कमिश्नर से लेकर डीएम ने किया विभागों का औचक निरीक्षण

बीएसए से लेकर नगर निगम में पहुंचे कमिश्नर और डीएम

Meerut। बुधवार को शासन के आदेश पर प्रशासनिक अमला अलर्ट मोड पर है। कमिश्नर और डीएम ने विभिन्न विभागों में जाकर आला अधिकारियों की उपस्थिति से लेकर विभाग की कार्यप्रणाली की जांच की। इस दौरान अनुपस्थित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस से लेकर वेतन तक काटे गए।

निगम पहुंचे डीएम

गौरतलब है कि शासन ने हर दिन कमिश्नर, डीएम को कार्यालयों के निरीक्षण का आदेश दिया है इस निरीक्षण के बाद ही वे कार्यालयों में जाएंगे। इसके तहत बुधवार सुबह डीएम अनिल ढींगरा ने नगर निगम समेत मेरठ ब्लाक पर औचक छापेमारी कर अधिकारियों व कर्मचारियों की उपस्थित चेक की। डीएम की अचानक हुई छापेमारी से नगर निगम में हड़कंप मच गया। डीएम सीधे नगर निगम पहुंचे और नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त से कर्मचारियों की उपस्थिति के रजिस्टर मंगवा कर जांच की। इस दौरान निर्माण विभाग सहित कई विभागों के कर्मचारी अनुपस्थित मिले। डीएम ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी अनुपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर वेतन काटने के आदेश दिए हैं। इस दौरान डीएम ने कहा कि अब सभी को अपने निर्धारित समय से कार्यालय आना होगा और समय पर ड्यूटी करनी होगी।

डीएम ने रोका वेतन

निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित मिले नगर निगम के 9 अधिकारियों का डीएम ने वेतन रोक दिया। इनमें नगर निगम के चीफ इंजीनियर यशवंत सिंह, नगर स्वास्थ अधिकारी डॉ गजेंद्र सिंह, कर निर्धारण अधिकारी चंद्रभूषण और गृह कर लिपिक संजीव गुप्ता शामिल रहे।

मिली भारी अनियमितताएं

इसके बाद डीएम ने मेरठ विकास खंड में भी छापा मार कर हाजिरी रजिस्टर को चेक कर योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट देखी। इस दौरान निरीक्षण में डीएम को भारी अनियमितता मिली। ब्लॉक द्वारा 14 दिन से श्रमिको को भुगतान नही किया था। ऐसे करीब 34,2000 का भुगतान अभी लंबित चल रहा है वहीं एनआरएलएम के काम की प्रगति धीमी होने पर नाराजगी जताते हुए डीएम अनिल ढींगरा ने ग्राम विकास अधिकारी देवेंद्र कुमार और ग्राम पंचायत अधिकारी अरुण कुमार का वेतन रोकने के आदेश दिए। डीएम ने विकास कार्याें की समीक्षा करते हुए विकास योजनाओं में तेजी लाने की निर्देश दिए।

कमिश्नर ने किया निरीक्षण

इसके साथ ही खुद कमिश्नर अनीता मेश्राम ने सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की उपस्थिति को लेकर शिक्षा विभाग के कई ऑफिसों में औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान उन्होंने डीआईओएस ऑफिस, डीडीआर ऑफिस, जेडी ऑफिस, मंडलीय सहायक शिक्षा निरीक्षक के ऑफिस पहुंचकर कर्मचारियों की उपस्थिति जांची, इस दौरान अधिकतर विभागों में कर्मचारी नदारद मिले। जिसके बाद कमिश्नर में सभी विभागों से रिपोर्ट मांगी है। डीआईओएस गिरजेश कुमार चौधरी ने बताया की सभी की रिपोर्ट भेजी जा रही है। जो कर्मचारी अनुपस्थित थे उनकी सूची बनाई जा रही है।

ये दिए निर्देश

कमिश्नर में संयुक्त शिक्षा निदेशक को निर्देशित किया कि निरीक्षण के समय गैरहाजिर कर्मचारियों पर कार्रवाई करें। गैरहाजिर मिलने पर मंडलीय वित्त एवं लेखाधिकारी (माध्यमिक शिक्षा) सहित उनके कार्यालय के समस्त काíमकों का स्पष्टीकरण तलब किया गया। संयुक्त शिक्षा निदेशक व जिला विद्यालय निरीक्षक से भी स्पष्टीकरण तलब किया। कमिश्नर ने संयुक्त शिक्षा निदेशक, प्रथम मंडल, कार्यालय के निरीक्षण के दौरान पाया कि भवन बहुत पुराना है, जोकि जर्जर है, जिसकी मरम्मत की आवश्यकता है। संयुक्त शिक्षा निदेशक को मरम्मत कराने के निर्देश दिए। इसके अलावा साफ सफाई भी नहीं मिली। इसके अलावा मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक के निरीक्षण के दौरान उपस्थिति पंजिका अवलोकन किया। इसके साथ ही संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय में कर्मचारी उपस्थित नहीं थे। उपस्थिति पंजिका के अवलोकन के दौरान पाया गया कि पांच कर्मचारियों को छोड़कर सभी कर्मचारी गैरहाजिर रहे। मंडलीय वित्त एवं लेखाधिकारी (माध्यमिक शिक्षा) सहित समस्त काíमक अनुपस्थित मिलने पर आयुक्त ने नाराजगी जताई। कार्यालय-उपनिरीक्षक संस्कृत पाठशालाएं के निरीक्षण के दौरान एक कर्मचारी गैरहाजिर मिले। कार्यालय जिला विद्यालय निरीक्षक (द्वितीय), मेरठ का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय जिला विद्यालय निरीक्षक (द्वितीय) कार्यालय के सम्बन्ध में कर्मचारियों द्वारा अवगत कराया गया।

Posted By: Inextlive