दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान से आने जाने वाले श्रमिकों को मिलेगी सहूलियत

कोरोना जांच से लेकर मास्क, सेनेटाइजेशन हुआ अनिवार्य

Meerut। गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश के जिलों से मेरठ में प्रवासियों के लौटने का सिलसिला जारी है। इसको देखते हुए प्रदेश सरकार ने भी प्रवासियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रोडवेज बसों की व्यवस्था को भी पुख्ता करना शुरु कर दिया है। इसके तहत मेरठ रीजन से 100-100 बसें आरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं।

प्रवासियों के लिए राहत

प्रवासियों की ट्रेनों में बढ़ती तादाद के मद्देनजर परिवहन निगम को भी बसों की व्यवस्थाएं करने के लिए कहा गया है। इसके तहत परिवहन मुख्यालय, लखनऊ के निर्देशों के बाद 100 बसों को प्रवासियों के लिए रिजर्व किया गया है।

यह रहेगी व्यवस्था

इन बसों को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान से आने जाने वाले श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रखा गया है। इसके अलावा भी रेलवे स्टेशनों पर रोडवेज कर्मचारियों की ड्यूटी लगेगी, यदि किसी ट्रेन से ज्यादा संख्या में यात्री आते हैं तो ऐसे में कर्मचारी संबंधित डिपो से बसें रेलवे स्टेशन पर ही लगवाएगा, ताकि प्रवासी सीधे अपने जिलों तक पहुंच सके।

रेलवे चला रहा स्पेशल ट्रेनें

रेलवे ने एक अप्रैल से ही महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों से ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया है। इनमें से कुछ ट्रेनों का मेरठ में भी स्टोपेज है। इसके अलावा अन्य मंडलों से होकर जाने वाली भी ट्रेनें लगातार संचालित की जा रही हैं। ऐसे में बसों की आवश्यकता के अनुसार उनका प्रयोग किया जाएगा।

कोविड प्रोटोकॉल पर लापरवाह

इसके साथ ही शासन द्वारा कोरोना गाइडलाइन के सख्ताई से पालन के लिए आदेश दिया गया है। लेकिन इसके बाद भी रोडवेज बसों में बिना मास्क बिना सोशल डिस्टेंसिग यात्रियों को भरा जा रहा है। बस डिपो पर थर्मल स्कैनिंग या सेनेटाइजर तक की व्यवस्था को लागू नही किया गया है। कुल मिलाकर अभी खुद रोडवेज स्टॉफ की तरफ से व्यवस्था अधर में हुई है।

शासनादेश के अनुसार अतिरिक्त बसों की व्यवस्था की जा चुकी है। प्रवासियों के दिल्ली कौशांबी बसों की संख्या बढ़ाई गई है। रेलवे स्टेशन के लिए भी बसें रिजर्व हैं।

केके शर्मा आरएम

Posted By: Inextlive