प्रशासन की अनदेखी से शहर की अवैध बेकरियों में धधक रही आग

केमिकल, सॉल्वेंट आदि के अलावा तंग गलियों में चल रहे हैं कारखाने

मेरठ में स्पो‌र्ट्स का ज्यादातर कारोबार तंग गलियों और कॉलोनियों में

नहीं हो रही चेकिंग, धड़ल्ले से चल रही हैं अवैध फैक्ट्रियां

Meerut : दिल्ली अग्निकांड की वीभत्सता इस बात से नजर आ रही है कि ज्यादातर लोगों की मौत धुएं से दम घुटने से हुई है। तंग गलियों में अवैध बेकरियों, फैक्ट्रियों का संचालन सिर्फ दिल्ली में ही देशभर में चल रहा है। मेरठ में भी रिहायश के बीच चिमनियों से उठता धुआं कहीं भी देखा जा सकता है। अफसोस कि यह धुआं उगल रहे ये कारखाने जिम्मेदार विभागों को दिखाई नहीं दे रहे। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में शहर के विभिन्न हिस्सों में खुलेआम धधक रही बेकरी की भट्ठियां और कारखाने नजर आए।

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रिहायश में चल रहीं भट्ठियां

मेरठ। मिश्रित इलाकों में अवैध कारखाने धड़ल्ले से चल रहे हैं। यहां तंग गलियों में बेकरी की भट्ठियों से उठ रहा धुआं देखा जा सकता है तो वहीं भड़भूजे से दिनभर आग की लपटें उठती रहती हैं। इन बेकरियों में बड़ी संख्या में मजदूर काम करते हैं, जो सुरक्षा मानकों के बिना ही काम करते हैं। मेरठ में बड़ी संख्या में अवैध केमिकल फैक्ट्रियों और गोदामों को संचालन हो रहा है। वहीं स्पो‌र्ट्स इंडस्ट्री की कई छोटी-बड़ी फैक्ट्रियां मेरठ के रिहायशी इलाकों में चल रही हैं।

बेखौफ चल रहीं बेकरियां

सबसे पहले टीम ने हापुड़ रोड से भूमिया पुल की ओर जाने वाली सड़क का रुख किया। यहां अगले चौपले पर ही एक बड़े से रेस्टोरेंट से धुआं उठ रहा था तफ्तीश में मालूम चला कि इस रेस्टोरेंट में खानपान के अलावा बेकरी का उत्पादन भी किया जाता है। सड़क ओर झुकी चिमनी से धुआं उठ रहा था, जबकि 1 दर्जन से अधिक लोग 70 वर्ग मीटर के दोमंजिला परिसर में जान हथेली पर रखकर काम कर रहे थे। इस रेस्टोरेंट में खताई भी बनाई जाती है।

सीन नंबर-2

घरों में चल रहीं भट्ठियां

लिसाड़ी गेट चौपले से पिल्लोखड़ी की ओर सड़क के दोनों और अवैध बेकरियों और फैक्ट्रियों का संचालन होता है। यहां टीम को पिल्लोखड़ी चौकी के समीप सड़क के किनारे एक बेकरी में आग धधक रही थी। दुकानों में चल रही इस बेकरी के पिछले हिस्से में भट्ठियां लगी हैं जबकि आगे के हिस्से में बेकरी प्रोडक्ट की बिक्री हो रही है। दुकानदार समेत करीब 8 करीगर 20 वर्ग मीटर के इस परिसर में इस दौरान मौजूद थे।

सीन नंबर-3

मानकों की उड़ रहीं धज्जियां

समर गार्डन में एक अवैध बेकरी में तो मानकों को जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही थीं। यहां अवैध बेकरी में 18 वर्ष से कम उम्र के आधा दर्जन बच्चे काम कर रहे थे। जो इन अवैध भट्ठियों के बाहर दिनभर झुलसते हैं। बेकरी की यह फैक्ट्री 20 गर्ज की एक दुकान में चल रही है। यहां भी दुकान के पिछले हिस्से में भट्ठियां सुलग रही हैं जबकि आगे के हिस्से में बेकरी उत्पादों को रखा गया है।

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धड़ल्ले से धधक रहीं फैक्ट्रियां

