-आईआईटी-2015 में नौवीं कक्षा में अव्वल

-परिवार में खुशी का माहौल, बधाई देने वालों का तांता

 

Meerut : बचपन से ही टेक्निकल माइंड चिराग देव की प्रतिभा का आभास शिक्षक पिता सोहनवीर सिंह को हो गया था। किसी उपकरण में खराबी हो जाए तो चिराग पेचकस लेकर उसे ठीक कर देता था। सोहनवीर को पहले ही मालूम था कि मेहनती चिराग एक दिन उनके परिवार का बड़ौत का नाम रोशन करेगा।

 

आईआईटी-2015 में अव्वल

जागरण प्रकाशन लिमिटेड द्वारा अप्रैल में आयोजित इंडियन इंटेलीजेंस टेस्ट 2015 (आईआईटी) में नौवीं कक्षा में बड़ौत का चिराग देव अव्वल रहा।

 

देशभर में नंबर वन चिराग राजपुर-खामपुर का होनहार छात्र है। आईआइटी का परिणाम मंगलवार को इंटरनेट पर डाल दिया गया। प्रात: 10 बजे नेट पर डाले गए परिणाम में नंबर वन रैंक देखकर चिराग देव और उनके परिजनों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। उनके पिता सोहनवीर सिंह खामपुर-लुहारी इंटर कालेज में अंग्रेजी विषय के सहायक अध्यापक हैं और माता गीता देवी गृहिणी हैं। बेटे के शानदार प्रदर्शन से माता-पिता खासे गदगद हैं। चिराग घर में सबसे छोटे हैं और उनसे बड़ी उनकी एक बहन पूर्वी है। शिक्षकों ने घर पहुंचकर चिराग को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

 

मार्गदर्शक है बड़ी बहन

चिराग की बड़ी बहन पूर्वी क्रिस्तु ज्योति कान्वेंट स्कूल की एक मेधावी छात्रा है। पीसीएम से 12वीं की छात्रा पूर्वी चिराग की मार्गदर्शक है। पूर्वी ने आई नेक्स्ट को बताया कि भाई चिराग मैथ, फिजिक्स को सॉल्व करते समय डाउट्स को क्लियर करता है। न्यूमेरिकल डिस्कशन भी करता है। पूर्वी का लक्ष्य आईएएस बनना है।

 

सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत हैं मां

मेधावी छात्र चिराग की हर छोटी-बड़ी जरूरत का ख्याल रखने वाली उनकी मां गीता देवी ग्रेजुएट हैं और आदर्श गृहणी हैं। बच्चों के खानपान का ख्याल रखने के साथ-साथ उन्होंने घर की दीवारों पर पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, चर्चिल के फोटो लगाए हैं। बच्चों को प्रोत्साहित करने और सकारात्मकता के लिए मां ने दीवारों पर महापुरुषों के वक्तव्य लिखें हैं। बच्चों की पढ़ाई के दौरान वे रातभर जागकर उनका मनोबल बढ़ाती हैं।

 

सफलता की कहानी, टॉपर की जुबानी

चिराग क्रिस्तु ज्योति कान्वेंट स्कूल बड़ौत के छात्र हैं। उन्होंने नौंवी कक्षा में 85 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं। चिराग ने बताया कि उनका सपना इंजीनियर बनने का है और वह अभी से आईआईटी-जेईई परीक्षा की तैयारी में जुटे हुए हैं। इस तैयारी से जागरण की इंडियन इंटेलीजेंस टेस्ट में भी काफी सहायता मिली। चिराग ने बताया कि टेस्ट देने के बाद से ही उन्हें अपने अच्छे प्रदर्शन की पूरी उम्मीद थी।

 

अंग्रेजी का है खास महत्व

चिराग के पिता सोहनवीर सिंह खंपूलुहारी के केएचआर इंटर कॉलेज में अंग्रेजी के शिक्षक हैं। यूपी बोर्ड के इस स्कूल में अध्यापन कर रहे सोहनवीर का मानना है कि यूपी के बोर्ड का छात्र भी विशेष उपलब्धि हासिल कर सकता है, बशर्ते स्कूलों में अंग्रेजी की पढ़ाई बेहतर हो। अंग्रेजी कमजोर होने से यूपी बोर्ड का छात्र मात खाता है। सोहनवीर स्वयं चार विषयों में परास्नातक हैं।

 

 

चिराग अपनी बड़ी बहन पूर्वी की तरह ही काफी कुशाग्र बुद्धि के हैं। उनकी बहन 10वीं में जिला टॉप कर चुकी हैं। अबकी बार चिराग से भी यही उम्मीद है।

-सिस्टर फिलोमारिया, वाइस ¨प्रसिपल, किस्तु ज्योति कान्वेंट स्कूल

 

चिराग बचपन से ही मेधावी हैं। उन्होंने पांचवीं कक्षा में अपनी लक्ष्य तय कर लिया था। वह इंजीनियर बनना चाहता है और इसके लिए पूरी एकाग्रता के साथ मेहनत करते हैं। चिराग को दिन के बजाए रात्रि में पढ़ना ज्यादा पसंद हैं।

-सोहनवीर सिंह, चिराग के पिता

 

अपने दोनों बच्चों को हमेशा ईमानदारी और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। चिराग परिवार में सबका लाडला होने के बावजूद अपनी जिम्मेदारियों को बाखूबी समझता है। मुझे कभी उसे किताब उठाने के लिए कहना नहीं पढ़ता।

-गीता देवी, चिराग की माता

 

प्रोफाइल

नाम : चिराग देव

पिता का नाम : सोहनवीर सिंह

पिता का व्यवसाय : टीचर

मां का नाम : गीता देवी

मां का व्यवसाय : हाउस वाइफ

निवासी : राजपुर-खामपुर, बड़ौत

क्लास : नाइंथ

स्कूल : क्रिस्तु ज्योति कान्वेंट स्कूल, बड़ौत

Posted By: Inextlive