सामाजिक बहिष्कार के डर से कोरोना की जांच नहीं करा रहे मरीज

हालत बिगड़ने पर पहुंच रहे इलाज कराने, जांच में हो रहा खुलासा

Meerut। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए शासन और प्रशासन भले ही तमाम प्रयास कर रहे हैं लेकिन वायरस संक्रमण का प्रकोप कम होने की बजाए बढ़ता ही जा रहा है। स्थिति ये है कि मरीज संक्रमित होकर क्रिटिकल हालत में पहुंच रहे हैं। एक्सप‌र्ट्स का कहना है कि लोग बीमारी बताने की बजाए छुपाने की कोशिश कर रहे हैं। हालात बिगड़ने पर ही लोग जांच करवा रहे हैं। इसकी बड़ी वजह बीमारी और सामाजिक भेदभाव का डर है।

ये है स्थिति

मेडिकल कॉलेज के कोविड- 19 लेवल-3 अस्पताल में वायरस संक्रमण की वजह से एडमिट करीब 60 प्रतिशत मरीज ऐसे हैं, जिनकी हालत क्रिटिकल है। डॉक्टर्स का कहना है कि इन मरीजों के गंभीर स्थिति में पहुंचने की मुख्य वजह देर से जांच होना और इलाज मिलना है। मरीज शुरूमें मानने को तैयार ही नहीं होते हैं कि उन्हें कोरोना वायरस ने जकड़ लिया है। बीमार होने के तीन से पांच दिन तक भी वह इसे इगनोर करते हैं। न टेस्ट करवाते हैं न ही ट्रीटमेंट लेते हैं। इतने दिन तक बीमारी छुपाने की वजह दूसरे लोग भी इंफेक्शन की जद में आ जाते हैं। लोग कोरोना संक्रमण के लक्षणों को तब गंभीरता से लेते हैं, जब हल्के या गंभीर लक्षण दिखाई देने लगते हैं। मगर तब तक मरीज में संक्रमण की दर काफी बढ़ जाती है।

ये है वजह

कोरोना संक्रमण को छुपाने की मुख्य वजह लोगों में जहां बीमारी का डर है वहीं सोसाइटी में भेदभाव की चिंता भी। मरीजों का कहना है कि सोसायटी में इस बीमारी को अलग तरह से देखा जा रहा है। लोगों का पता लगते ही संक्रमित व्यक्ति से भेदभाव शुरू हो जाता है। संक्रमित व्यक्ति को सबसे बड़ा डर ये है कि लोग सीधे तौर पर उसका बहिष्कार कर देंगे। बाहरवालों के साथ ही रिश्तेदारों के व्यवहार में भी परिवर्तन आने लगता है। हालांकि डॉक्टर्स का कहना है कि इस तरह की सोच की वजह से मरीज खुद का ही नुकसान कर रहे हैं।

आइसोलेशन भी बन रहा वजह

मेडिकल कॉलेज के पूर्व सीएमएस डॉ। धीरज राज बताते हैं कि कोविड-19 संक्रमण को छुपाने की वजह लोगों में आइसोलेशन या एडिमट होने का डर भी है। कई दिनों तक एडिमट रहना या घर पर ही रहने के अलावा परिवार और मिलने वालो में भी जांच के डर की वजह लोग बीमारी को छुपाने की कोशिश कर रहे हैं।

बीमारी छुपाने की मानसिकता की वजह से ही वायरस संक्रमण कम होने की बजाए बढ़ रहा है। यही वजह है कि मरीज क्रिटिकल सिचुएशन में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। लोगों से हमारी अपील है कि कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण नजर आने पर तुरंत कोविड टेस्ट करवाएं। घबराने की बजाए एहतियात बरतें।

डॉ। ज्ञानेंद्र कुमार, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive