Meerut: सीसीएस यूनिवर्सिटी में अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय कुश्ती चैंपियनशिप चल रही है. देश के हर कोने से पहलवान यहां भाग लेने आए हैं. लेकिन सीसीएस यूनिवर्सिटी की कुंद पड़ी सोच ने महिला पहलवानों को हलकान कर दिया है. हाड़ कपा देने वाली ठंड में पहलवानों के साथ विवि दोगलापन कर रहा है. उत्तर भारत और दक्षिण भारत के पहलवानों में अंतर पैदा किया जा रहा है. कैसे विवि की अचल नीतियों के बीच पहलवान मैट के साथ-साथ मेरठ की ठंड से अलग लड़ाई लड़ रहे हैं. आ गए हैं सितारे जमीं पर...


ये कैसा दोगलापन कुश्ती चैंपियनशिप में महिला पहलवानों को दुर्गा भाभी हॉस्टल समेत कई महिला हॉस्टलों में ठहरा रखा है। मेरठ में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। उत्तर भारत को छोड़ कहीं भी इतनी सर्दी नहीं पड़ती है। ऐसे में दूसरे राज्यों की यूनिवर्सिटी के पहलवान इस ठंड के आदि नहीं है। ऐसे में यूनिवर्सिटी ने इन पहलवानों के साथ कर दिया है दोगलापन। आईनेक्स्ट ने स्टिंग किया तो पता चला कि दुर्गा भाभी हॉस्टल में एक कमरे में जहां पंजाब की पहलवानों को सोने के लिए पलंग मिला है और वो आराम से रजाई ओढ़कर ठंड से पार पा रही हैं। वहीं दूसरी ओर एक कमरे में केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र समेत कई यूनिवर्सिटी की पहलवानों को सोने के लिए पलंग नसीब नहीं हुआ है। वो सिर्फ गद्दे बिछाकर जमीन पर सोकर ठंड को चुनौती दे रही हैं। ठंड से पछताए पहलवान
इस समय पहलवान ठंड से पछताए हुए हैं, कोई दिन भर युनिवर्सिटी कैंपस में चाय की चुस्की लेता नजर आ रहा है। तो कोई अपने हाथों को जेब में रखे चलता नजर आ रहा है। ग्लब्स और टोपी तो जैसे पहलवानों के स्टाइल स्टेटमेेंट में आ गई है। इस ठंड के बीच पहलवान सही से प्रैक्टिस कर पाने में भी असमर्थ साबित हो रहे हैं। बहुत ठंड हो रही है, सोने के लिए जमीन पर गददे मिले हैं। जिनमें रात भर ठंड लगती रहती है। शालू, पहलवान ठंड से बुरी तरह परेशान हो रहे हैं। सोने के लिए जमीन मिल रही है। पूरी रात नींद नहीं आती है। ज्योति, पहलवान हम जो व्यवस्थाएं पहलवानों को दे रहे हैं, वो कोई यूनिवर्सिटी नहीं देती है। दूसरी यूनिवर्सिटी में तो केवल सोने के लिए दरी दे दी जाती हैं। हम कम से कम गद्दे तो दे रहे हैं। जहां तक दोगले पन की बात है तो विवि के पास इतने पलंग की व्यवस्था नहीं थी। -जीएस रूहल, क्रीड़ाधिकारी सीसीएसयू

Posted By: Inextlive