Meerut : कभी-कभी कोर्ट में सरकारी विभागों के वकीलों के मुंह से कुछ ऐसा निकल जाता है कि जिसके बाद दिक्कतें डिपार्टमेंट हेड को भुगतनी पड़ती है. ऐसा ही एक मामला सेशन कोर्ट में कैंट बोर्ड और 22 बी मामले की सुनवाई के दौरान सामने आया. कैंट बोर्ड के वकील सेशन जज के सामने कुछ ऐसा कह दिया कि जज ने कैंट बोर्ड के सीईओ को स्पष्टीकरण के लिए बुला लिया.


तो हुआ यूं कैंट बोर्ड और 22 बी की 8 नवंबर को सुनवाई थी। कैंट बोर्ड की ओर से एडवोकेट पीएस जैन कर रहे थे। सुनवाई के दौरान पीएस जैन से कोर्ट में जज के सामने साफ कह दिया कि 'इस तरह से तो हमारी सुनवाई यहां हो नहीं सकती है.' जिसके बाद जज ने थोड़ा कड़ा रुख अपनाते हुए अगली सुनवाई में कैंट बोर्ड के सीईओ डॉ। डीएन यादव स्पष्टीकरण के लिए बुला लिया। तो ये पूछा जज ने
बुधवार को कैंट बोर्ड के सीईओ ने सेशन कोर्ट पहुंचे। जज ने सुनवाई के दौरान पूछा कि क्या आप अपने मामले की सुनवाई कहीं और ट्रांसफर कराना चाहते हैं? उन्होंने बड़ी साफगोई से जज को जवाब देते हुए कहा कि कैंट बोर्ड के कई मामले सेशन कोर्ट से हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चल रहे हैं। जिनमें कई वकील लगे हुए है। सबसे इंट्रैक्ट कर पाना मेरे लिए काफी मुश्किल है। मेरी देश की न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है। मैं नहीं चाहता कि यहां से मामला कहीं और जाए। तो ये थी बात


वास्तव में जिस कोर्ट में मामले की सुनवाई हो रही है वो 25 से 50 हजार रुपए के मामले की सुनवाई करने में सक्षम है। जबकि 22 बी प्रोपर्टी की टोटल कॉस्ट डीएम सर्किल रेट के हिसाब से 10 करोड़ रुपए है। वादी संजय भटनागर ने 22 बी की कॉस्ट 25 हजार रुपए बताई है। 'हमने अपना पक्ष कोर्ट के सामने रख दिया है। साथ ही ये भी बता दिया है कि 22 बी का मामला रक्षा मंत्रालय के अलावा हाईकोर्ट में भी चल रहा है.'- डॉ। डीएन यादव, सीईओ, कैंट बोर्ड आखिर कौन है ये संजय भटनागर? सामने तो आए!कैंट बोर्ड के खिलाफ सेशन कोर्ट में संजय भटनागर गए थे वो अचानक लापता हो गए हैं। न तो वो कोर्ट की सुनवाई में आ रहे हैं न ही कैंट बोर्ड में किसी से मिल रहे हैं। ऐसे में अभी तक संजय भटनागर कैंट बोर्ड के लिए अंजान बने हुए हैं। अब कैंट बोर्ड जल्द ही कोर्ट में एप्लीकेशन दायर करने जा रहा है ताकि संजय भटनागर का परिक्षण हो सके। सभी सामने आ सके।

Posted By: Inextlive