मोदी सरकार के बजट से व्यापारी और नौकरीपेशा लोगों को टैक्स में रियायत की बंधी उम्मीद।

मेरठ (ब्यूरो)। आज यानी 1 फरवरी को देश का बजट पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तमाम तैयारियों के बाद कल लोकसभा में बजट पेश करेंगी। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट होगा, ऐसे में बजट से आमजन समेत हर सेक्टर की खास उम्मीदें जुड़ी हैं। वहीं अगले साल 2024 में लोकसभा चुनाव होंगे, जिसको देखते हुए मौजूदा सरकार का प्रयास भी देश के आम से लेकर खास शख्स को खुश करने का होगा। एक तरफ जहां सरकार के आम बजट से लोगों को उम्मीद है कि ये उन्हें मंहगाई से राहत देगा। वहीं, नौकरीपेशा लोगों को सर्वाधिक उम्मीद टैक्स में रियायत की है जबकि युवा सस्ती शिक्षा की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

चिकित्सा क्षेत्र में उम्मीदें
दवाओं पर टैक्स कम होना चाहिए।
इंस्ट्रूमेंट्स और इक्यूपमेंट में सब्सिडी मिलनी चाहिए।
100 बेड्स से ऊपर के हॉस्पिटल्स को सब्सिडी दी जाए
सरकारी चिकित्सा व्यवस्था दुरुस्त हो।
दवाइयों की गुणवत्ता और उसकी उपलब्धता में हो सुधार।
पर्यावरण संरक्षण के लिए कूड़ा निस्तारण योजना बने।
सरकारी सिस्टम ध्वस्त हो तो पीपीपी मॉडल से हो चिकित्सा सेवा।
डॉक्टर्स की पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए।

उम्मीद है कि दवाईयों के रेट घटेंगे, सरकार आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए रिसर्च को बढ़ावा दे। प्राइवेट हॉस्पिटल्स सेक्टर से टैक्स हटाए जाने चाहिए। खासतौर पर दवाओं पर टैक्स हटाया जाना चाहिए।
डॉ। विश्वजीत बैंबी, सीनियर फिजीशियन

शिक्षा के क्षेत्र में उम्मीदें
यूनीवर्सिटी से लेकर स्कूल तक देश के सभी बोर्ड का पाठ्यक्रम एक किया जाए।
सीसीएसयू को सेंट्रल यूनीवर्सिटी घोषित किया जाए।
वेस्ट यूपी में कम से कम एक आईआईटी और आईआईएम की स्थापना की जाए।
सरकारी संस्थाओं का पुनर्गठन किया जाए
डिग्री कॉलेज को अत्याधुनिक किया और स्टॉफ क्रंच को दूर किया जाए।
एजुकेशन प्रमोशनल स्कीम लांच करने की अपेक्षा

सेलरी बेस्ड लोगों को इंकम टैक्स में राहत मिलनी चाहिए। एज्यूकेशन के लिए बजट में इजाफा किया जाना चाहिए।
प्रो। प्रशांत कुमार, निदेशक पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग, विवि

यूनिवर्सिटी व कॉलेजों में यूजी व पीजी लेवल और अन्य कोर्सेज में सीटें बढ़ाने की आवश्यकता है। बजट में नई यूनिवर्सिटीज की घोषणा हो।
रजत ठाकुर, स्टूडेंट

बेसिक लेवल से लेकर हायर एजुकेशन में फीस व अन्य खर्चों पर लगाम लगाने के लिए कुछ स्पेशल होना चाहिए।
अंकित अधाना, स्टूडेंट

ऐसे गैजेट्स, जिनसे यूथ को नॉलेज मिलती हैं जैसे मोबाइल, टेबलेट व लैपटॉप आदि। उनकी रेंज कम करने की अवश्यकता है।
शशिकांत, स्टूडेंट

बालिकाओं को एजुकेशन लोन में स्पेशल छूट देनी होगी। ताकि बालिकाएं लोन सुविधा का लाभ उठाकर हायर एजुकेशन ले सकें।
नीलम, स्टूडेंट

व्यापारी वर्ग को उम्मीदें
इनकम टैक्स छूट का दायरा बढ़े और टेक होम सैलरी में इजाफा हो।
मेरठ में स्पेशल इकोनॉमिक जोन बने।
बैंक उद्योगों के लिए लोन सुविधाओं केा आसान करे
लघु उद्योगों को 45 दिन में मिले लोन।
पीएनजी आधारित उद्योगों को सब्सिडी भी दी जाए।
एयरपोर्ट, एक्सपोर्ट हाउस मिले, ईएसआई के तहत श्रमिकों के लिए हॉस्पिटल
ज्वैलरी कारोबार को स्पेशल इकोनॉमिक जोन में शामिल किया जाए।
पॉलिथीन पर प्रतिबंध के बजाय, रीसाइकिलिंग प्रोसेस अपनाया जाए।

कोरोना के कारण स्मॉल और मिडिल क्लास का कारोबार काफी प्रभावित हुआ था। ऐसे में उम्मीद है कि टैक्स में रियायत देकर सरकार मिडिल क्लॉस व स्मॉल कारोबारियों को राहत दे सकती है।
नवीन गुप्ता, अध्यक्ष, संयुक्त व्यापार संघ

सरकार कोई नया टैक्स लागू ना करे। यह सरकार का अंतिम बजट है इसलिए इनकम टैक्स की लिमिट बढ़ सकती है ऐसे में जीएसटी की दरों को कम कर
अनुपम शर्मा, सीए

टीडीएस पेनेल्टी के फ्लो कम किए जाएं और जीएसटी की पेनेल्टी कम की जाए ताकि आमजन और व्यापारी वर्ग को राहत मिलेगी।
उमाकांत अग्रवाल, सीए

घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों को कम करना चाहिए। इसके अलावा दालों, चावल व अन्य खाद्यानों के दाम कम होने चाहिए।
पूजा शर्र्मा, गृहणी

कॉस्मैटिक के दामों में कमी होनी चाहिए। इसके अलावा महिलाओं की सुरक्षा के लिए कुछ अलग होना चाहिए।
पुष्पा, गृहणी

Posted By: Inextlive