मेरठ में बड़े पैमाने पर अवैध फैक्ट्रियों, कारखानों और गोदामों का संचालन रिहायशी इलाकों में हो रहा है। मेरठ सूरजकुंड इलाके में गत दिनों एक स्पो‌र्ट्स गुड्स की फैक्ट्री में भीषण आग लगी थी, बता दें कि इस फैक्ट्री के आसपास के मकानों की दीवार आग की जद में आकर दरक गई थी। आलम यह है कि इस इलाके में छोटी-बड़ी 1 हजार से अधिक स्पो‌र्ट्स की अवैध फैक्ट्रियां और स्पो‌र्ट्स गुड्स गोदाम मौजूद हैं। जहां हमेशा हादसे का डर बना रहता है। टीपी नगर, मलियाना, मोहकमपुर, स्पो‌र्ट्स कॉम्प्लेक्स, मेजर ध्यान चंद्र नगर आदि स्थानों पर अवैध केमिकल फैक्ट्रियां और गोदामों का संचालन किया जा रहा है। गत दिनों मेजर ध्यानचंद्र नगर में एक अवैध गोदाम में लगी भीषण आग ने रिहायशी इलाके में 12 घंटे तक दहशत कायम रही। इसके अलावा शहर के मिश्रित आबादी क्षेत्रों में अवैध पॉवरलूम फैक्टियों का संचालन हो रहा है। करीब 2 हजार पॉवरलूम फैक्ट्रियों का संचालन हो रहा है। जो एक-दो कमरे के मकानों में चल रही हैं। गत दिनों लिसाड़ी गेट थानाक्षेत्र में रिहायश के बीच दो पॉवरलूम फैक्ट्रियों में आग लगी थी। इसके अलावा शहर के देहलीगेट, घंटाघर, मकबरा डिग्गी, माधवपुरम, सोतीगंज, कोतवाली, मछेरान, हापुड़ अड्डा समेत विभिन्न क्षेत्रों में धड़ल्ले से अवैध फैक्ट्रियों का संचालन हो रहा है।

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'जिम्मेदारी' से बच रहे विभाग

इन अवैध फैक्ट्रियों का संचालन उद्योग विभाग की अनुमति के बिना हो रहा है। जबकि फायर बिग्रेड की एनओसी भी इन फैक्ट्रियों और कारखानों के पास नहीं हैं। नगर निगम, मेरठ विकास प्राधिकरण, यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समेत सभी संबंधित विभागों की आंखों में धूल झोंककर शहरभर में जानलेवा गतिविधियों का संचालन हो रहा है। जबकि जिम्मेदार विभाग जिम्मेदारी से हाथ खड़े कर रहे हैं। गत दिनों मेजर ध्यानचंद्र नगर में हुए भीषण अग्निकांड के बाद एडीएम सिटी अजय कुमार तिवारी ने आधा दर्जन से अधिक विभागों को नोटिस जारी कर घटनाक्रम के संबंध में स्पष्टीकरण तलब किया था। किंतु आश्चर्यजनक है कि अभी तक किसी भी विभाग द्वारा संतोषजनक जबाव नहीं दिया गया। जबकि अवैध भंडारण के आरोपों की जांच के लिए जिला पूर्ति विभाग ने अभी तक अवैध गोदाम से सैंपलिंग की कार्रवाई को पूरा नहीं किया।

गलियों में बिछा है बारुद

मेरठ वेस्ट यूपी में सर्वाधिक अवैध पटाखा फैक्ट्रियों के नाम से भी चर्चित है। यहां तीरगरान, भावनपुर, शिवशक्तिनगर, भोपाल विहार, गेसूपुर आदि स्थानों पर बड़ी संख्या में अवैध पटाखा फैक्ट्रियों का संचालन हो रहा है। पुलिस-प्रशासन से शह से चल रही इन अवैध फैक्ट्रियों में आए दिन हादसे हो रहे हैं।

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जल्द ही मेरठ में एक अभियान चलाकर अवैध फैक्ट्रियों, कारखानों और गोदामों को आबादी क्षेत्र से बाहर किया जाएगा। मेरठ में लगातार हो रहे अग्निकांड के अलावा ऐहतियातन भी एक नोडल कमेटी का गठन किया जाएगा। जिसमें सभी विभागों के अधिकारी शामिल रहेंगे। नोडल कमेटी अग्निकांड की घटना को रोकने के लिए काम करेगी, वहीं अवैध गतिविधियों के संचालन पर भी लगाम लगाएगी।

-अजय कुमार तिवारी, एडीएम सिटी, मेरठ

Posted By: Inextlive