यूपी के कॉलेजों में फर्जी प्रमाण-पत्र लगाकर टीचिंग करने की शिकायतें लगातार शासन के पास पहुंच रही हैैं। इसी के चलते शासन ने संज्ञान लेते हुए बीते दिनों शासन ने गत माह पत्र लिखकर सीसीएसयू को संबंद्धित कॉलेजों के टीचर्स के प्रमाण-पत्र जांचने के निर्देश दिए थे।

मेरठ (ब्यूरो)। शासनादेश के बाद सीसीएसयू ने सभी कॉलेजों से उनके टीचर्स के डॉक्यूमेंट रिकॉड्र्स विजिलेंस विभाग में सभी टीचर्स के डॉक्यूमेंट संबंधित डाटा जमा करने को कहा था। पहले चरण में 200 कॉलेजों को टीचर्स के डॉक्यूमेंट्स जमा करने थे। अभी तक केवल 110 कॉलेजों ने ही डॉक्यूमेंट्स का डाटा सब्मिट किया है।

कॉलेजों को भेजा नोटिस
दो से तीन बार यूनिवर्सिटी के अलर्ट जारी करने के बावजूद 90 कॉलेजों ने अपने यहां के टीचर्स के डॉक्यूमेंट्स संबंधित डाटा सीसीएसयू के विजिलेंस विभाग में सब्मिट नहीं किया है। ऐसे में अब यूनिवर्सिटी ने इन कॉलेजों को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है।

बन रही लिस्ट
शासन के निर्देशानुसार ऐसे कॉलेज जो डाटा नहीं दे रहे हैैं, उनके खिलाफ सख्ती कार्रवाई की जा सकती है। वहीं सीसीएसयू से संबंद्धित जो सरकारी व गैर-सरकारी कॉलेज डाटा उपलब्ध नहीं कराएंगे, उनकी सूची शासन को भेजी जाएगी। सीसीएसयू के विजिलेंस विभाग के सदस्य अरुण सिंह ने बताया कि जिन कॉलेजों ने डाटा नहीं भेजा है उनकी सूची मांगी गई जो तैयार की जा रही है।

Posted By: Inextlive