654 करोड़ के बजट वाली बोर्ड बैठक चढ़ी हंगामे की भेंट

नगर निगम की बोर्ड बैठक में पार्षदों ने किया जमकर हंगामा

नारेबाजी के बीच पार्षदों ने किया विरोध प्रदर्शन

Meerut। नगर निगम की 654 करोड़ के बजट के साथ शुरू हुई बोर्ड बैठक शनिवार को एक बार फिर पार्षदों के हंगामे की भेंट चढ़ गई। बैठक शुरू होते ही पार्षद अब्दुल गफ्फार द्वारा अपनी जैकेट की बैक पर आई एम नॉट टेरेरिस्ट लिखवाकर घूमने को लेकर उठा विवाद मारपीट और भारी हंगामे में बदल गया। जिसके बाद बैठक को 15 मिनट के लिए रोक दिया गया। इस बीच खूब धक्का-मुक्की हुई, पुलिस ने भी बीच-बचाव की कोशिश की। वंदेमातम और हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारों के बीच हालात बेकाबू होते देख मेयर सुनीता वर्मा ने बोर्ड बैठक स्थगित कर दी।

ये रहा मामला

नगर निगम के पार्षद अब्दुल गफ्फार ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 20 दिसंबर को अपनी जैकेट की बैक पर आई एम नॉट टेरेरिस्ट, कम बैक एनआरसी, कैब और सीएए लिखवाकर अपना विरोध जताया था। इसके बाद शनिवार को बैठक में इस मामले ने तूल पकड़ लिया और पार्षद के नगर निगम में इस तरीके से घुमने को लेकर एक बार फिर विवाद शुरु हो गया। भाजपा पार्षदों ने बोर्ड बैठक में हंगामा कर पार्षद अब्दुल गफ्फार को सदन से बाहर करने की मांग की। वहीं मांग पूरी न होने तक बोर्ड बैठक का बहिष्कार भी कर दिया। इसके बाद बसपा, कांग्रेस व सपा पार्षद अब्दुल गफ्फार के समर्थन में आ गए और मामला धक्का-मुक्की तक जा पहुंचा। जिसके बाद नाराज भाजपा पार्षदों ने आरोप लगाया कि पार्षद की भूमिका की जांच होनी चाहिए कि क्यों इन्हीं के क्षेत्र में ज्यादा हिंसा हुई है।

15 मिनट के रोकी बैठक

पार्षदों के बीच विवाद को बढ़ता देख मेयर सुनीता वर्मा और नगरायुक्त अरविंद चौरसिया पार्षदों का समझाते रहे, लेकिन हंगामा खत्म नहीं हुआ। पार्षद अब्दुल गफ्फार के समर्थन में आए बसपा, सपा व कांग्रेस के पार्षद ने कहा इसमें कुछ गलत नहीं हैं। ये मौलिक अधिकार है, कोई छीन नहीं सकता और माफी मांगने का सवाल ही पैदा नहीं होता। इसके बाद पार्षदों के बीच जमकर कहासुनी हुई और मामला मारपीट तक जा पहुंचा। मामला इतना बढ़ गया कि सिटी मजिस्ट्रेट संजय कुमार पांडेय और सीओ कोतवाली दिनेश शुक्ला भी मौके पर पहुंच गए और सभी पार्षदों को खूब समझाया, लेकिन कोई नहीं माना। आखिरकार मेयर सुनीता वर्मा ने बोर्ड बैठक स्थगित कर दी और पुलिस ने सभी पार्षदों को घर भेज दिया।

नगर निगम की बोर्ड बैठक अक्सर पार्षदों के हंगामे की भेंट चढ़ जाती है। शहर के विकास कार्यों की रुपरेखा तैयार नहीं हो पाती है। हंगामा न होता तो बैठक में 654 करोड़ रुपये का बजट को लेकर कार्यो की रणनीति तैयार की जाती। नगरायुक्त से बात करके आगे की बैठक की रुपरेखा बनाई जाएगी।

सुनीता वर्मा, महापौर

Posted By: Inextlive