- मेरठ पहुंचे एडीजी कानून व्यवस्था मुकुल गोयल, रेंज के अधिकारियों के साथ की समीक्षा

- साइबर क्राइम को माना सबसे बड़ी चुनौती, पुलिस को प्रशिक्षण देने की जरूरत

- प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद ही खुल जाएंगे थाने, डीआईजी को दिए आवश्यक निर्देश

Meerut: यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर मुकुल गोयल ने माना है कि प्रदेश में साइबर क्राइम में दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी होती जा रही है। इस पर रोकथाम नहीं हो पा रही है। अन्य क्राइम के मुकाबले साइबर क्राइम के मामलों में इजाफा होने के चलते आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रदेश की सभी रेंजों में साइबर क्राइम के थाने खोलने का निर्णय लिया गया है। जिसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद ही रेंज के दो जिलों में एक-एक थाना खोला जाएगा।

पीडि़त को मिलेगी सभी जानकारी

एडीजी ने बताया कि अभी तक प्रदेश में एक भी साइबर सेल का कोई भी थाना नहीं है। जिसके चलते पीडि़तों को मुसीबत का सामना करना पड़ता था। पीडि़त साइबर सेल में जाते थे तो कभी जांच अधिकारी नहीं मिलता था तो कभी सीओ क्राइम नहीं मिलते थे। लेकिन अब थाना खुलने के बाद इंस्पेक्टर का समय थाने में बैठने का निर्धारित कर दिया जाएगा। ताकि जो भी पीडि़त फरियाद लेकर थाने जाए उसको आसानी से जानकारी मिल जाए, उसके केस में क्या चल रहा है। पुलिस क्या कर रही है पूरी जानकारी से संतुष्ट कर दिया जाए। साइबर सेल का थाना खुलने के बाद संबंधित जांच अधिकारी को जल्द ही घटना के खुलासे के लिए भी निर्देशित किया जाएगा। मेरठ में दो साइबर सेल के थाने खोले जाएंगे। जिसके लिए डीआईजी मेरठ रेंज को थानों के लिए जगह देखने के लिए भी निर्देशित किया गया है। डीजीपी की मुहर लगने के बाद ही साइबर सेल थाने खोल दिया जाएगा।

प्रशिक्षण देने की जरूरत

मुकुल गोयल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि साइबर सेल में पूरे प्रदेश में हमारी पुलिस कमजोर है। हमारे पुलिस कर्मियों में प्रशिक्षण की कमी है, जिसके चलते प्रदेश के इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और कांस्टेबल को चिन्हित करके उन्हें ट्रेनिंग देने का निर्णय लिया गया है। साइबर थाने खोलने से पहले पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। साइबर थानों को सीसीटीएनएस के तहत ऑनलाइन किया जाएगा।

Posted By: Inextlive