- बच्चों को समय से पुष्टाहार उपलब्ध कराएं: सीडीओ

- गांवों में जाकर अधिकारी करें बच्चों की स्थिति का परीक्षण

Meerut : मेरठ के कुल 241443 बच्चों में से 12599 बच्चे अति कुपोषित हैं जबकि 23759 बच्चे कुपोषित की श्रेणी में आते हैं। सीडीओ नवनीत सिंह चहल ने जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर गांव-गांव जाकर बच्चों की स्थिति का परीक्षण करने के आदेश दिए हैं।

जांच के लिए लगाएं चिकित्सा शिविर

सीडीओ ने बैठक में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे समय-समय पर गांवों में जाकर चिकित्सा शिविर लगाएं और बच्चों की स्थिति की पड़ताल करते रहें। बता दें कि राज्य पोषण मिशन के अंतर्गत गोद लिए गांवों का भ्रमण कर अति कुपोषित और कुपोषित बच्चों के चिह्नीकरण और उन्हें बेहतर खानपान मुहैया कराने के निर्देश सरकार की ओर से हैं। उन्होंने कुछ अधिकारियों द्वारा गोद लिए गए गांवों के भ्रमण की रिपोर्ट उपलब्ध न कराने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की।

विकास में बाधक है कुपोषण

बैठक में उन्होंने कहा कि कुपोषण एक भयंकर रोग है, जो बच्चों के विकास में बाधक है। इस बाधा को दूर करने के लिए सभी को अपनी जिम्मेदारियों का सही प्रकार से निर्वहन करना होगा। कुपोषित बच्चों के परिजनों को जागरूक करना होगा। बैठक में जिला पोषण समिति के मण्डलीय समन्वयक मिशम अब्बास ने बताया कि जनपद में पांच वर्ष तक के बच्चों की संख्या 241443 है, जिसमें गत जनवरी माह तक लाल श्रेणी (अति कुपोषित) में कुल बच्चे 12599 है, पीली श्रेणी (कुपोषित) 23759 बच्चे हैं। जनवरी माह तक कुपोषित व अति कुपोषित कुल 36358 बच्चों के सापेक्ष 1575 बच्चे की स्थिति में सुधार हुआ है।

बढ़ा दी डाइट

बता दें कि सरकार ने सात माह से तीन साल के पोषाहार को 120 ग्राम से बढाकर 200 ग्राम और पांच से छह वर्ष के बच्चों के लिए 50 ग्राम से बढाकर 300 ग्राम दिया है। मार्च माह से कुपोषित बच्चों तथा गर्भवती महिला को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर भोजन की व्यवस्था भी की जाएगी। इस दौरान परियोजना निदेशक आरके त्रिवेदी, डीडीओ अतुल मिश्रा, डीपीओ ज्ञानप्रकाश तिवारी, डीपीआरओ अनिल कुमार आदि मौजूद थे।

Posted By: Inextlive