कोरोना को मात देने वाले पेशेंट्स बन रहे मिसाल

डॉक्टर्स बोले- खानपान, जीवन शैली में भी हुआ बदलाव

Meerut। कोरोना वायरस हर दिन अपना जाल मजबूत कर रहा है। नए मरीजों का आंकड़ा दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। वहीं मेरठ इस जंग में जीत के नए आयाम भी स्थापित कर रहा है। जिले में अब तक 80 प्रतिशत से ज्यादा मरीज रिकवर हो चुके हैं। हालांकि इनमें अधिकतर मरीज माइल्ड सिम्पट्म्पस वाले ही हैं, लेकिन कुछ मरीज लेवल-3 यानी क्रिटिकल सिम्पटम्स से लड़कर भी रिकवर हुए हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक इस मरीजों के ठीक होने में ट्रीटमेंट का जितना योगदान रहा है वहीं सभी में स्ट्रांग इम्यूनिटी और विल पॉवर ने अहम भूमिका निभाई है।

डरना नहीं, लड़ना जरूरी

कोरोना से जंग जीत चुके सूर्य नगर निवासी मरीज ने बताया कि कोरोना से डरना नहीं हैं बस लड़ना जरूरी है। इसमें फिजिकल एक्टिवनेस और योग बहुत काम आया। वह बताते हैं कि 21 मार्च को इंडिया वापस आने के लिए उन्हें फ्लाइट ली थी। इसके बाद 29 मार्च को वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। उन्होंने बताया कि वह बिल्कुल भी डरे नहीं। विल पॉवर स्ट्रांग रखी। मेडिकल कॉलेज के कोविड-19 अस्पताल में एडिमट होने के बाद भी उन्होंने योग को अपनाए रखा। वह बताते हैं कि निगेटिव होने के बाद ये श्योर हो जाता है कि आप ठीक हो, बॉडी में वायरस नहीं हैं लेकिन बॉडी की इम्यूनिटी क्या है ये कहना मुश्किल होता है। इसलिए बाद में भी इसे मैंटेन करना जरूरी होता है।

दिन रात बीमार करेगा वायरस

कोरोना से जंग जीत चुके एक और मरीज ने बताया कि कोरोना वायरस का लोड अगर एक बार बॉडी में आ गया तो ये एक पल भी रेस्ट नहीं करता है। मरीज को दिनरात बीमार करने की कोशिश में रहता है। इससे बचने का एक मात्र तरीका खुद की विल पॉवर को स्ट्रांग रखना है। वह बताते हैं अगर खुद को बीमार मानकर डरना शुरु कर देंगे तो ये मरीज के लिए नुकसान दायक होता है। हौंसला बनाए रखना जरूरी होता है।

आयुर्वेद का साथ

जागृति विहार निवासी एक मरीज ने बताया कि कोरोना संक्रमण में दवाइयों का अपना रोल है लेकिन मजबूत इम्यूनिटी बॉडी के दूसरे आर्गंस को एक्टिव रखती है और वायरस से लड़ने में अहम भूमिका निभाती है। वह बताते हैं इसमें आयुर्वेद का काफी सहयोग रहा। इलाज के दौरान सुबह उठकर कच्चा लहसुन खाया। दिनभर में कच्चे अदरक को मुंह में रखकर रस इंहेल किया। एक दिन भी योग का साथ नहीं छोड़ा। चार बार टेस्ट पॉजिटिव आया। वायरस का वॉल्यूम बॉडी में काफी ज्यादा था, लेकिन फिर भी हिम्मत नहीं हारी। वह बताते हैं कि पहले से ही प्रणायाम करता रहा हूं। इसलिए बॉडी में वायरस से लड़ने की क्षमता बनी हुई थी।

कोरोना वायरस के क्रिटिकल मरीजों में भी फिजिकल फिटनेस का अच्छा होना काफी सहायक साबित हो रहा है। जो मरीज एक्सरसाइज, योग या किसी भी तरह की फिजिकल एक्टिविटी करते हैं उनके रिकवर होने के चांस तेजी से बढ़े हैं। कई मरीजों में योग का अभ्यास काफी फायदेमंद साबित हुआ है।

डॉ। तुंगवीर सिंह आर्या, नोडल इंचार्ज, कोविड-19 अस्पताल मेडिकल कॉलेज

कोविड वॉर्ड में ड्यूटी के दौरान देखने में आया है कि इम्यूनिटी बूस्ट अप का मरीजों के रिकवर होने में अहम रोल रहा है। बैलेंस्ड डाइट के साथ फिजिकल फिटनेस बहुत जरूरी है।

डॉ। विकास तोमर, एमओ

Posted By: Inextlive