मेडिकल कॉलेज में भर्ती था लैब टेक्नीशियन, नहीं मिला इलाज

साथियों ने जारी की, अव्यवस्थाओं की फोटो

प्रिंसिपल ने कहा, हो रही मॉनीटरिंग, कराएं जांच

Meerut। बुधवार को मेडिकल कॉलेज में इलाज का एक वीडियो वायरल होने से स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े हो गए। कोरोना से मारे गए एक युवा लैब टेक्नीशियन ने अपनी मौत से कुछ समय पहले यह वीडियो बनाया था।

लगाई इलाज की गुहार

अब्दुल्लापुर स्वास्थ्य केंद्र पर लैब टेक्नीशियन के रूप में कार्यरत 32 साल का युवक अंशुल अपने इलाज की गुहार लगाता रहा। वीडियो भी जारी किया गया। डाक्टरों की डगर देखते-देखते उसकी आंखें बंद हो गईं। ऑक्सीजन मिली, न इलाज। स्वास्थ्य विभाग भी अपने कर्मचारी के साथ इंसाफ नहीं कर पाया। युवक अपने पीछे छह माह के जुड़वां बच्चे छोड़ गया। युवक के परिजनों का आरोप है कि उसे ऐसे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था, जहां ऑक्सीजन नहीं है, जिससे मौत हुई।

दो दिन इंतजार

अब्दुल्लापुर स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत अंशुल 15 अप्रैल को पॉजिटिव मिलने पर मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुआ था। वार्ड में भारी भीड़ देखकर सब्र बांधा। दो दिन डॉक्टरों का इंतजार किया। रविवार को उसने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया, जिसमें वो कह रहा है किये मेरे जैसे स्वास्थ्यकर्मी का इलाज नहीं कर रहे हैं, आम आदमी की क्या हालत होती होगी। इस वीडियो में युवक की सांस फूलती नजर आ रही है। डाक्टर आते हैं और पल्स देखकर चले जाते हैं। कोई दवा और इंजेक्शन नहीं दिया जा रहा। वीडियो में उसका दर्द साफ देखा जा सकता है।

देखभाल नहीं

बाद में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा। प्रवीण गौतम ने मेडिकल कालेज के डाक्टरों से उसके इलाज के लिए कहा। एक दिन रेमेडेसिविर इंजेक्शन भी लगा, लेकिन बाद में कोई देखभाल नहीं हुई।

फोटो भी वायरल

मृतक लैब टेक्नीशियन के साथियों ने ऐसी फोटो वायरल की है, जो वार्ड में अंतिम दिनों की है। यहां आक्सीजन आपूर्ति की कोई पाइपलाइन नजर नहीं आ रही है। उनका आरोप है कि युवक की मौत आक्सीजन न मिलने से हुई है। लैब टेक्नीशियनों में भारी आक्रोश है।

कोविड मरीजों की सीसीटीवी से नियमित मॉनीटरिंग हो रही है। वीडियो का विश्लेषण किया जा रहा है। मौत की वजहों की भी रिपोर्ट तलब की गई है।

डॉ। ज्ञानेंद्र सिंह, प्राचार्य

Posted By: Inextlive