ऑनलाइन एजुकेशन के बाद भी नहीं जमा हो रही फीस, एडमिशन भी हुए शार्ट

Meerut। कोरोना काल में जहां ऑनलाइन एजुकेशन स्टूडेंट्स और पेरेंट्स के सामने चुनौती बन गई। वहीं फीस न मिलने से कई स्कूलों के सामने बंदी का संकट खड़ा हो गया है। स्कूल संचालकों का कहना है कि जिले में सात से आठ प्रतिशत छोटे स्कूल अपना खर्चा तक नहीं निकाल पा रहे हैं। ऐसे में उनके पास स्कूल बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बच रहा है।

नहीं आ रही फीस

स्कूल संचालकों का कहना है कि करीब पांच महीने से स्कूलों के पास फीस नहीं आई है। अधिकतर छोटे प्राइमरी और प्ले स्कूलों में 40 से 60 तक बच्चे होते हैं। जनवरी में पेरेंट्स ने मार्च तक की फीस जमा करवाई थी। नया सेशन होने की वजह से मार्च में स्कूलों के सामने कई खर्चे आते हैं। चूंकि अप्रैल से अगस्त मिड तक फीस का संकट सामने आया है ऐसे में स्कूल ड्रेनआउट हो चुके हैं।

एडिमशन हुए कम

पिछले साल तक स्कूलों में अप्रैल से मई तक नो एडिमशन के बोर्ड टंग जाते थे लेकिन इस बार स्थिति विपरीत हो गई है। अधिकतर स्कूलों में नए एडिमशन न के बराबर हो रहे हैं। ऑनलाइन क्लासेज के बावजूद पेरेंट्स बहुत ज्यादा इंट्रेस्ट नहीं ले रहे हैं।

ये होते हैं अनिवार्य खर्चे

स्कूल बिल्डिंग का रेंट

4 से 8 टीचर्स की सैलेरी

ड्राइवर, गार्ड, हेल्पर, मेड आदि की सैलेरी

बिजली का बिल

इंस्टालमेंट्स और टेक्सेस

फीस जमा न होने की वजह से स्कूलों का पूरा शेड्यूल बिगड़ गया है। ऑनलाइन क्लासेज को लेकर भी स्कूल किसी तरह की लापरवाही नहीं बरत रहे हैं। कई छोटे स्कूलों के सामने ये संकट खड़ा हो चुका है।

राहुल केसरवानी, सहोदय सचिव

पुराने स्कूलों ने काफी कॉस्ट कटिंग की है। नए स्कूलों के सामने सरवाइल का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में कुछ स्कूल बंद होने की कगार तक भी पहुंच गए हैं।

अमरीश अग्रवाल, संचालक, ऐम इंटरनेशनल स्कूल

Posted By: Inextlive