत मिलती है तो उसका तुरंत संज्ञान लिया जाएगा। दोषी पाए जाने पर ब्लड बैंक का लाइसेंस तक निरस्त करा दिया जाएगा।

डॉ। राजकुमार, सीएमओ, मेरठ

Posted By: Inextlive